करनाल। सांसद दीपेंद्र हुड्डा आज करनाल में आयोजित कई सामाजिक कार्यक्रमों में शिरकत करने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने प्रदेश भर में बुजुर्गों की पेंशन काटे जाने की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि प्रदेश की भाजपा-जजपा सरकार बुजुर्गों की पेंशन काटकर उनको अपमानित कर रही है। हमारी सरकार आने पर जिन-जिन की पेंशन काटी गयी है उनको एक कलम से बहाल किया जायेगा। उन्होंने कहा कि बुजुर्गों को पेंशन न देनी पड़े इसलिये जिंदा लोगों को भी मरा हुआ बता रही है सरकार। अब तक लाखों बुजुर्गों की पेंशन बंद की जा चुकी है।
दीपेंद्र हुड्डा ने आरोप लगाया कि सरकार के रवैये से ऐसा लगता है कि आगे और भी बुजुर्गों की पेंशन बंद करने की प्लानिंग की जा रही है। बुजुर्गों को पेंशन के लिए तरसाना सीधे तौर पर उनका अनादर करना है। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि बेतहाशा महंगाई के इस दौर में बुजुर्गों को मिलने वाली पेंशन उनके बुढ़ापे का सहारा है। उनको पता चला है कि जिनकी पेंशन बंद हो चुकी है वो बहुत कष्ट में बुढ़ापा काट रहे हैं। इस पर परिवार पहचान पत्र और बेवजह के आर्थिक मापदंडों को थोपना गलत है।
सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने रोहतक के गांधरा (गांव) निवासी 102 वर्षीय बुजुर्ग दुलीचंद की पेंशन बंद करने की चर्चित खबर का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार ने उन्हें कागजों में मृत घोषित कर उनकी पेंशन बंद कर दी। सरकार की इस कारस्तानी से आहत बुजुर्ग को खुद को जिंदा साबित करने के लिए रथयात्रा निकालनी पड़ी। दुलीचंद जी को अपनी पेंशन बनवाने के लिए पिछले करीब 6 महीने से सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि परिवार पहचान पत्र के नाम पर पेंशन काटना सरासर गलत है।
उन्होंने प्रदेश की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार पर बुजुर्गों के भरोसे को तोडक़र उनके साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा को समर्थन दे रही जजपा ने बुजुर्गों से 5100 रुपये प्रतिमाह बुढ़ापा पेंशन तो भाजपा ने 3100 रुपये प्रति माह बुढ़ापा पेंशन देने का वादा किया था। लेकिन, दोनों ने मिलकर बुजुर्गों की भावनाओं को बुरी तरह से ठेस पहुंचायी है। प्रदेश के बुजुर्ग तो भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार से 5100 रुपये महीने की बुढ़ापा पेंशन मिलने का इंतजार कर रहे थे। लेकिन हर महीने 5100 रुपये पेंशन मिलना तो दूर जो पहले से मिल रही थी उसे भी तरह-तरह के बहाने बनाकर बंद किया जा रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा बुजुर्गों के सम्मान भत्ते की कटौती और दूसरी तरफ उसके भुगतान में देरी इस कल्याणकारी योजना के प्रति सरकार की उदासीनता को दर्शाता है।
इस दौरान असंध विधायक शमशेर सिंह गोगी, पूर्व विधायक जिलेराम शर्मा, विधायक बलबीर वाल्मीकि, पूर्व विधायक सुल्तान सिंह जडोला, पूर्व विधायक नरेंद्र सांगवान, अनिल राणा, रणबीर संधू, त्रिलोचन सिंह समेत काँग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता व कार्यकर्ता मौजूद रहे।