वन विभाग और स्वास्थ्य विभाग की जमीन पर बना डाले लैंडफिल साइट

वन विभाग और स्वास्थ्य विभाग की जमीन पर बना डाले लैंडफिल साइट
March 03 16:01 2024

फऱीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) विकास के नाम पर शहर को लूटने-खाने वाले नगर निगम के हरामखोर और भ्रष्ट अधिकारियों की गिद्ध दृष्टि वन विभाग और स्वास्थ्य विभाग की जमीनों पर हैं। बंधवाड़ी पर कूड़े का पहाड़ खड़ा कर अरावली के पर्यावरण को बर्बाद करने के बाद ये निकम्मे अधिकारी वन और स्वास्थ्य विभाग की जमीनों पर कब्जा कर उन पर डपिंग यार्ड बना रहे हैं। इसके लिए वन विभाग की जमीन पर लगे करीब पांच सौ पेड़ भी कटवा डाले। नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) ने निगम के भ्रष्ट अधिकारियों पर शिकंजा कसते हुए जिला उपायुक्त की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित कर दो अप्रैल को रिपोर्ट तलब की है। बिना योजना बनाए और तैयारी किए आबादी के बीच डंपिंग यार्ड थोपने वाले निगम के अयोग्य अधिकारियों पर जांच रिपोर्ट आने के बाद गाज गिरना तय माना जा रहा है।

स्वच्छ भारत अभियान के नाम पर चीन की ईकोग्रीन कंपनी को गुडग़ांव-फरीदाबाद लूटने की छूट देने वाले मोदी-खट्टर सरकार की नाकामी बंधवाड़ी में खड़े कूड़े के पहाड़ के रूप में नजर आती है। कूड़े के कारण अरावली के पर्यावरण और पारिस्थितिकी तंत्र को हो रहे नुकसान के मद्देनजर एनजीटी ने इसे खत्म करने का आदेश सितंबर 2022 में जारी किया था। एक साल में यह पहाड़ खत्म किया जाना था। समय सीमा समाप्त होने के बाद भी पहाड़ नहीं हटने पर एनजीटी ने दोनों नगर निगम पर सितंबर 2023 मेंं सौ करोड़ का जुर्माना भी लगाया था। रही बात जुर्माने की, सरकार के एक महकमे से वसूल कर दूसरे विभाग को देना है यानी सिर्फ दिखावा करना है, यदि ये सौ करोड़ रुपये भ्रष्ट अधिकारियों और नेताओं से वसूले जाएं तो बात समझ में आती है।

इधर बंधवाड़ी का विकल्प तलाशने के दबाव में नगर निगम अधिकारियों ने बिना जमीन चिह्नित किए ही आनन फानन में प्रतापगढ़, रिवाजपुर, पाली, मुजेड़ी और बीपीटीपी में डपिंग साइट बनाने का ऐलान कर दिया था। इसका सभी जगह विरोध शुरू हो गया था। गौरव जैन अभिलेख अधिवक्ता सर्वोच्च न्यायालय के मुताबिक नगर निगम अधिकारियों ने प्रतापगढ़, समयपुर, सरूरपुर और करनेरा में करीब चार कीले जमीन लैंडफिल साइट बनाने के लिए कब्जे में ले ली। आरटीआई से मिली जानकारी और राजस्व रिकॉर्ड में इसमें करीब तीन कीले जमीन वन विभाग और एक कीला जमीन स्वास्थ्य विभाग की थी। भ्रष्ट निगम अधिकारियों ने वन विभाग और स्वास्थ्य विभाग से एनओसी लेना तो दूर उन्हें इसकी जानकारी तक नहीं दी। एनजीटी द्वारा सौ करोड़ रुपयों का जुर्माना लगाए जाने से घबराए अधिकारियों ने प्रतापगढ़ में लैंडफिल साइट बनाने के लिए सितंबर 2023 में दक्ष कंस्ट्रक्शन कंपनी को ठेका दे दिया जबकि ये जमीन अरावली संरक्षित क्षेत्र में वन विभाग की है। अरावली संरक्षित क्षेत्र में निर्माण कार्य करने के लिए वन विभाग से एनओसी लिया जाना जरूरी है, लेकिन ये तो वन विभाग की ही जमीन थी। इसकेे बावजूद लैंडफिल साइट बनाने के लिए पांच सौ पेड़ काट कर ठेका कंपनी और अधिकारी हड़प गए। प्रतापगढ़ में लैंडफिल साइट बनाए जाने का विरोध कर रहे सुदेश डागर ने वन विभाग में आरटीआई लगाई तो सूचना दी गई कि नगर निगम ने वन विभाग को पेड़ काटे जाने की सूचना ही नहीं दी है एनओसी लेना तो दूर की बात।
एडवोकेट गौरव जैन कहते हैं कि डीसी मास्टर प्लान 2031 में लैंडफिल साइट बनाए जाने के लिए कहीं भी जमीन का चिह्नांकन नहीं किया गया है। नगर निगम के अधिकारियों ने जबरदस्ती पांच जगहों पर लैडफिल साइट बनाई है। उन्होंने सुदेश डागर की ओर से एनजीटी में केस दायर किया था। सोमवार को हुई जस्टिस श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यों की खंडपीठ ने सुनवाई करने के बाद जांच कमेटी गठित की है। कमेटी में डीसी फरीदाबाद, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, फरीदाबाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी होंगे। कमेटी जांच करेगी कि लैंडफिल साइट बनाए जाने में ठोस कचरा प्रबंधन नियमों का पालन किया जा रहा है या नहीं। काटे गए पेड़ों की जानकारी वन विभाग को दी गई या नहीं, वन विभाग ने कोई पेड़ कटवाए या नहीं, काटे गए पेड़ों के एवज में कहां दस गुना पौधारोपण किया गया आदि।

लैंड फिल साइट का काम रुकवाने की मांग कर रहे सुदेश डागर को एनजीटी ने हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया। एडवोकेट गौरव जैन के अनुसार हलफनामा दाखिल होते ही काम रोकने का स्थगनादेश जारी हो जाएगा। माना जा रहा है कि लूट कमाई के लिए क्षेत्राधिकार से भी बाहर जाकर काम करने वाले निगम के भ्रष्ट अधिकारियों की इस हरामखोरी का ठीकरा निगमायुक्त मोना ए श्रीनिवास के सिर फूटेगा, क्योंकि लैंड फिल साइट बनाने के सारे आदेश निगमायुक्त की कलम से ही जारी किए गए हैं।

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Mazdoor Morcha
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