पलवल में झूठ बेच गये गवर्नर दत्तात्रेय

पलवल में झूठ बेच गये गवर्नर दत्तात्रेय
November 19 12:09 2022

बेहद लचर सेवाओं के बावजूद राज्य को चिकित्सा का हब बताया

पलवल (म.मो.) किस्मत ने पलटा मारा तो संघ प्रचारक से केन्द्रीय मंत्री और फिर हरियाणा के गवर्नर बने बंडारू दत्तात्रेय। वे 14 नवम्बर को झूठा प्रचार करने पलवल के गांव बघोला आ पहुंचे, साथ में आये छत्तीसगढ के पूर्व राज्यपाल शेखर दत्त तथा भाजपा सांसद कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर। यहां उन्होंने सत्य साईं संजीवनी नामक एक व्यापारिक अस्पताल का उद्घाटन किया। प्रबन्धकों ने अस्पताल का नाम भी संघ की साम्प्रदायिक विचारधारा के अनुरूप ही रखा है। इससे कुछ दिन पहले दिनांक 24 अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी ने भी ऐसे ही एक साम्प्रदायिक व्यापारिक अस्पताल का फरीदाबाद में उद्घाटन किया था।

इस तरह के उद्घाटनों से आम जनता को तो कोई लाभ होता नहीं है; हां, चिकित्सा व्यापारियों का कद जरूर बढ़ जाता है। इससे उनके अस्पताल पर एक तरह की सरकारी मुहर सी लग जाती है और प्रचार भी अच्छा-खासा हो जाता है जिसके चलते इन्हें ग्राहक फांसने में काफी सुविधा होती है। प्रधानमंत्री द्वारा अम्मा के अस्पताल का उद्घाटन किये जाने से व्यापक प्रचार के साथ-साथ जन साधारण में यह धारणा भी बन गई कि मोदी ने उद्घाटन किया है तो यहां इलाज भी मुफ्त ही होता होगा। लेकिन यहां के रेट किसी भी अन्य व्यापारिक अस्पताल से कम नहीं है। मोदी ने भी यह उद्घाटन कोई मुफ्त में नहीं किया है, पूरे 113 करोड़ वसूले थे। उनके आने पर जनता की जो ऐसी-तैसी हुई वो अलग से।

मोदी हो या दत्तात्रेय इन मौकों पर संघ में सीखी अपनी भाषण एवं झूठ बोलने की कला का खुल कर प्रयोग करते हैं। इसके साथ-साथ अपने द्वारा उद्घाटित व्यापारिक अस्पतालों को भी सरकार अपनी उपलब्धियों में गिनाना नहीं भूलती। बघोला में बोलते हुए दत्तात्रेय ने हरियाणा को चिकित्सा का हब तक कह डाला। यह कैसा हब है जहां के बीके अस्पताल अथवा पलवल के सिविल अस्पताल में न तो पर्याप्त डॉक्टर व अन्य स्टाफ है और न ही आवश्यक उपकरण व दवायें आदि हैं। इन अस्पतालों से रेफर-रेफर का खेल खुल कर खेला जा रहा है। व्यापारिक अस्पतालों के दलाल सदैव यहां शिकार घेरने में जुटे रहते हैं। इस काम में कई डॉक्टर व अन्य स्टाफ भी शामिल रहते हैं। स्वास्थ्य केन्द्रों व ईएसआई डिस्पेंसरियों की दुर्दशा का तो कहना ही क्या।

झूठ बोलकर जनता को बहकाने में माहिर संघी प्रचारक की भूमिका निभाते हुए गवर्नर दत्तात्रेय ने कहा कि 2014 में आठ मेडिकल कॉलेज से बढकर राज्य में 12 हो गये हैं। अब कोई पूछे इनसे कि इनके बढने में संघी सरकार का क्या योगदान है? सर्वविदित है कि राज्य सरकार द्वारा संचालित केवल चार मेडिकल कॉलेज (रोहतक, खानपूर, करनाल, नूह) हैं। ये सभी तो 2014 से पहले बन कर चालू हो चुके थे। पांचवा मेडिकल कॉलेज छांयसा में चलाने का जो प्रयास हरियाणा सरकार कर रही है, पता नहीं कैसा चल पायेगा? उक्त चार मेडिकल कॉलेज भी चलने की बजाय बस घिसट भर ही रहे हैं। इन्हें चलाने के लिये भी खट्टर सरकार मेडिकल छात्रों से वसूली करने की फिराक में हैं जिसे लेकर राज्य भर के मेडिकल छात्रों में भारी रोष चल रहा है। इसके चलते नई दाखिला प्रक्रिया भी ठप्प हुई पड़ी है।

अपनी सरकार की पीठ थपथपाते हुए दत्तात्रेय ने बताया कि मेडिकल छात्रों की सीटें 850 से बढक़र इन आठ सालों में 1735 हो गई हैं। इन सिटों की बढोतरी के लिये राज्य सरकार ने कौन से पत्थर फोड़े थे, यह गर्वनर महोदय ने नहीं बताया। दरअसल सरकार ने एक फरमान जारी करके 100 सीटों वाले मेडिकल कॉलेजों को 150 सीटों वाला बना दिया। लेकिन इस बढोतरी के लिये जिस इनफ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता थी उसकी ओर जरा भी ध्यान नहीं दिया गया। यहां तक कि इन छात्रों के लिये आवश्यक हॉस्टल तक की भी कोई व्यवस्था नहीं की गई थी।

कहावत है कि सच जब तक अपने जूते पहनता है तब तक झूठ पूरी दुनियां का चक्कर लगा आता है। दत्तात्रेय जी तो झूठ के पकौड़े तल कर चले गये अब समझाते रहो जनता को कि वे कैसे उन्हें बहका गये।

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Mazdoor Morcha
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