फऱीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) एक साल विलंब के बाद बनाई जा रही हार्डवेयर-प्याली चौक सडक़ के फुटपाथ पर ठेकेदार पुरानी इंटरलॉकिंग टाइलें लगा रहा था लेकिन निगम अधिकारियों ने उसे देखने की जहमत नहीं की। सामाजिक कार्यकर्ता वरुण श्योकंद ने ठेकेदार की इस करतूत को सोशल मीडिया पर वायरल किया तब कहीं जाकर निगम अधिकारियों को शर्म आई और मौके पर जाकर पुरानी इंटरलॉकिंग टाइलें हटवाने को कहा। यदि एक जागरूक नागरिक शिकायत नहीं करता तो निगम अधिकारियों को मोटी मलाई खिलाने वाला ठेकेदार पुरानी लगाकर नए के दाम वसूल भी लेता।
लूट-कमाई में माहिर निगम के अधिकारी मिलीभगत करने वाले ठेकेदार पर इतने मेहरबान हैं कि कोई कार्रवाई करने के बजाय सिर्फ ये आदेश दे दिया कि नई टाइलें लगाओ। मौके पर पहुंचे एक्सईएन ओपी कर्दम को करना तो यह चाहिए था कि पुरानी इंटरलॉकिंग टाइल का सैंपल भरवा कर जांच को भेजते और ठेकेदार को नोटिस जारी करते। यह सब करना तो छोडि़ए उन्होंने ठेकेदार से यह पूछने की भी जहमत नहीं की कि वह यह पुरानी इंटरलॉकिंग टाइलें कहां से लेकर आया है। जाहिर है कि ये पुरानी टाइलें किसी सडक़ या गली के फुुटपाथ से उखाड़ी गई हैं।
बताते चलें कि वर्तमान में बल्लभगढ़ इलाके में इंटरलॉकिंग सडक़ों को आरएमसी सडक़ों में तब्दील किया जा रहा है। इन सडक़ों से निकलने वाली इंटरलॉकिंग को मलबा दिखा कर सस्ते दाम में ठेकेदार को बेच दिया जाता है। इसके बाद ठेकेदार इन्हीं टाइलों को नई जगह पर नया दिखा कर लगा देता है।
हार्डवेयर-प्याली चौक के फुटपाथ पर लगाए जाने के लिए ट्रको में भर कर लाई जा रही पुरानी इंटरलॉकिंग टाइलें भी कहीं से उखाड़ी गई होंगी। निगम के अधिकारियों से मिलीभगत के बिना कोई भी ठेकेदार पुरानी इंटरलॉकिंग टाइलें लगाने की हिम्मत नहीं कर सकता, सारा खेल कमीशन के आधार पर होता है। यहां शिकायत हो गई तो नई इंटरलॉकिंग टाइलें लगाने के आदेश दे दिए गए वरना पुरानी टाइलें ही बिछ जातीं और ठेकेदार व अधिकारियों के बीच नई इंटरलॉकिंग के धन की बंदरबांट हो जाती। ऐसा नहीं है कि ये टाइलें कहीं और नहीं लगेंगी, इन्हें फिर कहीं लगाया जाएगा जहां कोई पकड़ नहीं पाएगा।