वचन देकर फिरने में भाजपा देरी नहीं करती, किसानों का रजिस्ट्रेशन शुल्क पहले माफ किया अब रिकवरी पर उतारू

वचन देकर फिरने में भाजपा देरी नहीं करती, किसानों का रजिस्ट्रेशन शुल्क पहले माफ किया अब रिकवरी पर उतारू
September 19 01:20 2022

पलवल (म.मो.) लगता है कि भाजपा सरकार ने किसान आंदोलन से पूरा सबक अभी तक सीखा नहीं। इसे सबक सीखाने के लिये और अधिक कड़े आन्दोलन की जरूरत है।
बहुत पुराना कानून है कि सरकार जब भी किसान की ज़मीन का अधिग्रहण करेगी तो मुआवजे में मिली रकम से जो जमीन खरीदी जायेगी उस पर सरकार रजिस्ट्रेशन शुल्क नहीं वसूलेगी। किसान को मुआवजे की रकम देते समय अधिकारी इस बाबत एक प्रमाणपत्र भी जारी करता है। यही सब कार्रवाई पलवल जि़ले के कुसलीपुर, रहराना, चिरावटा, जोधपुर, रजोलका, अल्लीका, यादूपुर, गेलपुर, रतिपुर आदि गांवों के किसानों के साथ हुआ। बीसियों वर्ष पूर्व केएमपी एक्सप्रेसवे बनाने के लिये जब उनकी जमीन अधिग्रहीत की गई थी तो उन्हें भी ऐसे ही प्रमाणपत्र मिले थे। किसानों ने तय शर्तों के अनुसार कृषि-भूमि खरीद ली थी। अब उन्हें खट्टर सरकार की ओर से रिकवरी नोटिस जारी किये गये हैं। उसके विरोध में तमाम सम्बन्धित किसान उपायुक्त कार्यालय पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।

माफ किया हुआ पैसा हो अथवा किसान सम्मान निधि के तौर पर दिया गया पैसा हो उसे वापस मांगने में भाजपा सरकार को कतई कोई लाज-शर्म नहीं है। विदित है कि 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान केन्द्र सरकार ने चुनावी रिश्वत के तौर पर किसानों को सम्मान निधि के नाम पर खुल कर पैसा बांटा था। लेकिन चुनाव के बाद सरकार ने लाखों किसानों से वह पैसा यह कह कर वापस मांगना शुरू कर दिया कि उन्हें गलती से दे दिया गया था। यानी कि काम निकल गया तो पैसा वापस करो यही है भाजपा का सिद्धांत।

केएमपी किसानों के अलावा मण्डकौला, नौरंगाबाद, खेड़ली आदि के ग्रामीण भी धरने पर बैठे हैं। उनकी मांग है कि नये बन रहे बडोदरा एक्सप्रेस वे पर इंटरचेंज दिया जाय।

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Mazdoor Morcha
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