एफएमडीए का एक और सडक़ घोटाला

एफएमडीए का एक और सडक़ घोटाला
January 01 17:36 2023

तिकोना पार्क-चिमनीबाई धर्मशाला सडक़ निर्माण नये सिरे से
फरीदाबाद (म.मो.) तिकोना पार्क से लेकर ईएसआई मेडिकल कॉलेज होते हुए चिमनीबाई धर्मशाला तक करीब साढे तीन किलो मीटर लम्बी चार लेन की सडक़ के पुनर्निर्माण का बीड़ा अब एफएमडीए ने उठाया है। इस सडक़ का निर्माण पहले भी कई बार हो चुका है। आखिरी बार इसका निर्माण सन 2010 में नगर निगम ने गांधी नामक ठेकेदार से कराया था। आधा-अधूरा काम करने के बावजूद, अधिकारियों की मिलीभगत एवं हिस्सा-पत्ती के चलते गांधी नौ करोड़ रुपये वसूल कर गया था। ठेके की शर्त के मुताबिक उसे पांच साल तक सडक़ का रख-रखाव भी करना था, जो उसने कतई नहीं किया। इसके फलस्वरूप दो साल में ही सडक़ जर्जर हो गई।

29 करोड़ के बजट से इस सडक़ को फिर से बनाने का ठेका देने की बात चल रही है। मामले को गोल-मोल कर लपेटने के लिये इसी 29 करोड़ के बजट में सेक्टर 15-16 की करीब तीन किलो मीटर की विभाजक सडक़ जो राजमार्ग को बाइपास से जोड़ती है का निर्माण भी शामिल किया गया है। सवाल पैदा होता है कि दोनों सडक़ों के बजट अलग-अलग क्यों नहीं बताये जाते? वैसे यह सडक़ भी पहले ‘हूडा’ और फिर नगर निगम द्वारा कई बार बनाई जा चुकी है। सडक़ निर्माण के धंधे को उपजाऊ बनाये रखने के लिये पहले इस बनी-बनाई सडक़ को खोद कर इसमें सीवर लाइन डाली गई और फिर  इसका निर्माण किया गया। इस कवायद में यह सडक़ करीब एक साल तक बंद रही, वैसे छुट-मुट काम अभी भी चल रहे हैं।

रही बात तिकोना पार्क-चिमनीबाई सडक़ की तो इसे पूरी तरह से खोद कर बनाने की कोई आवश्यकता नहीं है। इसमें केवल पैचवर्क एवं कार्पेटिंग की आवश्यकता है। इस काम के लिये अधिक से अधिक खर्चा 10-15 लाख का हो सकता है, अफसरों व नेताओं की कमीशनखोरी के नाम का पांच लाख अतिरिक्त भी जोड़ दिया जाय तो भी यह खर्च 20 लाख से अधिक नहीं बन सकता। परन्तु लुटेरे अफसरों व नेताओं का पेट पांच लाख से नहीं भर सकता। इसलिये इसका बजट करोड़ों में रखा गया है।

तय कार्यक्रम के अनुसार इस सडक़ का निर्माण 31 दिसम्बर तक पूरा हो जाना चाहिये, लेकिन खबर लिखे जाने तक मात्र इसका 200 मीटर का एक टुकड़ा ही बन पाया है। काम को लम्बा खिंचना भी जरूरी है ताकि बजट को और बढवाया जा सके जैसा कि नाहर सिंह क्रिकेट स्टेडियम के निर्माण में हो रहा है। वहां इसी नीति के चलते 127 करोड़ का बजट बढक़र 222 करोड़ हो चुका है।

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Mazdoor Morcha
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