भ्रष्टाचारियों की संपत्तियां कुर्क करने की खोखली घोषणा हाथी के दांत खाने के और, दिखाने के और

भ्रष्टाचारियों की संपत्तियां कुर्क करने की खोखली घोषणा  हाथी के दांत खाने के और, दिखाने के और
January 10 02:01 2023

चंडीगढ़ (म.मो.) घोषणायें करने में घोषणावीर खट्टर का मुकाबला शायद ही कोई कर पाये। वे फरमाते हैं कि काली कमाई करने वाले थोड़ी-बहुत जेल काट कर लूटी हुई काली कमाई से मौज उड़ाते रहते हैं। अब वे कैद काटने के साथ-साथ काली कमाई से भी वंचित कर दिये जायेंगे। उनकी सारी संपत्तियां कुर्क कर ली जायेंगी।

खट्टर जी यह नहीं बताते कि यह कानून पटवारी थानेदार सरीखे छोटे-मोटे कर्मचारियों तक ही सीमित रहेगा या बड़े-बड़े नौकरशाह तथा राजनेता व उनके राजनीतिक सलाहकार भी इसकी जद में आ सकेंगे या नहीं? फरीदाबाद में हो चुके नगर निगम के 200 करोड़़ रुपये के घोटाले में कानून सिर्फ छोटे-मोटे कर्मचारियों व ठेकेदारों को ही लपेट पाया है। घोटाले के लिये असल जिम्मेदार आईएएस अफसरों के सामने कानून मेमने की तरह मिमिया रहा है। सभी जानते हैं कि उक्त पांचों आईएएस अ$फसरों में से किसी को भी छू पाने की ताकत इस कानून में नहीं है। रिकवरी तो एक धेले की भी नहीं हाने वाली।

सरकार के इन्हीें लक्षणों को देखते हुए 200 करोड़ जैसे घोटालों पर आज भी कोई रोक नहीं है। एक घोटाले की जांच का नाटक चल रहा है तो नये-नये घोटाले रोजाना सरेआम होते सबको नज़र आ रहे हैं। यदि खट्टर जान-बूझकर उनके प्रति आंखें मूंद लें तो कोई क्या करे? इस लूट में छोटे से लेकर बड़े से बड़े अधिकारी तथा तमाम राजनेता शामिल हैं। किसी भी दफ्तर में, आज के दिन कोई भी काम बिना रिश्वत दिये नहीं हो पा रहा। यह रिश्वतखोरी भी कोई लुक-छिप कर नहीं बल्कि मेज पर मुक्का मार कर हो रही है। हर रिश्वतखोर, राजनेताओं को मोटी रिश्वत देकर लूट कमाई की सीट उतने दिन के लिये हथियाता है जितने दिन का उसने चढावा दिया होता है। उसी सीट पर दोबारा कायम होने के लिये रिन्यूवल फीस की तरह फिर से चढावा चढाना पड़ता है।

मोटा चढावा चढाने वालों अथवा नेताओं की हिस्सा- पत्ती में काम करने वाले अफसरों आदि के खिला$फ मुकदमे दर्ज हो जाने अथवा रंगे हाथों पकड़े जाने के बाद भी कार्रवाई नहीं की जाती। इसका जीता-जागता उदाहरण धनेश अदलक्खा है जिसे शत्रुजीत कपूर की विजिलेंस टीम ने रंगे हाथों पकड़ कर मुकदमा दर्ज किया था, खट्टर ने उसका नाम ही एफआईआर से निकलवा दिया। इसी तरह $फरीदाबाद की डीईओ मुनीष चौधरी द्वारा 27 लाख के गबन मामले में कोर्ट द्वारा मुकदमा दर्ज कराये जाने के बावजूद खट्टर ने उसके विरुद्ध होने वाली कानूनी कार्रवाई को रोक दिया है।

  Article "tagged" as:
  Categories:
view more articles

About Article Author

Mazdoor Morcha
Mazdoor Morcha

View More Articles