करनाल। जसबीर कौर, मुख्य दंडाधिकारी एवं सचिव, जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण करनाल ने गत बुधवार को जिला कारागार में जेल लोक अदालत का आयोजन किया। जेल लोक अदालत में 3 अंडर ट्रायल प्रिजनर्स के केसों का चयन किया गया था, उसमें से 1 के जुर्म कबूलने के बाद उसकी सजा को अंडरगोन किया गया।
सीजेएम ने बताया कि समय-समय पर जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण द्वारा हर माह के दूसरे और चौथे बुधवार को जेल में लोक अदालत का आयोजन किया जाता है। उन्होंने कैदियों को बताया कि यदि किसी के पास उसकी केस की पैरवी करने के लिए वकील नहीं है, तो वह अधीक्षक जिला कारागार करनाल के माध्यम से अपना प्रार्थना पत्र जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण करनाल को भेज सकता है। अथॉरिटी के द्वारा उसको पैनल अधिवक्ताओं में से किसी एक को उसके केस की पैरवी करने के लिए नियुक्त कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण, बच्चों, वरिष्ठ नागरिक, अनुसूचित जाति व जनजाति या आम नागरिक जिसकी सभी स्रोतों से 3 लाख रुपये से कम आय है, ऐसे व्यक्ति मुफ्त कानूनी सलाह या मुफ्त कानूनी सहायता पाने का हकदार है।
इसके बाद सीजेएम ने जिला जेल कार्यक्रम में बंद कैदियों से वार्तालाप की और कैदियों के अधिकारों के लिए बुकलेट्स वितरित करवाए ताकि सभी कैदियों को उनके अधिकारों के बारे में ज्ञान हो। इसके बाद कैदियों के बौद्धिक विकास को बल देने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान तकरीबन 2०० कैदियों साथ वार्तालाप की और उनको कानूनी तौर पर हर तरह से सहायता करने की वकालत की उनको यह भी अवगत करवाया की वह कानूनी जानकारी जानकारी के साथ-साथ अपनी और जो जेल में बंद है को कानूनी अधिकारों के बारे में जागृत करें ताकि वह कानूनी काकी कानूनी सहायता प्राप्त कर सकें। उन्होंने उप अधीक्षक जिला जेल कारागार को निर्देश दिया कि उन सभी कैदियों की प्रार्थना पत्र जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को भेजे जाएं जिनके पास वकील की सेवाएं उपलब्ध नहीं है ताकि उन्हें वकील मुहैया करवाया जा सके।