पुरानी की सुध नहीं ली, नई लाइटें लगाकर लूटी वाहवाही

पुरानी की सुध नहीं ली, नई लाइटें लगाकर लूटी वाहवाही
December 17 14:43 2023

फरीदाबाद (शेखर दास)। जनता की गाढ़ी कमाई को विकास कार्यों के नाम पर राजनेता और अधिकारी बर्बाद करने में लगे हैं। एनआईटी तीन सी ब्लॉक स्थित पार्क में लगी 70 स्ट्रीट लाइटों में 45 या तो गायब हो चुकी हैं या खराब पड़ी हैं। बडख़ल विधायक सीमा त्रिखा बीते दिनों इस पार्क में नई सोलर स्ट्रीट लाइटों का उद्घाटन करने आईं। उन्होंने अधिकारियों से इन लाइटों के बारे में पूछने के बजाय कहा कि पार्क में चौकीदार खड़ा नहीं किया जा सकता। कोई उनसे पूछे कि जब पार्क से स्ट्रीट लाइट और ग्रिल चोरी हो सकती हैं तो सोलर पैनल, बैटरी, लाइट कैसे सुरक्षित रहेंगी जिन्हें लगाकर वो वाहवाही लूटने आईं हैं, लेकिन इससे उन्हें कोई मतलब नहीं। उन्हें न तो पार्क की गंदगी दिखी और न ही जर्जर ओपन जिम नजर आया।

भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी के बोलबाले वाली खट्टर सरकार की विधायक सीमा त्रिखा ने सोलर लाइटों का उद्घाटन करते हुए बड़ी बड़ी बातें कीं। बताया कि डबल इंजन की सरकारें डिजिटल भारत की ओर अग्रसर हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि पार्क कुल 70 स्ट्रीट लाइटें लगी थीं इनमें से केवल 25 ही जलती हैं बाकी 45 यानी लगभग दो तिहाई लाइटें या तो गायब हो चुकी हैं या खराब हैं, यदि इन्हें ही दुरुस्त कर दिया जाता तो सोलर लाइटों की जरूरत नहीं पड़ती। लेकिन ऐसा करने में कमीशनखोरी का खेल नहीं हो पाता। गायब की गईं पुरानी लाइटों की कालाबाजारी से पैसा कमाया जाएगा, फिर नई सोलर लाइटें लगाने में कमीशनखोरी होगी। एक सोलर लाइट की कीमत पच्चीस हजार रुपये बताई गई। सुधी पाठकों को बताते चलें कि नगर निगम में स्ट्रीट लाइटें लगाने में करोड़ों रुपये का घोटाला हो चुका है। वर्ष 2018-19 में कुछ पार्षदों ने निगम अधिकारियों पर ठेकेदार से मिलीभगत कर नकली स्ट्रीट लाइटें लगाए जाने की शिकायत की थी। लोगों में चर्चा है कि पार्क मेें लगाई गई सोलर लाइटों की कीमत खुले बाजार से कहीं ज्यादा है। सोलर लाइटों की खरीदारी में भी कमीशनखोरी की आशंका जताई जा रही है।

विधायक सीमा त्रिखा ने समारोहपूर्वक मंत्रोच्चारण और पूजा पाठ के बाद सोलर लाइटों का उद्घाटन किया। उन्होंने बताया कि सरकार सौर ऊर्जा को बढ़ावा देना चाहती है इसके तहत बडख़ल विधानसभा क्षेत्र के पांच पार्कों में सोलर लाइटें लगाई जाएंगी। उनसे लापता व खराब 45 स्ट्रीट लाइटों के बारे में पूछा गया तो जवाब था कि बच्चे खेलते हुए तार हिला देते होंगे इसलिए लाइटें खराब हो गई होंगी, चोरी लाइटों के सवाल पर वह चुप्पी साध गईं। बताया कि लाइटें जलाने के लिए नगर निगम में स्पेशल विंग है इसके एक्सईएन ओपी कर्दम हैं। पार्क में गंदगी, ओपन जिम की बदतर हालत को उन्होंने टालते हुए कहा कि हम आगे बढ़ रहे हैं। सुरक्षा के सवाल पर उन्होंने एक पार्क से ग्रिल चोरी किए जाने का उदाहरणर देते हुए कहा कि अब पार्क में सरकार का कोई आदमी खड़ा तो रहेगा नहीं, हमारा काम सिर्फ संसाधन जुटा कर देना है। विधायक भूल गईं कि ये संसाधन वह अपनी जेब से जुटा कर नहीं देतीं बल्कि जनता के टैक्स से खरीदे जाते हैं, वो तो उद्घाटन कर सिर्फ वाहवाही लूटती हैंं। दूसरी बात, जब सरकार सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा करने की कुव्वत नहीं रखती तो फिर महंगी सोलर लाइटें चोरी करवाने के लिए लगाई जा रही हैं क्या? स्थानीय लोगों को आशंका है कि पुरानी स्ट्रीट लाइटों की तरह ही ये सोलर लाइटें भी चार दिन की चांदनी साबित होंगी।

विधायक के कार्यकर्ता बोले, लाइटें लगवा दीं बाकी काम खुद कर लो
ढिंढोरेबाज सरकार की विधायक सीमा त्रिखा के कार्यकर्ता सोलर लाइट लगाने के लिए एनआईटी पांच जे और एच ब्लॉक के पार्कों का मुआयना करने पहुंचे थे। लोगों ने पार्क में भरे गंदे-बदबूदार पानी, जर्जर फर्नीचर, गंदगी की ओर ध्यान दिलाया। उन्हें बताया कि इन पार्कों में कोई सफाईकर्मी नहीं आता। स्थानीय निवासी शशि आनंद ने बताया कि सीवेज का गंदा पानी ओवरफ्लो होकर पार्क में इक_ा है, बदबू के कारण यहां चलना और बैठना मुश्किल होता है। रवींद्र चावला का कहना था कि गंदे पानी में डेंगू, मलेरिया फैलाने वाले मच्छर के साथ ही अन्य नुकसानदेह कीटाणु पनप रहे हैं, सफाई कराया जाना बहुत जरूरी है। राकेश अरोड़ा ने बताया कि काफी समय से पार्क की सफाई नहीं हो रही। इस पर विधायक के कार्यकर्ताओं ने कहा कि हम लाइटें लगवा रहे हैं, बाकी का काम आप लोग आपस में मिल कर कर लो। विधायक प्रतिनिधि कार्यकर्ताओं के जवाब से स्थानीय लोगों में निराशा और गुस्सा है, लोगों का कहना है कि वोटों की बात आती है तो सीमा त्रिखा हाथ जोड़ कर घर-घर घूमती है और काम की बात आई तो कार्यकर्ता भी ठीक से जवाब नहीं दे रहे। सेक्टर 48 एसजीएम नगर आरडब्ल्यूए प्रधान सूबेदार सत्तार सहित अन्य लोगों का कहना था कि पार्क सही कराने के लिए विधायक सीमा त्रिखा के दफ्तर के चक्कर काट-काट कर थक गए लेकिन दो साल में भी कोई सुनवाई नहीं हुई। मजबूर होकर सबने धन इक_ा किया और पार्क को दुरुस्त कराया जा रहा है।

  Article "tagged" as:
  Categories:
view more articles

About Article Author

Mazdoor Morcha
Mazdoor Morcha

View More Articles