जब विधायक सीमा त्रिखा मेडिकल कॉलेज के विरोध में धरने पर बैठ गई थी

जब विधायक सीमा त्रिखा मेडिकल कॉलेज के विरोध में धरने पर बैठ गई थी
April 02 15:02 2023

हुत कम लोगों को ज्ञान होगा कि 24 फरवरी 2009 तक इस मेडिकल कॉलेज के बनने की कोई सम्भावना नहीं थी। ईएसआई कार्पोरेशन ने स्पष्ट कह दिया था कि 15 एकड़ में बने एनएच तीन के 200 बिस्तर वाले इस अस्पताल को मेडिकल कॉलेज नहीं बनाया जा सकता। इसके लिये कम से 30 एकड़ का भूखंड व 300 बेड का अस्पताल होना जरूरी है। शहर के तत्कालीन विधायक एवं हरियाणा के कैबिनेट मंत्री एसी चौधरी ने 25 फरवरी को इस अस्पताल को 300 बेड का घोषित कराया। 25 तारीख को साथ लगती 15 एकड़ ज़मीन ईएसआई कार्पोरेशन के नाम पंजित करा दी। तथा 26 तारीख को मेडिकल कॉलेज बनाने की सवीकृति प्रदान करवाई। 27 फरवरी 2009 को तत्कालीन केन्द्रीय श्रम मंत्री ऑस्कर फर्नाडीस के हाथों इसका शिलान्यास करा दिया। इसके अगले ही दिन यानी 28 फरवरी को चुनावों की अधिसूचना जारी हो गई थी। इसके बाद यह शिलान्यास सम्भव नहीं हो पाता।

उस वक्त आज की विधायक सीमा त्रिखा जी नगर निगम की पार्षद हुआ करती थी। उन्हें इस बात से बड़ी चिढ़ थी कि यहां पर मेडिकल कॉलेज बने। इसका पहला कारण तो यह था कि मेडिकल कॉलेज का श्रेय एसी चौधरी को जा रहा था। और दूसरा बहाना ये था कि राहुल कॉलोनी की 10-20 झुग्गियां इस भूखंड में पड़ती थीं। सीमा त्रिखा इसे अपना वोट बैंक मान कर चल रही थीं इसलिये उन्हें खुश करने के लिये धरने पर बैठ गईं। कुछ दिन बाद निर्माण कम्पनी के ठेकेदार ने उन झुग्गीवासी के साथ बात-चीत करके उनके के लिये नाली व सडक़ की व्यवस्था ठीक करके उन्हें राजी कर लिया जिसके चलते वे तमाम झुग्गियां उठकर नाली व सडक़ के पार चली गईं।

इस संस्थान का संकट यहीं नहीं खत्म हुआ। एक के बाद एक रुकावट इसकी राह में खड़ी की जाती रही। हरामखोरी पर तुले मुख्यालय के अधिकारी कभी नहीं चाहते थे कि यह मेडिकल कॉलेज बने। जैसे-तैसे इमारत भले ही बन कर खड़ी हो गई लेकिन इसके विरोधियों ने हथियार नहीं डाले। कभी इसे हरियाणा सरकार को सौंपने तो कभी किसी पूंजीपति को सौंपने के षड्यंत्र रचे जाते रहे। भाग्य से 2015 में ईएसआई के तत्कालीन डीजी राजकुमार ने भाग-दौड़ करके एमसीआई से स्वीकृति प्राप्त कराई। रास्ते में आई तमाम रुकावटों को पार करते हुए फरवरी 2019 में यह पूरी तरह से चालू हो सका।

सीमा त्रिखा हो या कृष्णपाल या कोई अन्य सत्तारूढ़ दल का नेता, मेडिकल कॉलेज को लेकर सबका एक ही लक्ष्य रहता है कि उनके निकृष्ट एवं नालायक भक्तों को इस संस्थान में नौकरी मिल जाए ताकि वे इनकी सदैव चापलूसी करते रहें। इसके विपरीत मेडिकल कॉलेज प्रशासन की भर्ती पॉलिसी बड़ी स्पष्ट है। भर्ती के लिये मुख्यालय द्वारा कुछ एजेंसियां निश्चित हैं जो योग्यता के आधार पर आवश्यकतानुसार भर्तियां करती हैं। सीमा त्रिखा की सिफारिश पर अंधाधुंध भर्तियां न करने पर उन्होंने एक बार मेडिकल कॉलेज प्रशासन को यहां तक कह दिया था कि ‘उठा कर ले जाओ यहां से अपने इस ताम-झाम को’। अब वही सीमा त्रिखा भलाई लेने को केन्द्रीय मंत्री के साथ यहां आ पहुंची। यदि वास्तव में ही सीमा त्रिखा इस संस्थान के प्रति किये गये अपने पापों का प्रायश्चित करना चाहती हैं तो इसकी समस्याओं को, खास कर ज़मीन व स्टाफ की कमी आदि को समझ कर, उन्हें हल करने में सहयोग करें।

  Article "tagged" as:
  Categories:
view more articles

About Article Author

Mazdoor Morcha
Mazdoor Morcha

View More Articles