मंत्री बने बिना बेचारी सीमा त्रिखा क्या करे

मंत्री बने बिना बेचारी सीमा त्रिखा क्या करे
October 25 17:08 2023

फऱीदाबाद (मज़दूर मोर्चा)। बडख़ल विधायक सीमा त्रिखा को मंत्री बनने की बड़ी लालसा है वह बनना तो मंत्री चाहती हैं लेकिन अपने क्षेत्र के लिए उनकी क्या कारगुजारी है यह जानना जरूरी है। वह अपने क्षेत्र के प्रति, उसके विकास के प्रति गंभीर हैं, उन्होंने क्या किया और क्या करती हैं इसका लेखाजोखा देखना जरूरी है।

मज़दूर मोर्चा संवाृददाता ने सीमा त्रिखा से उनसे उनके विधानसभा क्षेत्र के विद्यालयों की दुर्दशा और शिक्षकों की घोर कमी पर सवाल किया। उन्हें बताया कि बडख़ल के एक विद्यालय में पांच सौ छात्रों पर महज दो शिक्षक हैं, ऐसे में वह अपनी विधानसभा क्षेत्र के विद्यालयों की दशा सुधारने के लिए क्या करेंगी।

उन्होंने बड़ी मासूमियत और बेचारगी से जवाब दिया कि मैं क्या करूं मैं तो शिक्षामंत्री नहीं हूं। बड़ी अजीब बात है कि अगर आप शिक्षामंत्री होंगी तभी आप अपने क्षेत्र के स्कूलों को देखेंगी अन्यथा नहीं? शिक्षामंत्री कंवरपाल गूजर न तो कांग्रेस के हैं न आम आदमी पार्टी के या पाकिस्तान से आए हैं। वह हैं तो आपकी ही सत्ताधारी भाजपा के, और आपके समर्थन से ही शिक्षामंत्री हैं। अब अगर आपके ही शिक्षामंत्री काम नहीं कर रहे हैं तो आपकी क्या जिम्मेदारी बनती है, आपको उनसे अपने क्षेत्र के स्कूलों की दुर्दशा पर बात नहीं करनी चाहिए?
आपने कभी अपने क्षेत्र के स्कूलों के हालात जाने हों तभी तो शिक्षामंत्री को बताएंगी। आपके विधानसभा क्षेत्र में छोटे बड़े सौ से ज्यादा स्कूल हैं नौ साल के कार्यकाल में आपने इनमें झांकने की कोशिश भी की क्या? सही है, कि आप शिक्षामंत्री नहीं हैं लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि आप शिक्षा मंत्री या मुख्यमंत्री से सवाल नहीं कर सकतीं, उनसे विद्यालयों की दशा सुधारने, स्टाफ देने को नहीं कह सकतीं। हां, आप किसी को हटाने, लगाने या ट्रांसफर करने की सिफारिशें तो कर देंगी, इसके लिए आपका कोई मंत्री होना जरूरी नहीं है लेकिन अजीब बात है कि अपने क्षेत्र की शिक्षा की दशा सुधारने के लिए आपका शिक्षामंत्री बनना बहुत जरूरी है।

आप शहरी स्थानीय निकाय विकास मंत्री भी नहीं है, शायद इसीलिए आप टूटी सडक़ें, चोक नाले-नालियों, जगह-जगह लगे कूड़े ढेर, अवैध निर्माण और कब्जों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए निगम अधिकारियों से नहीं कहतीं, इसके लिए भी पहले आपको इस विभाग का मंत्री बनना होगा।

आपकी विधानसभा क्षेत्र में पडऩे वाले सीएचसी, पीएचसी, यूएचसी, डिस्पेंसरी और बीके अस्पताल में भी स्वास्थ्य सेवाओं की हालत खराब है। बीके में मरीजों की जांच नहीं हो पाती, पर्याप्त दवाएं और इलाज भी मुहैया नहीं हो पा रहा। वार्डों में गंदगी रहती है, टीबी के मरीज भी दवाएं नहीं मिलने से परेशान घूम रहें हैं। सीएचसी-पीएचसी- यूएचसी तो नाम को चल रही हैं क्योंकि इनमें सेवाएं देने के लिए न तो पर्याप्त चिकित्सक हैं, न पैरामेडिकल स्टाफ, न जांच की व्यवस्था और न ही दवाएं, लेकिन आप कुछ कर नहीं सकतीं क्योंकि आप स्वास्थ्य मंत्री तो हैं नहीं। अपने क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करने के लिए आपका स्वास्थ्य मंत्री होना जरूरी है।

आपके ही क्षेत्र में विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं देने में सक्षम ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज है। आप यहां जब-तब पहुंच कर अपने और अपने अनुचरों के काम करवा लेती हैं, लेकिन कभी आपने इस मेडिकल कॉलेज की जरूरतों, समस्याओं के बारे में जानना जरूरी नहीं समझा। यहां स्टाफ की कितनी कमी है, कॉलेज-अस्पताल परिसर कितना छोटा पड़ रहा है। विद्यार्थियों के लिए छात्रावास भी पर्याप्त नहीं है। यदि आप जरा भी संवेदनशील होतीं, अपनी ही पार्टी के केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र सिंह यादव पर दबाव डालकर उन्हें समस्याओं के निदान के लिए मजबूर कर सकती थीं लेकिन आपने कभी कुछ करने की जरूरत नहीं समझी क्योंकि आपकी कोई रुचि नहीं है, क्योंकि यह आपके संपन्न वर्ग के लिए न होकर केवल मजदूरों के लिए है।

आप तो केवल वही काम कर सकती हैं जिसका आपको मंत्री बनाया जाए अन्यथा आप कुछ नहीं कर पाएंगी। विधायक महोदया, सच्चाई इसके उलट है, आप सब कुछ कर सकती हैं और करती भी हैं लेकिन वहां, जहां आपका अपना लाभ हो। नगर निगम में अपने चहेतों का ठेका दिलाना हो, कहीं अवैध कब्जा करवाना हो, अवैध निर्माण करवाना हो, तब तो आप अधिकारियों से काम करवा लेती हैं। ईएसआई मेडिकल कॉलेज में वीआईपी ट्रीटमेंट लेना हो या बीके अस्पताल अथवा प्रशासन में, आप अपने और अपने लगुए भगुओं के सारे काम करवा लेंगी लेकिन आम जनता की आवाज नहीं उठा सकतीं, क्योंकि आप उस विभाग की मंत्री ही नहीं हैं।

ठीक है आप मंत्री नहीं हैं लेकिन जो मंत्री हैं वो आपकी ही सरकार में आपके सहयोगी हैं, आप खुद कुछ नहीं कर सकतीं तो कम से कम मंत्री से अपनी विधानसभा क्षेत्र की कमियों को दूर करने के लिए कह सकती हैं। आपकी ही विधानसभा में आम जनता पीने का पानी खरीदने को मजबूर है, गंदी, बजबजाती नालियों की सफाई नहीं होने से परेशान है लेकिन आपको इन लोगों की ओर देखने की फुर्सत ही नहीं है। आपके विधानसभा क्षेत्र में बहुत सी कॉलोनियां, गलियां ऐसी हैं जहां आप आखिरी बार जनता से वोट मांगने पहुंची थीं, जीतने के बाद न तो कभी इन कॉलोनियों की ओर पलट कर देखा और न ही यहां रहने वालों की समस्याओं को देखने, समझने और उसे दूर करवाने में आपने रुचि दिखाई।

वैसे मंत्री तो आप पर्यटन विभाग की भी नहीं रहीं लेकिन नौ साल पहले आपने बडख़ल झील को भरने की घोषणा की थी। करीब चालीस विशेषज्ञों की टीम ने सर्वे के बाद बिना खर्च के ही बडख़ल झील को भरने की रिपोर्ट तैयार की थी। विशेषज्ञों ने झील की खुदाई कर उसकी ही मिट्टी बेच कर उसे पानी से लबालब करने की तरकीब बताई थी लेकिन इसमें कोई कमीशन नहीं बनता इसलिए उनकी स्कीम खारिज कर दी गई। आपने निगम के भ्रष्ट अधिकारियों से झील भरने का अप्रासंगिक और अवैज्ञानिक प्रोजेक्ट तैयार करवा दिया।
अब झील प्राकृतिक पानी के बजाय एसटीपी के सड़े हुए शोधित पानी से भरी जाएगी जिसमें लोग हाथ भी नहीं धो सकते। एसटीपी का पानी कितना शुद्ध होता है, ये आप जानती है। आप भले ही इसे कामयाबी मानें लेकिन इस असफल प्रोजेक्ट पर जनता खुश नहीं होगी। खैर, ये दिवाली मना लीजिए अगली दिवाली पर चुनाव हैं तब जनता ही तय करेगी कि उसको कैसा विधायक चाहिए, ऐसा जो काम कराने के लिए पहले मंत्री बनने का इंतजार करे या जो जनता के बीच पहुंच कर काम करवाए।

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Mazdoor Morcha
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