क्रांतिकारी मज़दूर मोर्चा : फऱीदाबाद में महिलाओं पर जुल्म-ओ-जबर के विरुद्ध एक शानदार आंदोलन

क्रांतिकारी मज़दूर मोर्चा : फऱीदाबाद में महिलाओं पर जुल्म-ओ-जबर के विरुद्ध एक शानदार आंदोलन
March 13 16:46 2023

ज़ाद नगर मज़दूर बस्ती में रहने वाली, एक विधवा महिला मज़दूर की 11 वर्षीय मासूम गुडिय़ा, बस्ती में शौचालय ना होने के कारण, 11-12 अगस्त की रात शौच के लिए गई। वहां उसे वहशी दरिंदों ने दबोच लिया और उसके साथ बे-इन्तेहा हैवानियत कर, उसे मार डाला। सारा शहर क्रोध में उबल पड़ा। 15 अगस्त को दोपहर बाद, स्थानीय सामुदायिक केंद्र में आक्रोशित लोगों की एक विशाल सभा हुई। 16 अगस्त को डीसी कार्यालय पर एक प्रतिरोध सभा के साथ, गुडिय़ा को न्याय दिलाने की तहरीक शुरू करने का फैसला हुआ। 16 अगस्त की सुबह, लेकिन, उक्त सभा के आयोजक, जो सभा में मौजूद जन-मानस का, इस अन्याय के विरुद्ध लडऩे का हौसला बढ़ा रहे थे, अपने वादे से पलट गए। क्रांतिकारी मज़दूर मोर्चा, लेकिन, घोषित कार्यक्रम से बिलकुल विचलित नहीं हुआ और पुलिस के लाख डराने के बावजूद, 16 अगस्त का कार्यक्रम तयशुदा ढंग से संपन्न हुआ।

फऱीदाबाद में, पहली बार ऐसा हुआ कि सभा में रखी मांग के अनुरूप, डीसी, स्वयं मज़दूर बस्ती में पीडि़त मज़दूर महिला के घर आए और अपराधियों को सज़ा दिलाने के आश्वासन के साथ, बतौर तत्काल आर्थिक सहायता रु 2 लाख का चेक पीडि़त महिला को उनकी झोंपड़ी में ही, सौंपा। 19 अगस्त को, क्रांतिकारी मज़दूर मोर्चा की टीम डीसी से उनके दफ़्तर में मिली और उन्हें बताया कि आज़ाद नगर का शौचालय सुचारू रूप से चल रहा होता, तो गुडिय़ा आज जिंदा होती। साथ ही, उन्हें ये भी याद दिलाया गया कि मोदी, गृहमंत्री और हरियाणा के मुख्यमंत्री स्वयं कई बार, देश को खुले में शौच से मुक्त करने के दावे कर चुके हैं, जबकि फऱीदाबाद के हजारों मज़दूर आज भी हर रोज़ रेल की पटरियों पर शौच को जाने को मज़बूर हैं। डीसी ने तुरंत इस सम्बन्ध में आवश्यक कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया।
शहीद-ए-आज़म भगतसिंह के जन्म दिन, 28 सितम्बर को, मोर्चा-सभा कार्यक्रम के बाद, अपनी उक्त मांगों को दोहराते हुए, उपायुक्त के ज़रिए, एक ज्ञापन प्रधानमंत्री को दिया गया। उसके बाद भी, जब ज़मीन पर कोई कार्यवाही होती नहीं दिखी, तब 20 अक्तूबर को एक ज्ञापन, वाया डीसी, मुख्यमंत्री हरियाणा को दिया गया, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया कि पीडि़त परिवार अनुसूचित जाति से है और वह 8.5 लाख रुपये की आर्थिक मदद का हक़दार ह। उन्हें यदि ये मदद तत्काल नहीं मिली और आज़ाद नगर में मौजूद शौचालय में बिजली-पानी की व्यवस्था और एक नए शौचालय का निर्माण कार्य तुरंत शुरू नहीं हुआ, तो डीसी कार्यालय पर धरने के साथ, आन्दोलन को तेज़ किया जाएगा. डीसी महोदय ने ख़ुद वह पत्र दिखाया, जो इस बाबत, उन्होंने फऱीदाबाद नगर निगम आयुक्त को लिखा है। पुराना शौचालय ठीक कराने, नए शौचालय का निर्माण और जर्जर हो चुके, सेक्टर 24 सामुदायिक केंद्र की मरम्मत के निर्देश, निगमायुक्त को दे दी गए है।

उसी दिन, 20 अक्तूबर को हम लोग एक ज्ञापन के साथ फऱीदाबाद नगर निगम आयुक्त से मिले। उन्होंने टेंडर प्रक्रिया को तुरंत शुरू करने के निर्देश ज़ारी किए, जिनके कार्यान्वयन के लिए चीफ इंजिनियर, नगर निगम से मिला गया, जिन्होंने हमारी उपस्थिति में बल्लबगढ़ के अधिशासी अभियंता को निर्देश ज़ारी किए। इस मामले में, क्रांतिकारी मज़दूर मोर्चा की टीम, स्मार्ट सिटी कारपोरेशन के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी से भी मिली। बल्लभगढ़ नगर निगम, अधिशासी अभियंता कार्यालय से जूनियर इंजिनियर तथा एसडीओ, सामुदायिक केंद्र पहुंचे और शौचालय निर्माण की वर्तमान परिस्थिति की जानकारी हमें दी। पुराने शौचालय की सफ़ाई कराकर, बिजली-पानी की व्यवस्था की गई। वह शौचालय आज सुचारू अवस्था में है। साथ ही उन्होंने बताया, कि नए शौचालय के निर्माण के लिए हुए टेंडर में, केवल एक ही बिड आई थी इसलिए वह मंज़ूर नहीं हो सका। टेंडर दुबारा हुआ और वह स्वीकृत हो चुका है। इस बीच फऱीदाबाद नगर निगम आयुक्त की बदली हो गई, ज़मीन पर काम शुरू होने में, इसी वज़ह से देर हो रही है।

आज़ाद नगर की, पीडि़ता मज़दूर को अभी, रु 8.5 लाख आर्थिक मदद की आधी राशी ही अभी देय है, क्योंकि आरोपी अभी तक गिरफ्तार नहीं हुए हैं, और वे किसी भी जाति के हो सकते हैं। उसे दिलाने के लिए, पीडि़ता और उनके वकील, संजय जी के साथ, जीआरपी के डीएसपी कार्यालय में उनसे दो बार मिले। उन्होंने बताया कि पीडि़ता का अनुसूचित जाति का प्रमाण-पत्र बिहार का है, जिसकी तस्दीक में वक़्त लग रहा है और वह जाति, हरियाणा में अनुसूचित जाति में नहीं आती, इसलिए भी वक़्त लग रहा है। वकील संजय जी की मदद से ये मामला, दिल्ली स्थित अनुसूचित जाति आयोग में दायर हो चुका है लेकिन मुकदमों की अधिकता की वजह से अभी सुनवाई में नहीं आया है।

ये सारी तफ्सील इसलिए बताई जानी ज़रूरी है, क्योंकि आज़ाद नगर तथा अन्य सभी साथियों को उनके आन्दोलन की मौजूदा स्थिति की मालूमात रहे। ये भी एक हक़ीक़त है कि मामला जितना गंभीर है, फऱीदाबाद नगर निगम उसे उतनी गंभीरता से नहीं ले रहा है। मज़दूरों के मामलों में ऐसा ही होता है, क्योंकि मौजूदा निज़ाम मूल रूप से अमीरों की खि़दमत के लिए और गऱीब मज़दूरों को लारे-लप्पे देने का ही काम करता है। मज़दूर वर्ग, अपना कोई भी मामला ‘क़ानून अपना काम कर रहा है’, के बहाने नहीं छोड़ सकता। उनकी सबसे बड़ी शक्ति है उनकी तादाद, जो कुल समाज का 90 प्रतिशत है, और क्रांतिकारी संगठन का उनका औज़ार। आन्दोलन के बिना, मज़दूरों के लिए, क़ानून अपना काम कभी नहीं करता। इस मामले में हमारी सहनशीलता जवाब दे चुकी है. लारे-लप्पे बहुत हुए, अब और नहीं। महिलाओं को खुले में शौच जाने से अपमानजनक कुछ भी नही। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर शुक्रवार दिनांक 10 मार्च को सुबह 10 बजे, एक मोर्चा, दशहरा मैदान से नगर निगम आयुक्त के कार्यालय तक निकाला जाएगा। वहीं एक मज़दूर सभा होगी जिसके बाद एक ज्ञापन द्वारा आज़ाद नगर में एक नया शौचालय निर्माण, और जर्जर हो चुके सामुदायिक केंद्र की मरम्मत के काम को पूरा करने की समय सीमा देने को कहा जाएगा। ऐसा ना होने पर, जन-आन्दोलन को तेज़ किया जाएगा जिसकी जानकारी बाद में दी जाएगी।

फऱीदाबाद के सभी नागरिकों और ख़ासतौर पर आज़ाद नगर के सभी साथियों से विनम्र अनुरोध है कि अधिक से तादाद में दशहरा मैदान चौराहे से फरीदाबाद नगर निगम कार्यालय तक होने वाले मोर्चे व सभा में सक्रिय रूप से शामिल हों. हमारी तादाद ही हमारी ताक़त है।

  Article "tagged" as:
  Categories:
view more articles

About Article Author

Mazdoor Morcha
Mazdoor Morcha

View More Articles