फऱीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) किशनपाल गूजर सौ सवा सौ गांव वालों के लिए मर चुके हैं। ये उद्गार मोहना गांव के लोगों ने रविवार को उस समय प्रकट किए जब वो लोग किशनपाल गूजर के पुतले की शव यात्रा निकाल रहे थे। इन लोगों का कहना था कि करीब डेढ़ सौ गांव के लोग ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे पर कट बनाए जाने की मांग को लेकर पांच महीने से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन गूजर आज तक नहीं आए। हमारे वोट से वो सांसद-मंत्री बने लेकिन इस बार उनका रावण जैसा घमंड चूर चूर कर दिया जाएगा, जिस तरह वो मोहना में कट नहीं बनवाने पर अड़े हैं, डेढ़ सौ गांवों की जनता भी इस बार उनका सूपड़ा साफ करेगी। प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले ईश्वर नंबरदार ने बताया कि किशनपाल गूजर ने आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले मोहना में कट बनवाने की घोषणा करने का झूठा आश्वासन दिया था। आचार संहिता लागू हो गई लेकिन घोषणा नहीं की गई। जनता खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही है।
मोहना और उसके आसपास के गांव के हजारों लोग भले ही किशनपाल गूजर का पुतला फूंके या वोट नहीं देने का एलान करें सत्ता के मद में चूर किशनपाल को कुछ फर्क नहीं पड़ता। वह कई बार सार्वजनिक मंचों पर कह चुके हैं कि मुझे तुम्हारा वोट नहीं चाहिए, तुम लोगों ने मुझे नहीं मोदी को जिताया है। अब भी उन्हें यही लगता है कि धर्म की चाशनी चटा कर जनता से उसका वोट बड़े आराम से झटक लेंगे। पिछले लोकसभा चुनाव में छह लाख वोटों के अंतर से जीत हासिल करने के बाद घमंड में चूर गूजर को लगता है कि मोहना और आसपास के डेढ़ सौ गांवों के बीस पच्चीस हज़ार वोट नहीं भी मिले तो भी उन्हें जीत से कोई नहीं रोक सकता।
जीत के प्रति आश्वस्त राजनेता से प्रॉपटी डीलर या कहें माफिया बने गूजर इतने बड़े वोट बैंक की कीमत पर भी मोहना में कट नहीं बनने दे रहे क्योंकि यहां कट बनना उनके लिए घाटे का सौदा है। सर्वविदित है कि ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे पर यूपी बॉर्डर से करीब पांच किलोमीटर पहले किशनपाल गूजर ने अपने गुर्गे सतबीर कसाना महमदपुर के साथ मिल कर फरेंदा में रिश्तेदारों के नाम पर सात सौ एकड़ ज़मीन कौडिय़ों के दाम पर खरीदी है। उन्होंने एक्सप्रेस वे की ड्राइंग में बदलाव करा मोहना की जगह फरेंदा में कट उतरवाया है। कट बनते ही एक्सप्रेस वे बनते ही कौडिय़ों की इस ज़मीन के दाम अरबों रुपये हो जाएंगे। इसके विपरीत यदि मोहना में कट बनता है तो सात सौ एकड़ जमीन की खरीद घाटे का सौदा साबित होती। पांच महीनों से प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों की अनदेखी करना, उनसे नहीं मिलना और उनकी मांगों को झूठे आश्वासन देकर ठुकरा देना किशनपाल के दुस्साहस को ही दर्शाता है।
ऐसे मे मोहना और आसपास के करीब डेढ़ सौ गांवों के लोग अगले चुनाव में गूजर को सबक सिखाने की कमर कस चुके हैं। इन लोगों को भी पता चल चुका है कि गूजर उनके हित की बात नहीं कर रहे ऐसे में उन्हें सबक सिखाने के लिए चाहिए कि ये लोग सांसद के झूठ और जनविरोधी आचरण का प्रचार प्रसार केवल डेढ़ सौ गांवों तक ही सीमित न रखें बल्कि पूरे लोकसभा क्षेत्र की जनता को जागरूक करें ताकि वोट देते समय जनता धर्म के नाम पर नहीं बल्कि अपना हक पाने के लिए वोट दे।