गुंडागर्दी के बल पर एसआरएस मॉल पर कब्जा

गुंडागर्दी के बल पर एसआरएस मॉल पर कब्जा
January 29 14:53 2023

फरीदाबाद (म.मो.) सेक्टर 31 स्थित एसआरएस टावर में बने मॉल में 22 जनवरी को यकायक 50-60 युवक घुस आये, सबके हाथ में लाठी-डंडे वगैरा थे। इन्होंने मॉल के मेंटेनेंस दफ्तर पर कब्जा कर लिया। वहां मौजूद स्टाफ को मार-पीट कर भगा दिया तथा कुछ को बंदी बना लिया। निकट ही स्थित थाना सेक्टर 31 व अन्य पुलिस अधिकारियों को फोन लगाये गये लेकिन किसी ने भी मौके पर पहुंच कर कोई कार्रवाई नहीं की। कार्रवाई करते भी कैसे जब तक इलाके के बादशाह एवं केन्द्रीय मंत्री कृष्णपाल गूजर का आदेश न मिले। मॉल पर कब्जा करने वाला यह गिरोह इन्हीं मंत्री महोदय से आज्ञा लेकर कब्जा करने आया था।

इस गुंडा गिरोह का नेतृत्व वही अमर चेची कर रहा था जिसका नाम पिछले दिनों पुलिस विभाग द्वारा जारी दलालों की सूची में प्रमुख था। इसे कृष्णपाल का भांजा बताया जाता है। मौके पर तो पुलिस ने क्या पहुंचना था, थाने में शिकायत करने पहुंचे पीडि़त प्रवेश व उनके सहयोगियों की भी कोई सुनवाई नहीं की गई। शिकायतकर्ताओं ने बताया कि हमलावरों ने गैस कटर से लोहे का दरवाजा काटकर उनके लैपटॉप, कम्प्यूटर, हार्डडिस्क, सीसी कैमरों की डीबीआर तथा चेकबुक भी कब्जे में ले ली है। उन्होंने धमकी दी है कि टावर के आस-पास भी दिखे तो जान से मार देंगे।

दरअसल इस तरह के मॉल हों अथवा रिहायशी सोसायटियां, इन सब में मेंटेनेंस के नाम पर लूट कमाई का एक बड़ा धंधा राजनेताओं व प्रशासन के संरक्षण में चलता है। किसी भी बिल्डर की तरह एसआरएस वालों ने भी जेल जाने से पहले लूट का यह ठेका अपने चहेतों को दे रखा था। उनके जेल जाने के बाद मंत्री कृष्णपाल से स्वीकृति पाकर संदीप चपराना ने यह ठेका छीन लिया था। उसका सहयोगी था राजेश भारद्वाज। उस समय अमर चेची भी संदीप चपराना के साथ था। कुछ समय बाद इन दोनों में जबरदस्त टकराव हुआ जिसके कारण अमर चेची संदीप का यह रोजगार छीनने की फिराक में था। अब मौका एवं मंत्री की स्वीकृति पाकर चेची ने चपराना का यह धंधा छीन लिया।

जब चपराना को यह काम दिया गया था उस वक्त मंत्री के मामा राजपाल की मंथली करीब एक लाख तय की गई थी। मंथली तो बदस्तुर राजपाल को मिल ही रही थी लेकिन अब सवाल आ गया अमर चेची का। ऐसे में चपराना की जगह प्राथमिकता मिली अमर चेची को। मंत्री से स्वीकृति मिलते ही चेची ने चपराना के तमाम कारिंदों एवं मैनेजरों आदि को मार-पीट कर भगा दिया। यहां मंत्री की स्वीकृति का मतलब यह होता है कि बेखौफ गुंडागर्दी करो, कब्जा करो पुलिस उधर झांकेगी भी नहीं। सो वही हुआ भी।

अब चपराना की जगह चेची के आदमी लूट के इस कारोबार को चलायेंगे। यह लूट कोई छोटी-मोटी नहीं, अच्छी-खासी है।
प्रत्येक दुकानदार अथवा दफ्तर चलाने वालों को 15 रुपये प्रति वर्ग-फुट के हिसाब से मेंटेनेंस चार्ज देना होता है। लाखों वर्ग-फुट के इस मॉल से अच्छी मोटी कमाई हो जाती है। इसके अलावा मॉल में खाली पड़ी दुकानों पर भी ये लोग कब्जा करके मोटा किराया डकारते हैं। जाहिर है कि लूट कमाई का ये धंधा राजनेताओं व शासन-प्रशासन की मर्जी के बगैर नहीं चल सकता।

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Mazdoor Morcha
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