फरीदाबाद (म.मो.) गली मोहल्लों में अंधेरे से परेशान लोग नगर निगम के सामने कितना ही रोते-पीटते रहें, किसी को कोई परवाह नहीं। मौजूदा मामले में तो एनआईटी क्षेत्र के विधायक नीरज शर्मा ने भी इस मसले को काफी पुरजोर तरीके से उठाया। लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। विदित है कि एनआईटी क्षेत्र की आबादी बहुत ही सघन है, इसलिये वहां स्ट्रीट लाइट की बजाय हाई मास्ट लाइटों की आधिक आवश्यकता रहती है। विधायक महोदय द्वारा बार-बार गुहार लगाने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हुई। सदैव एक ही जवाब मिलता रहा कि लाइटें हैं नहीं, आयेंगी तो लगवा देंगे।
बीते दिनों कुछ पत्रकारों ने सेक्टर 25 स्थित जलघर के एक बड़े कमरे में बंद पड़ी ढेरों लाइटों का वीडियो वायरल कर दिया। इसका अर्थ स्पष्ट है। हाईमास्ट लाइटों की खरीदारी तो की गई लेकिन उन्हें जनता की उपयोगिता के लिये कहीं भी नहीं लगाया गया। समझा जा रहा है कि खरीदा गया यह समान कहीं लगाने लायक था भी नही । यह तो केवल फाइलों का पेट भरने अथवा दिखावे के लिये कंडम माल ही खरीदा गया था, जाहिर है इस पर खर्च दिखाई गई रकम मिल बांट कर सम्बन्धित लोगों में डकार ली।
विधायक नीरज शर्मा ने इस बाबत निगमायुक्त को तो शिकायत कर ही दी है, इसके अलावा विधानसभा में भी इस मुद्दे को उठाने की बात कही है। लेकिन जहां सरकार ही सारी लूट के इस धंधे में शामिल हो तो कोन किसकी क्या जांच करेगा? मौजूदा मामले में फाइल का पेट भरने के लिये कम से कम कंडम माल तो खरीदा गया, अब तो इसकी भी जरूरत नहीं रह गई। केवल कागजों में ही काम को दिखाओ और सैंकड़ो करोड़ डकार जाओ। केवल कुछ दिन पूछताछ व केस चलने की नौटंकी होती है। अंत में किसी का कुछ नहीं बिगड़ता और कोई रिकवरी नहीं होती।