जनता समझ चुकी है संघ-मोदी का झूठ, मंदिर के नाम पर नहीं इकट्ठा हो रही भीड़

जनता समझ चुकी है संघ-मोदी का झूठ, मंदिर के नाम पर नहीं इकट्ठा हो रही भीड़
February 05 16:49 2024

फऱीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) खुद को कट्टर ब्राह्मण सत्तात्मक और हिंदूवादी संगठन मानने से इनकार करने वाला राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ शंकराचार्यों और प्रमुख धर्माचार्यों के विरोध के बावजूद मोदी और उसके मंदिर के समर्थन में खुलेआम कूद पड़ा है। अयोध्या में मोदी और भाजपा के मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के राजनीतिक एजेंडे के प्रचार प्रसार के लिए संघ द्वारा हर शहर में पांच दिवसीय राम मंदिर उत्सव का आयोजन किया जा रहा है।

संघियों ने दबंगई करते हुए सेक्टर 12 स्थित सार्वजनिक टाउन पार्क में बड़ी जगह घेर कर पांडाल और स्टेज लगा दिया है। मंच पर रखे मंदिर के मॉडल को बनाने के लिए विशेष रूप से दिल्ली के ऑर्ट कॉलेज के प्रोफेसर ने वहां के छात्रों को यहां लगाया था। डीजे पर भी भारी खर्चा किया गया है। जनता को आकृष्ट करने के लिए राम भजन के नाम पर भडक़ाऊ शब्दों वाले भक्तिगीत भी बजाए जा रहे हैं। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए संघ और उसके 100 से अधिक अनुषांगिक और गुप्त संगठनों के कार्यकर्ता जनता को पकड़ कर लाने की जी तोड़ कोशिश में लगे हैं लेकिन सफलता नहीं मिल रही।

आम हिंदू और जनता सभी समझ चुके हैं कि ये राम मंदिर मोदी और भाजपा का है धर्मभीरु और सात्विक हिंदुओं का नहीं। लोगों का कहना है कि जिस बाबरी मस्जिद को गर्भगृह बता कर तोड़ा गया था मोदी के राम मंदिर गर्भगृह उसी जगह नहीं बनाया जा रहा। मंदिर अभी पूर्ण नहीं हुआ है, अपूर्ण मंदिर में प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा किया जाना धर्म और शास्त्र सम्मत नहीं है। सबसे बड़ी बात यह राम मंदिर यदि हिंदुओं का है तो केवल मोदी और भाजपाई ही क्यों कार्यक्रम में बुलाए गए हैं। मंदिर निर्माण के लिए जीवन लगा देने वालों को कार्यक्रम का निमंत्रण नहीं दिया जाना मोदी और संघ भाजपा के दोगले चरित्र को उजागर करता है। राम मंदिर के नाम पर संघ-भाजपा की राजनीतिक चाल को समझ चुकी जनता ने इस कार्यक्रम को सिरे से नकार दिया है। खुद को विश्व का सबसे बड़ा सांस्कृतिक संगठन बताने वाले संघ की सच्चाई भी इस कार्यक्रम में सामने आ गई। पंडाल में चंद संघ ही दिखाई देते हैं, यदि इतना ही बड़ा संगठन होता खाली पंडाल के कारण अपमानित नहीं होना पड़ता। संघ मामलों के जानकारों का मानना है कि धर्म के नाम पर भी जनता इक_ा नहीं हो रही है, ऐसे में किराए की भीड़ जुटाने का इंतजाम कर किरकरी बचाई जाएगी, इसके लिए मंत्री-विधायकों से मोटा धन वसूला जाएगा।

कार्यक्रम क्योंकि डबल इंजन सरकारों के लिए धर्म के नाम पर राजनीतिक समर्थन बटोरने के लिए किया जा रहा है इसलिए पार्क के इस्तेमाल पर हूडा के अफसर भी चुपचाप हैं।

  Article "tagged" as:
  Categories:
view more articles

About Article Author

Mazdoor Morcha
Mazdoor Morcha

View More Articles