करनाल : मनोहर लाल खट्टर मुख्यमंत्री रहते हुए अपने गृह जनपद में ही विकास कार्यों में भ्रष्टाचार नहीं रोक सके। उनके मुख्यमंत्रित्व काल में तैयार किया गया तालाब, भ्रष्ट अधिकारियों की भेंट चढ़ गया, इसकी जांच कराने के बजाय खट्टर इस तालाब का दोबारा उद्घाटन करने पहुंच गए। समझा जा सकता है कि पद से हटाए जाने के बाद वो कितने कमजोर विधायक रह गए हैं जो भ्रष्ट अधिकारियों का कुछ बिगाड़ भी नहीं पा रहा।
खट्टर ने सीएम रहते हुए गांव काछवा गुरद्वारा के सामने स्थित इस तालाब का उद्घाटन किया था, बहुत लंबा समय नहीं बीता लेकिन यहां लगाई गईं घटिया निर्माण सामगे्री के कारण कुछ ही दिन में सब टूट फूट गया। अधिकारियो ने मॉडल तालाब पर बैठने के लिए बेंच लगाए गए वह बहुत ही घटिया सामग्री द्वारा तैयार किए गए हैं। सभी बेंंच पुराने और क्रैक थे। इस पर स्थानीय लोगों ने संबंधित अधिकारियों से खराब और टूटी बैंचों की शिकायत की, ओर उनके व्हाटसप पर बैंचों के फ़ोटो भेजे। अधिकारियों ने आश्वासन दिया था कि ये सभी बैंच रिजेक्ट हैं, मॉडल तालाब पर बैठने वाले बैंच अच्छी क्वाल्टी के मंगवा लिए गए हैं। रात को लोग जब टहल रहे थे तो उन्होंने पाया कि उन बैंचों को रात के अंधेरे में ही रंग कर नई शक्ल दी जा रही है।
इस पर पंचायती राज विभाग के एसडीओ को सूचित कर उनको मौके पर बुला कर बैंचों पर हो रहे रंग रोगन के काम को रुकवा दिया था। लेकिन अधिकारियो ने पुराने बैंच ही मॉडल तालाब पर रखवा कर खाना पूर्ति कर सरकार को बदनाम करने का काम किया है इन अधिकारियों की वजह से ही आज तक किसी भी कार्य में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की गांव काछवा में नेम प्लेट नहीं लग पाई।