करनाल (आज़ाद शर्मा) ईमानदारी का ढिंढोरा पीटने वाले सीएम मनोहर लाल खट्टर का करीबी राशन घोटाले का मास्टर माइंड विपिन मित्तल जमानत के लिए अदालतों चक्कर काटता रहा लेकिन पुलिस उस तक नहीं पहुंच सकी। अदालत ने उसकी जमानत याचिका खारिज भी कर दी लेकिन पुलिस उस पर हाथ डालने की हिम्मत नहीं जुटा सकी। हिम्मत पड़ती भी कैसे सीएम के शहर में आने पर विपिन मित्तल हमेशा उनका बुके देकर स्वागत करता था।
कॉन्फेड करनाल की ओर से डिपोधारक विपिन मित्तल और मनीष को 357.43 क्विंटल गेहूं, 11.25 ङ्क्षक्वटल चीनी, 2041 लीटर सरसो तेल, 367.50 ङ्क्षक्वटल बाजरा, 388.65 ङ्क्षक्वटल आटा जारी किया गया। इस राशन को इन दोनों डिपो होल्डर जो आपस में रिश्तेदार भी हैं अपने हस्ताक्षर से रिसीव तो किया लेकिन लाभार्थियों को आवंटन नहीं किया। इसकी जांच की गई तो पाया गया कि दोनों ने मिलकर लाभार्थियों का राशन खुर्द बुर्द कर डाला। विपिन मित्तल सीएम मनोहर लाल की आवभगत में लगा रहता इसलिए आपूर्ति विभाग के अधिकारी भी सीधे कार्रवाई करने से बचते रहे और उसे नोटिस पर नोटिस जारी कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री करते रहे।
नोटिस के जवाब में विपिन मित्तल ने 13 मई 2021 को मशीन नंंबर 107400300256 के स्टॉक की रिकवरी जमा करवाने को कमीशन रोकने के बारे में आवेदन किया गया कि इस मशीन का पूर्ण स्टाक मशीन नंबर 107400300191 में डाल दिया जाये। इस पर तत्कालीन जिला नियन्त्रक द्वारा विपिन मित्तल को इस बारे मेंं शपथ पत्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये। विपिन मित्तल ने 15 मई 2021 को शपथ पत्र दिया कि आवेदन स्वीकार होने पर वह छह माह में रिकवरी कराने को पाबंद होगा। यदि रिकवरी जमा नहीं करवाता है तो पीडीएस कन्ट्रोल आर्डर, 2009 के अनुसार उस पर की जाए। बावजूद इसके दोनोंं ने ही कोई रिकवरी जमा नहीं करवार्ई। इस पर सहायक खाद्य नागरिक आपूति एवंं उपभोक्ता मामले अधिकारी रविंद्र जागलान की शिकायत पर थाना सेक्टर 32-33 पुलिस ने डिपोधारक मनीश कुमार और विपिन मित्तल के खिलाफ आईपीसी की धारा- 409, 420 भादस व 7-10-55 आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। जांच अधिकारी सुखवीर सिंह ने बताया कि विपिन मित्तल की जमानत याचिका करनाल से रद्द हो चुकी है इसकी तालाश में पुलिस कई बार उसके घर पर दबिश दे चुकी है लेकिन वो अपने आवासीय पते से नदारद मिला। घोटाले में विपिन मित्तल पुष्ट वांछित आरोपी है। उसकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।
इधर बताया जा रहा है जमानत खारिज होने के बाद विपिन सत्ता पक्ष के नेताओं का सहारा लेकर अपनी गिरफ्तारी टालने और उच्च न्यायालय से जमानत लेने की जुगत में लगा है।