निर्माण तोडऩे से तिलमिलाई मंत्री सीमा त्रिखा, अधिकारी को धमकाया कार्रवाई के दूसरे दिन ही फिर से शुरू हो गया निर्माण कार्य

निर्माण तोडऩे से तिलमिलाई मंत्री सीमा त्रिखा, अधिकारी को धमकाया कार्रवाई के दूसरे दिन ही फिर से शुरू हो गया निर्माण कार्य
May 19 09:08 2024

रीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) ईएसआई चौक के पास एनएच तीन में हो रहे अवैध निर्माण और कब्जे पर नगर निगम ने कार्रवाई की तो बडख़ल विधायक सीमा त्रिखा ने नगर निगम संयुक्त आयुक्त जितेंद्र गर्ग को आड़े हाथों लिया। बुरी तरह धमकाते हुए कहा कि मेरी विधानसभा में किसी भी अवैध निर्माण पर कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। अगर चुनाव खराब हुआ और मेरे फाइनेंसर नाराज हुए तो समझ लेना तुम्हारी खैर नहीं। विधायक द्वारा लताड़ लगाए जाने के दूसरे दिन ही इमारत में दोगुनी तेजी से काम शुरू हो गया। संयुक्त आयुक्त दोबारा कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं।

ईएसआई चौक रेड लाइट के सामने छह सौ गज में पिछले एक महीने से प्लॉटिंग हो रही है। नगर निगम के नियमों को धता बताते हुए आवासीय प्लॉट में बेसमेंट और दुकानें बनाई जा रही हैं। भरोसेमंद सूत्रों के अनुसार ये निर्माण चुनाव में कृष्णपाल गूजर, सीमा त्रिखा को फाइनेंस करने वाले भूमाफिया-धनपशुओं द्वारा करवाया जा रहा है। फाइनेंसरों को किसी तरह की समस्या न हो इसके लिए मंत्री कृष्णपाल के चहेते डिप्लोमाधारी एसडीओ सुरेंद्र हुड्डा को ओल्ड नगर निगम से बुलाकर यहां लगाया गया। मंत्री के आशीर्वाद से बेलदार से एसडीओ पद तक पहुंचे सुरेंद्र हुड्डा ने मिलीभगत कर बिना अनुमित, सीएलयू आदि के बिना ही अवैध निर्माण शुरू करवा दिया, जाहिर है कि इसके लिए उसकी मुट्ठी अच्छी खासी गर्म की गई होगी। सत्ता और निगम के भ्रष्ट एसडीओ की शह पर इमारत में धड़ल्ले से बेसमेंट बनाए जाने का कार्य चल रहा था।

अवैध निर्माण होते देख इलाके के कुछ लोगों ने इसकी शिकायत संयुक्त आयुक्त जितेंद्र गर्ग से की थी। इस पर संयुक्त आयुक्त ने 10 मई शुक्रवार को तोड-फोड़ का आदेश जारी कर दिया। जेई संदीप की अगुवाई में मौके पर पहुंचे तोडफ़ोड़ दस्ते ने अवैध रूप से बन रही इमारत का बेसमेंट पूरी तरह से तोड़ दिया। मौके पर मौजूद राजगीर और मज़दूरों ने जमीन के मालिक या निर्माण कराने वाले ठेकेदार के बारे में कुछ नहीं बताया, दस्ता संयुक्त आयुक्त की ओर से जारी नोटिस चस्पा कर लौट गया। इधर दस्ता तोडफ़ोड़ कर नगर निगम पहुंचा और दूसरी ओर प्लॉट के मालिक और ठेकेदार सीमा त्रिखा के पास पहुंचे। इन लोगों की नाराजगी थी कि चुनाव से लेकर रैलियां निकालने में खर्च करने से लेकर हर तरह से मंत्री- विधायक और भाजपा की मदद करने के बावजूद निर्माण गिरा दिया गया। सीमा ने गुस्से में पूछा कि किसने गिरवाया है, बताया गया कि संयुक्त आयुक्त जीतेंद्र गर्ग के आदेश पर कार्रवाई की गई है।

इस पर उन्होंने संयुक्त आयुक्त को फोन पर तलब कर जमकर खरीखोटी सुनाई। धमकाया कि चुनाव खराब करना चाहते हो, जीतेंद्र गर्ग ने सफाई दी कि शिकायत पर कार्रवाई की थी। विधायक ने सख्त आदेश दिया कि मेरी बडख़ल विधानसभा क्षेत्र में किसी भी तरह का निर्माण हो रहा हो, कोई तोडफ़ोड़ नहीं की जाएगी। अगर तुम लोगों की वजह से चुनाव खराब हुआ तो अपनी खैर न समझना। चुनाव के बाद सबको ठिकाने लगवा दूंगी। बताया जाता है कि फाइनेंसरों को खुश करने के लिए सीमा त्रिखा ने संयुक्त आयुक्त को और भी भली बुरी बातें कहीं।

संयुक्त आयुक्त को धमकाने के बाद फाइनेंसरों को दोबारा निर्माण शुरू कराने का अभयदान भी दिया। नतीजा ये हुआ कि शनिवार को ही दोगुनी तेजी से इमारत में निर्माण कार्य शुरू हो गया, जो आज भी जारी है। इस संबंध में संयुक्त आयुक्त जीतेंद्र गर्ग से जानने का प्रयास किया गया तो उनका जवाब था कि आप लिखित शिकायत दे दो, उसके बाद जांच करवाएंगे कि क्या मामला है। उनके पीछा छुड़ाने के ढंग से जाहिर हो रहा था कि वो इस मामले पर बात नहीं करना चाह रहे थे।

भाजपा के बागी सूत्रों के अनुसार लोकसभा चुनाव की घोषणा के समय ही केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गूजर और सीमा त्रिखा की फाइनेंसरों के साथ बैठक हुई थी। इसमें फाइनेंसरों को समझाया गया था कि आदर्श चुनाव आचार संहिता की आड़ में अपने सभी अवैध और जाली काम तेजी से निपटा लो, अधिकारियों को मैसेज दे दिया गया है कि चुनाव अच्छे से निपटाने हैं ऐसे में कहीं भी कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। यही कारण है कि आचार संहिता लागू होते ही शहर में अवैध निर्माण तेजी से किए जा रहे हैं। नीलम- बाटा, एनआईटी पांच और चिमनी बाई रोड पर आवासीय प्लॉटों पर कॉमर्शियल निर्माण तेजी से जारी हैं। इन निर्माणों को हरी झंडी देने वाला कृष्णपाल और सीमा का प्रिय चेला एसडीओ सुरेेंद्र हु्ड्डा है। वह वसूली कर अपने आकाओं से लेकर आला अधिकारियों तक हिस्सा पत्ती पहुंचाता है ताकि सबका साथ-सबका विकास होता रहे।

यह भी चर्चा है कि विधायक बनने के बाद से ही सीमा त्रिखा ने भूमाफिया को यह कहते हुए छूट दे रखी थी कि जहां चाहो कब्जा कर लो, दो हिस्से तुम रखो और एक हिस्सा मुझे देना, प्रशासन और सरकार को मैं देख लूंगी। इसका एक उदाहरण फ्रंटियर कॉलोनी में बन रही चार मंजिला इमारत है। इस इमारत का कुछ हिस्सा सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर बनाया जा रहा है। बिना नक्शा पास कराए बनाई जा रही इस इमारत में भी सीमा त्रिखा की हिस्सा पत्ती होने की चर्चा है।

राजनैतिक संरक्षण में शहर भर में अवैध निर्माणों एवं कब्जों को लेकर यह तो एकमात्र उदाहरण है, इससे यह समझा जा सकता है, जगह जगह जहां भी अवैध कब्जे एवं निर्माण किए जा रहे हैं उन सबके लिए केवल, नगर निगम या हूडा के अधिकारी अकेले जिम्मेवार नहीं हैं, ये सारे काले धंधे राजनेताओं के दिशानिर्देशन एवं संरक्षण में ही संपन्न होते हैं। इसके परिणामस्वरूप न केवल सीवर लाइन संकरी और पेयजल की कमी के साथ साथ सडक़ें भी संकरी होती जाती हैं, जिसके चलते शहर भर में आवागमन भी दुर्गम होता जा रहा है इतना ही नहीं इसका दुष्प्रभाव पर्यावरण पर भी पडऩा निश्चित है।

दस साल तक देश की संपदा को लूट कर पूंजीपति मित्र अदाणी-अंबानी पर लुटाने वाले मोदी चुनाव में बहुसंख्यकों को डरा रहे हैं कि कांग्रेस आपकी संपत्ति लेकर ज्यादा बच्चे पैदा करने वालों में बांट देगी लेकिन उनके मंत्री कृष्णपाल गूजर ने तो अकूत संपत्ति अपने और अपने परिवार के नाम बना डाली है। खुदगर्जी में जनता के हितों को ताक पर रख कर हाईवे पर वहां कट बनाने पर अड़े हैं जहां उन्होंने अपने परिवार के नाम सैकड़ों एकड़ जमीन कौडिय़ों के दाम खरीद रख्री है। कृष्णपाल ही नहीं मूलचंद शर्मा, सीमा त्रिखा ने भी बेनामी संपत्ति बना रखी हैं।

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Mazdoor Morcha
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