गैर फौजी महिला के आर्मी कैंटीन मैनेजर बनने पर फौजियों में रोष

गैर फौजी महिला के आर्मी कैंटीन मैनेजर बनने पर फौजियों में रोष
October 03 16:22 2023

फरीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) सेक्टर 16 स्थित आर्मी कैंटीन में रिटायर्ड फौजी की जगह गैर फौजी महिला मधु चौहान को मैनेजर बनाए जाने से फौजियों में नाराजगी है। मधु की तैनाती को रक्षा मंत्रालय के दिशा निर्देश और आर्मी दिल्ली एरिया द्वारा जारी किए गये नियुक्ति सर्कुलर का उल्लंघन बताया जा रहा है। फौजी इस महिला मैनेजर पर स्वेच्छाचार, भ्रष्टाचार और सेवानिवृत्त सैनिकों से अभद्रता करने का आरोप लगा रहे हैं।

फौजियों को कैंटीन सुविधा देने के लिए देश के महत्वपूर्ण स्थानों पर सीएसडी कैंटीन खोली गई हैं। फौज से सेवानिवृत्त होने के बाद भी उन्हें यह सेवा मिलती रहे इसके लिए फरीदाबाद में भी एक कैंटीन सेक्टर 16 में स्थित है। इसका मैनेजर प्राय: कर्नल या मेजर रैंक से रिटायर्ड व्यक्ति होता है। क्योंकि यह सेवा केवल फौजियों के लिए बनाई गई है इसलिए इसमें किसी भी गैर फौजी का प्रवेश वर्जित होता है।

अपने ही कायदे-कानूनों की धज्जियां उड़ाते हुए दिल्ली सीएसडी से संबंधित एरिया कमांडर ने मधु चौहान नामक एक महिला को इस कैंटीन का मैनेजर बना दिया है। योग्यता के नाम पर मधु एमबीए डिग्री धारक है और फौजी के नाम पर उसके पिता फौज में हवलदार रहे चुके हैं। गैर फौजी होने के कारण उसे रक्षा सेवा में आर्मी, नौसेना और वायु सेना के अधिकारियों के रैंक नहीं पता हैं और वह आर्मी की संस्कृति से भी अनभिज्ञ है, किस अधिकारी से कैसे बात की जानी चाहिए उसे नहीं पता है। यहां तक कि कैंटीन के क्रियाकलाप, इंडेंटिंग आदि की जानकारी भी उसे नहीं है।

इस कैंटीन में फौज की विधवा महिलाओं को विशेष अनुकंपा पर नौकरी पर रखा गया था। मधु पर आरोप है कि उसने इन विधवाओं को नौकरी से निकाल दिया और अथॉरिटी नहीं होने के बावजूद भर्ती प्रक्रिया दरकिनार कर अपने चहेतों को नौकरी पर रख लिया। उस पर स्वेच्छाचारिता के भी आरोप लग रहे हैं कि वह कैंटीन से निकलने वाली रद्दी बिना ओपन टेंडर किए ही अपने चहेतों को बेच देती है। कैंटीन में हुई टूट फूट को बिना किसी अधिकारी की अनुमति के खुद ही ठीक करवा कर उसका पैसा हजम कर जाती है। जबकि इस तरह की मरम्मत के लिए अधिकारियों से पूर्वानुमति लेना जरूरी होता है। फौजियों में इस बात पर भी रोष है कि कोई बात होने पर मधु फौजी कैंटीन में सिविल पुलिस और को बुला लेती है। उसकी शह पर पुलिस वाले फौजियों से अभद्रता करते हैं। महिला होने का फायदा उठाते हुए छेडख़ानी के केस में फंसाने की धमकी देकर फौजियों पर दबाव भी बनाती है।

फौजियों का कहना है कि सिविलियन मैनेजर मधु चौहान की नियुक्ति से पूरे भारत में एक हास्यास्पद स्थिति पैदा हो गई है। वह न तो कैंटीन में प्रवेश करने का अधिकार रखती है, न ही कैंटीन कार्ड की हकदार है और न ही वह कैंटीन से कोई सामान खरीद सकती है। मैनेजर का एक या दो वर्ष का अनुबंध होता है लेकिन फौज के आला अधिकारियों की खास मधु को हर बार एक्सटेंशन मिल जाता है। उसे भर्ती करने और हर साल एक्सटेंशन देने वाले अधिकारी पर कोई कार्रवाई हो तभी कुछ हो सकता है।

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Mazdoor Morcha
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