मंझावली पुल : कितनी बार चढ़ाई जाएगी काठ की हांडी

मंझावली पुल : कितनी बार चढ़ाई जाएगी काठ की हांडी
February 05 17:05 2024

फऱीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) चुनाव करीब आते ही मंझावली पुल निर्माण की काठ की हांडी एक बार फिर चढ़ा दी गई है। ढिंढोरा पिटवाया जा रहा है कि फरवरी के अंत तक पुल चालू हो जाएगा, जून में वाहन फर्राटा भरने लगेंगे, लेकिन जो हालात हैं उनसे तो इस साल के अंत तक भी यह पुल चालू होता नहीं दिख रहा। बिना पूरी तैयारी किए केंद्रीय किशनपाल गूजर ने बड़बोलेपन में अगस्त 2014 में इस पुल के निर्माण की घोषणा की थी। केवल पुल बन जाने से वाहन नहीं चलने लगते, पुल को मुख्य मार्ग से जोडऩे के लिए सडक़ भी चाहिए होती है, इसका इंतजाम किया ही नहीं गया। इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश में इस पुल की कनेक्टिविटी कहां दी जाएगी यह भी नहीं तय था। केंद्र और दोनों राज्यों में डबल इंजन सरकार होने के बावजूद न तो हरियाणा, न ही उत्तर प्रदेश की ओर अप्रोच रोड के लिए जमीन अधिग्रहीत की जा सकी। इसका नुकसान यह हुआ कि 120 करोड़ की लागत दस साल में बढ़ कर 315 करोड़ रुपये पहुंच गई। इस साल के अंत तक पुल पूरी तरह से चालू हो सकेगा इसमें शक है। कारण अभी उत्तर प्रदेश छोर पर हरियाणा के हिस्से में आने वाली करीब एक किलोमीटर सडक़ बननी भी शुरू नहीं हुई है।

यदि ये सडक़ बन भी गई तो भी उत्तर प्रदेश के इलाके में आने वाली करीब दो किलोमीटर सडक़ के लिए तो अभी जमीन के अधिग्रहण का काम भी शुरू नहीं हुआ है। लोकसभा चुनाव आने वाले हैं ऐसे मेें सरकारें और प्रशासन चुनाव की तैयारियों में जुटने वाला है यानी मई जून से पहले यूपी में सडक़ के लिए जमीन अधिग्रहण मुश्किल ही है। इसके बाद सडक़ निर्माण में चार पांच माह तो लग ही जाएंगे। इसके बावजूद राजनेता जनता को कभी फरवरी तो कभी जून तक पुल चालू होने का सब्जबाग दिखा रहे हैं।

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Mazdoor Morcha
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