फऱीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) पावटा गांव के निवासी बबलू उर्फ बलराज की पुलिस मुठभेड़ मामले में मृतक के पिता ने पुलिस पर समझौते के लिए एक करोड़ रुपये ऑफर करने का आरोप लगाते हुए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है। हाईकोर्ट ने पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था। जिसका जवाब स्टेटस रिपोर्ट के साथ हाईकोर्ट को दे दिया गया है। मामले की सुनवाई 13 मार्च को होगी।
गांव पावटा निवासी बबलू उर्फ बलराज पर विभिन्न थानों में हत्यायुक्त डकैती सहित अन्य गंभीर अपराधों का केस दर्ज था। 16-17 सितंबर 2023 की रात वह अपने साथी अरविंद और अनूप उर्फ छलिया के साथ राजस्थान स्थित बाबा मोहन राम मंदिर से दर्शन कर लौट रहा था। रास्ते में पुलिस ने उनकी गाड़ी रोकने का इशारा किया तो वे गति बढ़ा कर भागने लगे, पुलिस का दावा था कि इस दौरान उन लोगों ने पुलिस टीम पर फायर भी किया। भागती हुई गाड़ी बबलू के गांव पहुंची थी, पीछा करती हुई पुलिस भी वहां पहुंची थी। पुलिस का दावा था कि गाड़ी से उतर कर भाग रहे बबलू ने फायर किया जिसकी गोली पुलिस जीप के बंपर में धंस गई थी। इस पर एसआई राकेश ने बबलू के पैर पर निशाना लगाकर गोली चलाई, ठीक इसी समय बबलू बैठ गया और गोली उसकी कमर में जा धंसी। पुलिस उसे बीके अस्पताल लेकर गई और वहां उसकी मौत हो गई थी।
बब्लू के पिता रमेश ने 18 फरवरी को हाईकोर्ट में अपील दायर कर पुलिस जांच से असंतुष्टि जाहिर करते हुए पुलिस पर समझौते का दबाव डालने के आरोप लगाए हैं। पुलिस आयुक्त ने उनसे उस पुलिसकर्मी का नाम बताने को कहा है जिसने उन्हें समझौता करने के एक करोड़ रुपये देने का ऑफर दिया था लेकिन वो किसी का नाम नहीं बता सके। सुधी पाठक जान लें कि मुठभेड़ के बाद पुलिस ने अपने ही खिलाफ थाना धौज में हत्या का केस (संख्या 591) दर्ज कर लिया था। पुलिस ने घटना के समय मौजूद चश्मदीद अरविंद और अनूप उर्फ छलिया के मजिस्ट्रेट के सामने 164 के बयान दर्ज कराए थे। इसके साथ ही पुलिस आयुक्त ने डीसीपी की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन किया था। फोरेंसिक जांच भी कराई गई थी। यही नहीं, मामले की निष्पक्ष पड़ताल के लिए न्यायिक जांच का भी आदेश दिया गया था। जांच न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी (जेएमआईसी फस्र्ट) गौरव शर्मा कर रहे हैंं। हाईकोर्ट में उनकी रिपोर्ट दाखिल की जानी है। पुलिस की ओर से एफएसएल रिपोर्ट और एसआईटी जांच रिपोर्ट भी हाईकोर्ट में दाखिल की जा चुकी है। कानूनी मामलों के जानकारों के मुताबिक अरविंद और अनूप उर्फ छलिया के मजिस्ट्रेट के सामने कलमबंद कराए गए बयान हाईकोर्ट द्वारा लिए जाने वाले निर्णय में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगे।