बालाजी कॉलेज , बल्लभगढ़ में राष्ट्रीय युवा योजना के संस्थापक डॉ. एसएन सुब्बाराव के संस्मरण में पर्यावरण संवर्धन हेतु कार्यक्रम का आयोजन

बालाजी कॉलेज , बल्लभगढ़ में राष्ट्रीय युवा योजना के संस्थापक डॉ. एसएन सुब्बाराव के संस्मरण में पर्यावरण संवर्धन  हेतु कार्यक्रम का आयोजन
November 07 14:13 2022

बालाजी कॉलेज , बल्लभगढ़ में राष्ट्रीय युवा योजना के संस्थापक डॉ एसएन सुब्बाराव की संस्मरण में पर्यावरण संवर्धन हेतु कार्यक्रम का आयोजन किया गया । इसमें मुख्य अतिथि पदम श्री एवं पदम भूषण से सम्मानित प्रख्यात पर्यावरणविद डॉ अनिल प्रकाश जोशी उपस्थित थे। डॉ जोशी ने पर्यावरण की बिगड़ती स्थिति और मनुष्य की उदासीनता को लेकर चिंता व्यक्त की और कहा कि अब इतनी देर तो हो चुकी है कि मनुष्य यदि पर्यावरण की स्थिति को संभालने की कोशिश करें और अपने आचरण को पर्यावरण के अनुरूप बनाए तब भी लगभग 300 वर्ष इसको ठीक होने में लगेंगे और केवल 10त्न पर्यावरणीय क्षरण को हम ठीक करने की स्थिति में अभी है। दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि इस विषम परिस्थितियों को भी देखकर मनुष्य आज भी सक्रिय नहीं हो रहा है और लगातार वैश्विक स्तर पर प्रदूषण के बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है।

इस अवसर पर भारत सेवा प्रतिष्ठान के चेयरमैन श्री कृष्ण सिंघल ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की और मनुष्य को अपने स्वभाव में मुख्य रूप से अपनी जरूरतों को कम करने , लालच को छोडक़र शुभ की ओर बढऩे तथा पर्यावरणीय स्वभाव बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।

कार्यक्रम के आयोजक और बालाजी कॉलेज के निदेशक डॉ जगदीश चौधरी ने कहा कि फरीदाबाद सहित पूरा एनसीआर क्षेत्र पर्यावरण की दृष्टि से प्रकृति के लाडले क्षेत्र के रूप में है परंतु जहां एक ओर दुनिया की सबसे पुरानी पर्वत माला अरावली और दूसरी ओर श्रेष्ठतम नदियों में से एक यमुना तथा तीसरा इसका सबसे उपजाऊ मैदान इसे विश्व की सबसे श्रेष्ठ क्षेत्र के रूप में स्थापित करता है। परंतु हमने इसकी मिट्टी, जल और वायु तीनों को खराब कर दिया है । पूरे शहर में जल पीने योग्य नहीं बचा है।

वायु विश्व में सबसे ज्यादा प्रदूषित है और मृदा भी अपने उपजाऊपन खो चुकी हैं। फरीदाबाद की बिगड़ती स्थिति के बावजूद भी यदि यहां की 35 लाख की जनसंख्या अपने स्वभाव में परिवर्तन नहीं लाती, हिंसा को छोड़ अहिंसा के मार्ग पर नहीं चलते , गंदगी को छोड़ स्वास्थ्य को नहीं अपनाते और मांसाहार को छोड़ शाकाहार की ओर नहीं लौटते तो अपने पतन का कारण खुद बनने की दिशा में है और आज लगभग सभी नागरिक उस कालिदास की स्थिति में है जो जिस डाली पर बैठे हैं उसी को काट भी रहे हैं।

डॉक्टर एसएन सुब्बाराव का कहना कि “एक घंटा देह को और एक घंटा देश को” यह जब हमारा स्वभाव बनेगा तो भारत एक मजबूत राष्ट्र के रूप में आगे बढ़ेगा, की आवश्यकता पर बल दिया।

इस प्रकार पर्यावरण और स्वास्थ्य राष्ट्र के हित में आज के कार्यक्रम में पटना से पानी रे पानी अभियान के संयोजक पंकज मालवीय, राष्ट्रीय पर्यावरण सुरक्षा समिति के अध्यक्ष ज्ञानेंद्र रावत, प्रमुख पर्यावरणविद प्रशांत सिंहा, वाईएमसीए से प्रो अरविंद गुप्ता, सुरेश राठी, जया श्रीवास्तव, इंदौर के संजय गुप्ता सहित लगभग 150 लोगों ने सहभागिता की ।

इस अवसर पर डॉक्टर अनिल जोशी के साथ ही लगभग 20 साइकिल सवार जो कि मुंबई से देहरादून की यात्रा पर हैं वह भी सम्मिलित हुए और अपने अनुभव सांझा किए। बालाजी कॉलेज के प्राध्यापक रविंद्र फौजदार, ममता मलिक, उषा डागर, चेतन प्रकाश , दिनेश कुमारी, ईशु जैन सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे।

 

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Mazdoor Morcha
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