नगर निगम के 24 कर्मचारियों ने नहीं पूरी की पदोन्नति की शर्तें, रिवर्ट करने की मांग उठी फऱीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) भ्रष्टाचार का अड्डा नगर निगम में काम से लेकर कर्मचारियों की पदोन्नति तक में धांधली जारी है। करीब पांच साल पहले क्लर्क और मीटर रीडर पर पदोन्नत हुए 24 निगम कर्मचारियों ने पदोन्नति की आवश्यक शर्त आज तक पूरी नहीं की हैं। आवाज उठने पर अधिकारी उन्हें नोटिस जारी कर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं करते।
एनआईटी पांच निवासी आकाश चतुुर्वेदी के अनुसार प्रदेश सरकार की आरक्षण नीति के तहत सितंबर 2018 से नवंबर 2021 के बीच नगर निगम के 24 कर्मचारियों को क्लर्क और दो कर्मचारियों को मीटर रीडर पद पर पदोन्नत किया गया था। पदोन्नति की शर्त यह थी कि इन सबको एक वर्ष के भीतर स्टेट एलिजिबिलिटी टेस्ट इन कंप्यूटर एप्रीसिएशन एंड एप्लीकेशन (एसईटीसी) परीक्षा पास कर उसका प्रमाणपत्र दाखिल करना था। एसईटीसी परीक्षा अनुत्तीर्ण होने या एक वर्ष में प्रमाणपत्र दाखिल नहीं करने पर उनको रिवर्ट करने और बढ़े वेतन की रिकवरी का स्पष्ट उल्लेख उनके पदोन्नति आदेश में किया गया था।
बावजूद इसके केवल एक महिला क्लर्क को छोड़ कर आज तक किसी भी कर्मचारी ने एसईटीसी प्रमाण पत्र जमा नहीं करवाया है। एक मीटर रीडर तो सेवानिवृत्त भी हो गया। एनआईटी पांच निवासी आकाश चतुर्वेदी ने बताया कि नियमानुसार इन कर्मचारियों को पदोन्नति का एक वर्ष पूर्ण होने के बाद रिवर्ट कर देना चाहिए था और इस दौरान का बढ़ा हुआ वेतन भी वापस लिया जाना चाहिए था लेकिन आज तक ऐसा नहीं किया गया।
आकाश ने जनवरी 2023 में सीएम मनोहर लाल खट्टर, उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला और निगमायुक्त से इसकी शिकायत करते हुए मांग की थी कि या तो इन कर्मचारियों को रिवर्ट कर अब तक दिए गए बढ़े वेतन की रिकवरी की जाए या इन लोगों से एसईटीसी सर्टिफिकेट लिया जाए। उनकी शिकायत पर अतिरिक्त आयुक्त की ओर से इन सभी कर्मचारियों 30 जनवरी 2023 को नोटिस जारी किया गया था कि वे पांच दिन के भीतर अवगत कराएं कि वे लोग एसईटीसी परीक्षा देना चाहते हैं या नहीं। जवाब नहीं देने पर नियमानुसार कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई थी। आकाश कहते हैं कि नोटिस की भाषा से ही लग गया था कि अतिरिक्त निगमायुक्त सिर्फ औपचारिकता की जा रही है। जिन कर्मचारियों को एक वर्ष के भीतर परीक्षा पास करनी थी तीन से पांच साल बाद उन पर कार्रवाई करने के बजाय उनसे राय ली जा रही है कि पांच दिन में बताएं क्या करेंगे। हुआ वही, इन कर्मचारियों ने न तो कोई जवाब दिया और न ही आज तक एसईटीसी परीक्षा दी। बढ़े हुए वेतन की रिकवरी तो दूर नोटिस का जवाब नहीं दिए जाने के बावजूद कर्मचारियों को बढ़ा हुआ वेतन दिया जा रहा है। खट्टर से लेकर शहरी स्थानीय निकाय मुख्यालय चंडीगढ़ तक सब को इस मामले की जानकारी है बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं होना समझा जा सकता है कि सीएम और चंडीगढ़ मुख्यालय में बैठे उनके चहेते आला अधिकारी कितने ईमानदार हैं।