करनाल। जैसे ही इलेक्ट्रोल बॉन्ड के रूप में भाजपा सरकार की भद पिटनी शुरू हुई कि आम जनता में भी मोदी इस कांड की थू थू होने लगी। इस मौके पर नगर निगम के पूर्व डिप्टी मेयर मनोज वाधवा ने भाजपा की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया। जनवरी में ईडी का छापा पडऩे के बाद से ही भाजपा से उनका मोहभंग को गया था। सत्ता के लिए किसी भी हद तक गिरने वाली भाजपा से प्रदेश की जनता ने भी चुनावों से पहले दूरी बनानी शुरू कर दी है। सही समय देख मनोज ने पार्टी छोड़ पूर्व सीएम सहित करनाल भाजपा को तगड़ा झटका देकर ईडी छापे का बदला ले लिया। उन्होंने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी व भाजपा जिला अध्यक्ष योगेंद्र राणा को अपना इस्तीफा भेज दिया।
मनोज वधवा ने 2014 में विधानसभा क्षेत्र से मनोहर लाल खट्टर के विरुद्ध चुनाव भी लड़ा था। हालांकि चुनाव के पश्चात उन्होंने भाजपा ज्वाइन कर ली थी। खनन कारोबारी मनोज करनाल की राजनीतिक हस्तियों में शुमार किए जाते हैं। वर्ष 2013 में वो डिप्टी मेयर चुने गए थे और 2018 में मेयर का चुनाव लड़े थे जो कुछ ही वोटो से हार गए थे। इस्तीफा देने के साथ ही उनके कांग्रेस का दामन थामने की चर्चाएं तेज हो गई हैं।
उन्होंने इस्तीफा देने के कारण का खुलासा तो नहीं किया मगर उन्होंने कहा कि उनका अभी इरादा आराम करने का है। मनोज वधवावा ने इस्तीफा उस समय दिया है जब नायब सिंह सैनी विधानसभा और मनोहर लाल खट्टर लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। जब इस विषय में मनोहर लाल खट्टर से पूछा गया की मनोज वधवा के त्यागपत्र देने के विषय में आप क्या कहेंगे। तो मनोहर लाल खट्टर ने वाधवा को मात्र शुभकामनाएं देकर आगे निकल गए