गूजरों के एक बड़ी आबादी वाले पाली गांव में सजातीय वोटरों को लुभाने के लिए कृष्णपाल गूजर ने बुधवार को भव्य सभा का आयोजन किया लेकिन इसे स्थानीय लोगों ने पूरी तरह नकार दिया। गूजर ने अपनी शहंशाही शान दिखाने के लिए बैंड बाजे, सजी हुई घोडिय़ों का जुलूस, फूल बरसाने के लिए जेसीबी और बड़ी सी फूल माला का इंतजाम किया था। जनता पर प्रभाव डालने के लिए एक करोड़ से अधिक रुपयों का बैग अपने आप को भेंट करा कर सम्मानित करने की नौटंकी भी रखी गई थी।
गांव वालों ने इस नाटक बताते हुए कहा कि इतना रुपया तो दो नंबर की कमाई वाले ही लुटा सकते हैं, गूजर ने अपने सम्मान के लिए खुद ही यह रुपया अपने लगुए भगुओं को दिया और उनसे सम्मान करवा लिया। कार्यक्रम में इकट्ठा हुई भीड़ की सच्चाई बताई गई कि गांव के लोग तो गए नहीं, गूजर के चेले चपाटे पिछले बीस दिन से गांंव वालों को मनाने में लगे थे लेकिन सबने इनकार कर दिया, ऐसे में गूजर के फैक्ट्री वाले दोस्तों ने अपने यहां छुट्टी कर अपनी लेबर भिजवाई है। लोगों का कहना था कि केवल चार पांच लोग जो गूजर की छत्रछाया में दो नंबर के काम कर रहे हैं वही लगे हुए हैं वरना पूरे गांव में तगड़ा विरोध हैं।
इधर गूजर सभा में पहुंचे उधर गांव की महिलाओं ने कृष्णपाल मुर्दाबाद, महेंद्र प्रताप जिंदाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए। मुर्दाबाद करने का कारण पूछने पर महिलाओं का कहना था कि गूजर ने दस साल में गांव के लिए एक भी काम नहीं किया, सीवर लाइन आज तक नहीं डलवाई, पेयजल की व्यवस्था नहीं कराई, पानी खरीदना पड़ता है, गांव के नई उम्र के बच्चे पढ़ाई के बाद बेकार घूम रहे हैं, उन्हें रोजगार नहीं मिल रहा, गूजर तो चाहता ही है कि रोजगार न मिले और इन लडक़ों को वह अपने गुर्गा बना कर इनकी जिंदगी बर्बाद करे। वहीं पुरुषों का कहना था कि गूजर दस साल पहले टोल को जजिया कर बता कर इन्हें हटवाने का वादा करता था, उसने पूरे फरीदाबाद को चारों ओर से टोल नाकों से बांध दिया है, टोल की दरें भी दो से तीन गुना बढ़ा दी गई हैं। लोगों में रोष था कि गूजर ने पाली गांव के सजातीयों के वोट का केवल इस्तेमाल किया लेकिन उनके लिए कुछ नहीं किया।
इस संवाददाता ने अपने डबुआ मोहल्ले में आने वाले पाली गांव के दूधिया से गूजर के कार्यक्रम की सच्चाई जानने का प्रयास किया तो उसका कहना था कि जिन लोगों ने गूजर को रुपया दिया है वो अपने कुनबे का तो वोट गूजर को दिलवा नहीं पा रहे हैं। गूजर के चंद चाटुकारों को छोड़ दिया जाए तो पूरा गांव एकमत होकर महेंद्र प्रताप को जितवा रहा है। इस बार पाली तो क्या फरीदाबाद, पलवल, होडल, हथीन हर जगह कृष्णपाल को तगड़ी हार का सामना करना पड़ेगा।