फरीदाबाद। मज़दूर मोर्चा औद्योगिक नगरी में विकास के नाम पर विभागों के बीच चल रही बंदरबांट की जानकारी होने पर भी कोई ठोस कार्रवाई करने के बजाय मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर का अधिकारियों से यह कहना कि मेरा मुंह मत खुलवाओ, प्रशासन पर उनकी कमजोरी दिखाता है।
करीब आठ साल से सत्ता की बागडोर थामे मुख्यमंत्री ने बृहस्पतिवार को हुई ग्रीवांस कमेटी की बैठक में जब यह कहा कि एक विभाग के 52 बैंक खाते हैं तो वह विभाग के भ्रष्टाचार को नहीं बल्कि भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पाने की अपनी कमी ही उजागर कर रहे थे। उनकी बेचारगी ही कही जाए कि वह उस विभाग का नाम भी नहीं ले पाए। बैठक में एक तरफ तो उन्होंने विकास के नाम पर विभागों द्वारा धन की बर्बादी करने की बात कुबूल की, तो दूसरी तरफ घोषणा की कि सरकार के पास फंड की कोई कमी नहीं है। क्या सूबे के मुखिया यह कह रहे थे कि विभाग इसी तरह धन बर्बाद करते रहें और सरकार फंड उपलब्ध कराती रहेगी? क्योंकि उन्होंने बैठक में एक बार भी यह नहीं कहा कि विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार (जिसके लिए उन्होंने अधिकारियों से कहा था कि उनका मुंह न खुलवाएं) को समाप्त करेंगे या भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कोई ठोस करेंगे। दावा किया कि अब वह एसा प्लेटफार्म तैयार करेंगे जिस पर किसी विभाग से पैसा निकालने से लेकर किसको कितना भुगतान किया गया सब एक जगह देखा जा सकेगा। सीएम साहब, राज्य में लगभग सभी विभाग ई गवर्नेंस से जुड़े हैं, बेहतर होगा कि नए प्लेटफार्म की जगह स्थापित व्यवस्था को ही आप सही ढंग से लागू करा दें। इसके लिए मुंह खोलने की नहीं, कार्रवाई करने की जरूरत होती है।