फरीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज-अस्पताल प्रबंधन बीते करीब दो साल से (पोजिट्रॉन इमिशन टोमोग्राफी) पैट स्कैन सुविधा शुरू करने के प्रयास कर रहा है लेकिन मुख्यालय में बैठे निकम्मे, भ्रष्ट, जनविरोधी और हरामखोर अफसर लारे लप्पे देकर टालते जा रहे हैं। इस बार भी नवंबर में पैट स्कैन मशीन दिलाने का लारा अधिकारियों ने दिया है उपलब्ध जानकारी के अनुसार अभी तो ऑर्डर ही नहीं दिया गया है, ऑर्डर देने के बाद भी मशीन की डिलीवरी- इंस्टालेशन में कम से कम ढाई महीने लग जाते हैं। मशीन लगने से न सिर्फ फरीदाबाद बल्कि दिल्ली-एनसीआर के हजारों कैंसर मरीजों को बहुत फायदा मिलेगा।
ईएसआई मेडिकल कॉलेज से प्रतिवर्ष लगभग बारह सौ मरीजों को पैट स्कैन कराने के लिए रेफर किया जाता है। दिल्ली, गुडग़ांवां, नोएडा, हिसार आदि शहरों को जोड़ लिया जाए तो यह संख्या पांच हजार मरीज प्रतिवर्ष तक पहुंच जाती है। महज बारह करोड़ रुपये की इस मशीन के लिए ईएसआई मेडिकल कॉलेज-अस्पताल का रेडियोलॉजी विभाग बीते दो वर्ष से मुख्यालय को पत्र लिख रहा है। मुख्यालय मे बैठे लूट कमाई में माहिर अधिकारी हर बार कोई रोड़ा अटका कर मशीन की खरीद टालते रहे। दरअसल, एक मरीज के पैट स्कैन पर लगभग 22,000 रुपये शुल्क लगता है, ये अधिकारी चाहते हैं कि मरीज बाहर से जांच कराके बिल लगाए ताकि भुगतान में कमीशन की मलाई खा सकें।
करीब 12 करोड़ रुपये कीमत की यह मशीन यदि ईएसआई मेडिकल-कॉलेज अस्पताल में लग गई तो दिल्ली-एनसीआर के करीब पांच हजार मरीजों को यह सुविधा तो उपलब्ध होगी ही, मशीन की कीमत भी एक साल के भीतर ही पूरी हो जाएगी। लेकिन मजदूरों की कमाई पर ऐश करने वाले यह भ्रष्ट और हरामखोर अधिकारी मशीन लगने दें तब तो। अब नवंबर में मशीन मिलने की संभावना जताई जा रही है लेकिन जब मशीन लगेगी तब ही माना जाएगा, क्योंकि मुख्यालय में बैठे निकम्मे अधिकारी बीते दो साल से अटका-लटका ही तो रहे हैं।