फऱीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) मलेरना में 85 लाख रुपये से बनाई सडक़ दस दिन बाद ही उखडऩे लगी। उसे उखडऩा ही था, जब नेता-ठेेकेदार लूटने मेंं और लोक निर्माण विभाग के भ्रष्ट-नाकारा अधिकारी नेताओं की जी हुजूरी में लगे हों तो यही होगा। जनता की गाढ़ी कमाई विकास कार्य के नाम पर खाई-उड़ाई जाती रहेगी लेकिन वह न तो नेता से सवाल करेगी और न ही सरकार से।
करीब दस साल से सत्ता का सुख भोग रहे भाजपा केंद्रीय मंत्री किशन पाल गूजर और परिवहन मंत्री मूूलचंद शर्मा इतने वर्ष केवल घोषणाओं के सहारे सरकार के विकास कार्यों का ढिंढोरा पीटते रहे, धरातल पर कहीं विकास नजर नहीं आ रहा था। अब चर्चा है कि मोदी लोकसभा चुनाव के साथ ही हरियाणा में विधानसभा चुनाव भी कराना चाहते हैं।
यानी चुनावी वर्ष है तो इन मंत्रियों को मतदाताओं को लुभाने के लिए विकास कार्यों की याद आई है। मलेरना गांव की टूटी सडक़ बनवाने की मांग यहां के ग्रामीण बीते आठ-नौ साल से कर रहे थे लेकिन सत्ता के नशे में चूर भाजपा नेताओं ने कोई ध्यान नहीं दिया। अब चुनावी वर्ष शुरू हुआ तो किशनपाल गूजर से लेकर मूलचंद शर्मा सबको गावों की याद आने लगी। मूलचंद शर्मा को भी सितंबर 2023 में मलेरना गांव की दस साल से टूटी पड़ी सडक़ का ख्याल आया और लोक निर्माण विभाग से सडक़ बनवाने का फरमान जारी कर दिया। एसडीएम बल्लभगढ़ ने सडक़ निर्माण की प्रक्रिया शुरू की और 85 लाख रुपये लागत से कंकरीट-तारकोल की सडक़ बनाने का टेंडर हो गया।
लोक निर्माण विभाग के पूर्व अधिकारियों के अनुसार तारकोल की सडक़ नवंबर से फरवरी माह के बीच नहीं बनाई जाती क्योंकि इस दौरान तापमान कम रहने के कारण तारकोल सडक़ पर ठीक से जम नहीं पाता और उखडऩे लगता है। यही कारण है कि अधिक सर्दियों में सडक़ों पर तारकोल का काम पूरी तरह रोक दिया जाता है यहां तक कि पैचिंग भी नहीं कराई जाती।
इधर मंत्री मूलचंद शर्मा सडक़ निर्माण जल्द से जल्द पूरा करने पर जोर दे रहे थे क्योंकि चुनाव की घोषणा होने पर वह गांव वालों को अपने कराए गए तरोताजा विकास कार्या की दुहाई देकर वोट मांगते। पीडब्ल्यूडी के अधिकारी और ठेकेदार सबको मालूम था कि सर्दी में बनाई गई सडक़ टिकाऊ नहीं हो सकती। बस इसी की आड़ में लूट कमाई का खेल चला, मोटा कमीशन देने वाले ठेकेदार ने भी घटिया सामग्री लगाई। रही सही कसर दिसंबर-जनवरी की सर्दी ने पूरी कर दी, नतीजा सामने है। जनवरी के पहले सप्ताह में बन कर तैयार हुई मलेरना गांव की सडक़ का मंत्री मूलचंद द्वारा लोकार्पण कराने की तैयारियां हो रही थीं।
माना जा रहा था कि राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा उत्सव को भुनाने में लगे मंत्री 22 जनवरी के बाद इसका लोकार्पण करेंगे लेकिन इससे पहले ही सडक़ जगह जगह से उखडऩे लगी। जानकारों के अनुसार जिस रफ्तार से सडक़ उखड़ रही है, एक से दो सप्ताह में सडक़ के पत्थर उभर आएंगे जो वाहनों और यात्रियों के लिए खतरनाक साबित होंगे।
लोक निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता प्रदीप संधू कहते हैं कि ज्यादा सर्दी की वजह से तारकोल और कंकरीट की परत जम नहीं पाई, वाहनों के आवागमन के कारण रोड़ी उखड़ गई, जब मौसम गर्म होगा तब सडक़ पर दोबारा तारकोल कंकरीट की परत डाली जाएगी। कार्यकारी अभियंता अच्छी तरह जानते हैं कि सर्दी के मौसम में तारकोल की सडक़ नहीं बनाई जाती, सरकार की ओर से भी इस संबंध में सकुर्लर जारी होते रहते हैं। बावजूद इसके कडक़ड़ाती सर्दी में जेई ठेकेदार ने यह सडक़ बना डाली और एक्सईएन साहब ने न कोई सवाल किया और न ही काम रुकवाया। समझा जा सकता है कि विभागीय नियमों के जानकार एक्सईएन प्रदीप संधू ने मंत्री मूलचंद शर्मा के दबाव में, यह जानते हुए भी कि धन और समय की बर्बादी होनी है यह काम रुकवाया नहीं। अब हो सकता है कि मंत्री जी से उद्घाटन करवाने के लिए ऐसी सर्दी में सडक़ पर एक बार फिर तारकोल-कंकरीट की तह बिछवा दी जाए ताकि चुनावी मौसम में उनकी जय जयकार हो सके। राम मंदिर उत्साह में जुटे मलेरना गांव वालों को भी दस दिन में ही सडक़ उखडऩे का भ्रष्टाचार नजर नहीं आ रहा क्योंकि वो देश मेें राम राज स्थापित होने के उत्सव में डूबे हुए हैं। भक्त जनता राम राज में मंत्री-अधिकारियों की हरामखोरी और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज नहीं उठाती।