हिसाम सिद्दीकी हर तरफ से हारने की खबरों से वजीर-ए-आजम मोदी समेत बीजेपी के तमाम लीडरान ने जैसे अपना जेहनी तवाजुन खो दिया है। असल मुद्दों के बजाए सभी ने मुसलमानों को ही मुद्दा बना लिया है और मुल्क के बीस फीसद मुसलमानों के खिलाफ बेबुनियाद और बेहूदा बातें करके मोदी एलेक्शन जीतना चाहते हैं। हालांकि इन बातों से उन्हें कोई फायदा होता नजर नहीं आ रहा है क्योकि देश के अवाम के सामने अस्ल मुद्दा महंगाई और बेरोजगारी का है। मोदी शायद दुनिया के पहले और आखिरी वजीर-ए-आजम हैं जो सैकड़ों साल पहले खत्म हो चुके मुगलों के नाम पर एलेक्शन लड़ रहे हैं और राहुल गांधी पर इल्जाम लगा रहे हैं कि वह मुगलों के मजालिम पर बात क्यों नहीं करते। उन्हें अंग्रेजों के जुल्म याद नहीं हैं क्योकि अंग्रेजों को वह अपना माई-बाप मानते हैं। अब वह खुलकर हर पब्लिक मीटिंग में मुसलमानों का नाम लेकर इश्तेआल अंगेज बातें करते हैं और एलेक्शन कमीशन को उनकी कोई बात सुनाई नहीं देती।
वजीर-ए-आजम नरेन्द्र मोदी अपनी तकारीर में निरा झूठ बोलते हैं। अभी उन्होंने कह दिया कि कनार्टक के तमाम मुसलमानों को बैकवर्ड करार देकर कांग्रेस सरकार ने पिछड़ों का रिजर्वेशन काट कर पांच फीसद रिजर्वेशन मुसलमानों को दे दिया। यह उनका बहुत बड़ा झूठ है कर्नाटक में मुसलमानों को पांच फीसद रिजर्वेशन 1994 में जनता दल हुकूमत ने दिया था उसके बाद कई बार अलग-अलग पार्टियों की सरकारें बनीं उनमें कांग्रेस की थी, जनता दल की थी और तीन बार बीजेपी की भी सरकार बनी, दो बार उनकी अकेली की और एक बार साझे में अगर रिजर्वेशन गलत था तो मोदी ने बीजेपी की अपनी सरकार में खत्म क्यों नहीं कराया। इनकी सरकार की मुकम्मल अक्सरियत थी जब चाहते असम्बली में एक बिल लाकर खत्म कर सकते थे। लेकिन उन्हें तो झूठा मुद्दा बनाना है इसलिए आजकल इस किस्म की सतही तकरीरें कर रहे हैं।
राजस्थान के बांसवाड़ा में मोदी ने सीधे-सीधे मुसलमान लफ्ज का इस्तेमाल करते हुए आम हिन्दुओं को भडक़ाने के लिए यह कहना शुरू कर दिया कि कांग्रेस सरकार आयी तो हिन्दुओं की जायदाद, धन यहां तक कि मंगलसूत्र छीन कर उन लोगो को दे दिया जाएगा जो ज्यादा बच्चे पैदा करते हैं और घुसपैठिए हैं। मोदी दरअस्ल मुसलमानों को घुसपैठिए कहकर उनकी तौहीन कर रहे हैं और गाली दे रहे हैं। अगर मुसलमान घुसपैठिए हैं तो दस साल की मोदी सरकार नामर्दांे की सरकार थी कि घुसपैठियों का इलाज नहीं कर सके। ज्यादा बच्चे पैदा करने का मुसलमानों पर इल्जाम लगाते वक्त वह यह कैसे भूल जाते हैं कि वह खुद छ: भाई-बहन हैं और उन्हीं के गुजरात के बड़े मुस्लिम लीडर रहे अहमद पटेल के सिर्फ दो बच्चे हैं।
मोदी को देखकर और उनकी बाते सुनकर उत्तर प्रदेश के वजीर-ए-आला योगी आदित्यनाथ ने भी मुसलमानों के सहारे वोट हासिल करने की कोशिशें शुरू कर दीं। अपनी एक एलेक्शन मीटिंग में योगी ने कहा कि कांग्रेस ने सभी धर्मों के लोगों को अपनी पसंद का खाना खाने की बात अपने एलेक्शन मेनीफेस्टो में कही है। इसका मतलब है कि देश में गौकुशी की खुली छूट दे दी जाएगी तो क्या आप लोग राम और कृष्ण की धरती पर गाय का काटा जाना बर्दाश्त करेंगे। वह झूठ बोल रहे हैं क्योंकि मुसलमानों का पहली पसंद का खाना गाय नहीं है और न ही कांग्रेस के मेनिफेस्टो में ऐसी बात कही गयी है। लेकिन योगी को तो गाय और मुसलमानों के नाम पर आम हिन्दुओं को भडक़ाने और उनमें मुसलमानों के लिए नफरत पैदा करने का मकसद है।
जहां तक गौकुशी का सवाल है गोवा में बीजेपी की हुकूमत है जिसे डबल इंजन की सरकार कहते हैं। योगी गोवा में गौकुशी बंद क्यों नहीं कराते। पिछले असेम्बली एलेक्शन में गोवा बीजेपी के मेनिफेस्टो में लिखा गया था कि सरकार गाय का अच्छा गोश्त फराहम कराने के लिए कर्नाटक और दूसरी करीब की रियासतों से मंगवाएगी। केरल बीजेपी के प्रदेश सदर ने तो इस एलेक्शन से पहले कहा है कि अगर केरल में बीजेपी आती है तो सरकार गाय के बेहतरीन गोश्त का इंतजाम करेगी। गोवा में तो मुसलमान गिनती के रहते हैं। वहां गाय कौन खाता है। नार्थ ईस्ट की सभी रियासतों में गौकुशी पर पाबंदी नहीं है जबकि वहां तकरीबन हर रियासत में भी बीजेपी की सरकारें हैं और मुसलमान भी बहुत कम हैं। मुल्क की कई मुस्लिम तंजीमों ने बार-बार मतालबा किया है कि पूरे मुल्क में गौकुशी पर पाबंदी लगायी जाए क्या किसी हिन्दू तंजीम ने भी ऐसा मतालबा किया। मोदी और योगी को चाहिए कि देश के बीस फीसद मुसलमानों को नजर अंदाज करे और अस्सी फीसद हिन्दुओं के दम पर ही एलक्शन लड़े। हिन्दुओं को भडक़ाए बगैर एक एलक्शन लड़ कर दिखा दें पचास साठ सीटों से ज्यादा जीत नहीं पाएंगे।