अधिकारियों के संरक्षण एवं हिस्सापत्ती में ग्रेटर फरीदाबाद में हो रहा अवैध निर्माण

अधिकारियों के संरक्षण एवं हिस्सापत्ती में ग्रेटर फरीदाबाद में हो रहा अवैध निर्माण
October 15 14:23 2023

फऱीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) डीटीपी एन्फोर्समेंट, नगर निगम और हूडा के लूट कमाई में माहिर अधिकारियों की मिलीभगत से नहरपार ग्रेटर फरीदाबाद इलाके में कृषि भूमि पर व्यावसायिक गतिविधियां धड़ल्ले से जारी हैं। भू माफिया से गठजोड़ होने के कारण यह विभाग तो कोई कार्रवाई नहीं करते, सीएम फ्लाइंग और खुफिया विभाग भी नहर पार इलाके में चल रहे अवैध निर्माण पर चुप हैं। दरअसल, यह नहरपार इलाका केंद्रीय राज्यमंत्री किशनपाल गूजर का माना जाता है। उनका परिवार अमोलिक प्रॉपर्टीज के नाम से डेवलपर के रूप में तो सीधे काम कर ही रहा है, बताया जाता है कि वह खुद भी कई बड़े बिल्डरों के अघोषित पार्टनर हैं।

नहर पार इलाके में अम्मा का फाइव स्टार हॉस्पिटल बनने के बाद से इस इलाके में प्रॉपर्टी डीलर और डेवलपर्स की बाढ़ आ गई है। मास्टर रोड के दोनों ओर पड़ी कृषि भूमि पर धड़ल्ले से प्लॉट काटे जा रहे हैं और व्यावसायिक कॉप्लेक्स व भवन बन रहे हैं। सेक्टर 29 का पुल पार करते ही सडक़ के दोनों ओर कृषि भूमि पर प्रॉपर्टी डीलरों के कार्यालय लाइन से लगे हैं। धड़ल्ले से नया निर्माण होता भी दिख जाएगा। बिल्डर तुरंत ही प्लॉट से लेकर दुकान, फ्लैट तक के रेट बताने लगते हैं, लेकिन कृषि भूमि पर व्यावसायिक इस्तेमाल के सवाल पर गोल मोल उत्तर देते हैं। एक बिल्डर ने समझाया कि मुख्यमंत्री खट्टर खुद ही नई कालोनियों को अप्रूव करने की घोषणा कर चुके हैं इसलिए चिंता की बात नहीं है। रजिस्ट्री भी हो जाएगी और निर्माण भी। बिना सीएलयू और सब डिवीजन प्रशासन द्वारा कार्रवाई करने के सवाल पर कहते हैं कि सब कुछ सेट है कोई कार्रवाई नहीं होगी। सैकड़ों लोग प्लॉट खरीद रहे हैं, छह महीने बाद इस रेट पर जमीन नहीं मिलेगी, तुरंत खरीद लीजिए। कुछ बिल्डर तो ये ऑफर करते मिले कि आज इस रेट पर जमीन खरीद लीजिए एक साल बाद तीस से चालीस प्रतिशत अधिक रेट पर वह खुद जमीन खरीद लेंगे।

स्थानीय लोगों के अनुसार नहर पार इलाके में जमीन खरीद फरोख्त का धंधा केंद्रीय मंत्री किशनपाल गूजर के सजातीय कर रहे हैं, अधिकतर को मंत्री का संरक्षण प्राप्त है, कई बड़े प्रॉपर्टी डीलरों के साथ मंत्री खुद बेनामी पार्टनरशिप में काम कर रहे हैं। यही कारण है कि इतने बड़े पैमाने पर नियम कानून ताक पर रख कर हो रहे अवैध निर्माण पर किसी की नजर नहीं जा रही।

फर्जी डिग्री के बल पर बेलदार से एसडीओ पद पर पहुंचा सुरेंद्र हुडा और नगर निगम की ज्वाइंट कमिश्नर शिखा आंटिल अन्य इलाकों में तो तोडफ़ोड़ की कार्रवाई करते हैं लेकिन नहरपार ग्रेटर फरीदाबाद में नहीं, क्योंकि यहां से उन्हें मोटी रकम पहुंचाई जाती है जो ऊपर तक बंटती है।

यही हाल डीटीपी एन्फोर्समेंट और हूडा के है। डीटीपी को भूपानी गांव में काफी अंदर हो रहे अवैध निर्माण तो दिखजाते हैं लेकिन ठीक मास्टर रोड के दोनों ओर चल रहा निर्माण नजर नहीं आता, यानी कार्रवाई नहीं होती। हूडा अधिकारी भी अपनी जमीन पर हो रहे अतिक्रमण और अवैध कब्जे को लेकर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे। कार्रवाई के नाम पर नोटिस भेजी जाती है और सुविधा शुल्क मिलने के बाद सब ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है।

सरकारी जमीन पर कब्जा और अवैध निर्माण कराने के एवज में काली कमाई करने वाले नगर निगम, हूडा और डीटीपी द्वारा कार्रवाई नहीं किया जाना तो समझ में आता है लेकिन सीएम फ्लाइंग और खुफिया विभाग भी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे। भरोसेमंद सूत्रों के अनुसार सीएम फ्लाइंग ने एक दो बार यहां रेड की और अवैध निर्माण पकड़ा लेकिन कार्रवाई तो संबंधित विभागों को ही करनी होती है, जो की नहीं जाती। खुफिया विभाग ने शुरू में कई अवैध निर्माण की रिपोर्ट आला अधिकारियों तक भेजीं लेकिन वह उनकी मेज पर ही पडी रह गईं। कार्रवाई नहीं होने के कारण अब खुफिया विभाग भी औपचारिकता ही निभाता है।

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Mazdoor Morcha
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