फरीदाबाद (म.मो.) पूरे एनआईटी क्षेत्र में पैदल चलने वालों के लिये कहीं कोई फुटपाथ नहीं हैऔर जो कभी कहीं-कहीं था भी उस पर भी प्रशासन ने अवैध कब्जे करवा दिये हैं। साइकिल ट्रैक की तो बात ही न कीजिये। करीब तीन साल पहले बाटा मोड़ से कचहरी होते हुए बाइपास तक जाने वाली दो कि.मी. लम्बी सडक़ के किनारे 18 लाख की लागत से साइकिल ट्रैक बनाया गया था। आज यह कहां है ढूंढने से भी नहीं मिलेगा।
काम के नाम पर लूटने-खाने में माहिर तथा जनता को बेवकू$फ समझने वाले एफएमडीए अफसरों ने एनआईटी क्षेत्र में पांच फुट ओवरब्रिज, जिनके द्वारा लोग सडक़ पार किया करेंगे, बनाने का निर्णय लिया है। इस तरह के फुटओवर ब्रिजों की आवश्यकता वहां होती है जहां तेज गति से इतने वाहन निकलते हों कि पैदल सडक़ पार ही न की जा सके जैसे कि दिल्ली-मथुरा रोड।
एनआईटी की किसी भी सडक़ पर कोई भी वाहन लगातार बिना रुके यानी जाम में फसे बिना एक कि.मी. भी नहीं चल सकता। जहां सदैव, हर सडक़ पर वाहन जाम में ही फसे खड़े हों वहां भला सडक़ पार करने के लिये कौन मूर्ख पुल पर चढेगा? लेकिन पुल बनाने वालों को इससे क्या लेना-देना। उन्हें तो पुलों के बनने से ही तो कमीशन के रूप में आय होगी। वे भी अच्छी तरह जानते हैं कि उनके बनाये पुलों पर चढ़ कर किसी ने सडक़ पार नहीं करनी। इसलिये वे पुल भी ऐसे ही बनवायेंगे जो केवल दिखावे मात्र के हों और बनने के दो-चार साल बाद कबाड़ा बन कर बिखर जायें।