मज़दूर मोर्चा ब्यूरो हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज बीते करीब दो साल से अपने महकमे की डायरेक्टर जनरल हेल्थ सर्विसेज डॉ. सोनिया खुल्लर से बेहद परेशान चल रहे थे; परेशान भी इतने कि उन्होंने अपने महकमे की फाइलें तक भी देखनी छोड़ दीं थीं। सोनिया उनका तुगलकी आदेश नहीं मानती थी, लोग तो यहां तक भी कहते हैं कि वे विज को कुछ समझती ही नहीं थी। समझे भी क्यों जब उनके पतिदेव राजेश खुल्लर (पूर्व आईएएस) मुख्यमंत्री खट्टर की सरकार को हांकने वालों में प्रमुख हों।
सोनिया को लेकर अनेकों बार खट्टर से शिकायत किये जाने के बावजूद कोई लाभ न हुआ। लाभ होता भी कैसे जब खुद खट्टर की लगाम राजेश खुल्लर के हाथ में हो। विज के महकमे में होने वाले सारे काम-काज तो मुख्यमंत्री कार्यालय यानी खुल्लर द्वारा ही किये जाने लगे थे। तमाम महकमाना मीटिंगें भी विज को सूचित किए बगैर ही होने लगी थी। यह सब भला विज कब तक सहन करते रहते? का$फी सब्र करने के बाद विज का गुस्सा फूटने लगा तो खट्टर ने उनसे बात-चीत करके मामला निपटाया।
विज की तो एक ही शर्त थी कि सोनिया को डीजीएचएस के पद से हटाया जाए। खट्टर ने इसे स्वीकार करते हुए डॉक्टर आरएस पूनिया को इस पद पर तैनात कर दिया। करीब डेढ़ साल बाद सेवानिवृत होने वाली सोनिया को बेशक इस पद से तो हटा दिया गया, लेकिन उन्हें इससे भी बड़े पद पर बैठा दिया गया। जी हां, अब वे हरियाणा लोकसेवा आयोग की सदस्य होंगी। इस पद पर वे छ: साल तक रह सकेंगी। यह पद तमाम अ$फसरशाहों से ऊपर तो माना ही जाता है, इसके अलावा राजपत्रित पदों पर भर्ती करने के अधिकार की शान भी भरपूर मिलती रहेगी।