‘‘8 महीने हो चुके हैं लेकिन अभी तक चंडीगढ़ प्रशासन ने मंत्री संदीप सिंह के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दर्ज की है। संदीप सिंह ने नार्को और ब्रेन मैपिंग टेस्ट करवाने से साफ इंकार कर दिया। हरियाणा के मुख्यमंत्री शिकायत वापस करने के लिए फ़ोर्स कर रहे है। ताऊ देवी लाल स्टेडियम में प्रैक्टिस मेरी बैन कर दी। मुझे साफ कहा गया कि आप मुख्यमंत्री से मिले। मुझे प्रेशर डाला जा रहा है कि संदीप सिंह के मामले में मुख्यमंत्री को इन्वॉल्व ना किया जाए। बीजेपी सरकार के डर से बहुत से लोगो ने मेरा साथ छोड़ दिया है।
8 महीने से मुझे टार्चर किया जा रहा है, शिकायत वापस लेने के लिए फ़ोर्स किया जा रहा है। दूसरी ओर संदीप सिंह को झंडा लहराने के सम्मान दिया जा रहा है। मैंने कभी भी मुख्यमंत्री को टारगेट नही किया, हर बार मुख्यमंत्री संदीप सिंह को बचाने की कोशिश कर रहे है। संदीप सिंह से झण्डा लहराना मेरे मुँह पर तमाचा जैसा है। जो मुख्यमंत्री बार-बार कर रहे है। अपने कार्यालय में हमेशा ईमानदारी से काम किया है। मुझे बिना कुछ बताए ससपेंड कर दिया गया। जिस मुख्यमंत्री को लड़कियों के जीन्स डालने से आपत्ति है उनसे क्या ही उम्मीद कर सकती हूं।
बीजेपी सरकार समाज मे क्या संदेश दे रही है। आरोपी देश का झंडा लहरा रहा है, और पीडि़ता दर-दर भटक रही है। मुख्यमंत्री ने सामने से आकर बेटी का अपमान है।
मैन आजतक मुख्यमंत्री को अपशब्द नही कहे। मेरे लिए जैसा संदीप सिंह है उसे बचाने वाला भी वैसा ही है। मुझे ससपेंड बिना किसी कारण के किया गया, बस टेक्निकल रीजऩ दिया जा रहा है।
10 अगस्त को सीएम से मिलने हरियाणा निवास गयी थी, यह कहा जा रहा है कि मैंने सीएम को अपशब्द कहे है। जो मैंने नही किया। मैं सीएम से पब्लिकली मिलना चाहती हूं, अकेले में नही। मुख्यमंत्री पब्लिकली एक लडक़ी को अनर्गल कहते है। बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष ओपी धनखड़ संदीप सिंह को सगठन की मीटिंग में आने नही देते और मुख्यमंत्री संदीप सिंह का फेवर कर रहे हैं। अपने निलंबन के खिलाफ दो-तीन दिनों में हाई कोर्ट का रुख करूंगी।’’