करनाल। मांगों और समस्याओं को लेकर किसान जिला सचिवालय में डीसी से मिलने पहुंचे। इस दौरान किसानों ने डीसी सुशील सारवान से मुलाकत की और अपनी मांगों को लेकर एक ज्ञापन सौंपा। किसानों ने कहा कि वे काफी समय से मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं लेकिन प्रशासन उनकी नहीं सुन रहा है। उन्होंने कहा कि जल्द ही उनकी मांगों को पूरा किया जाए। डीसी ने आश्वासन दिया कि उनकी मांगों को मुख्यमंत्री तक पहुंचाया जाएगा। इस मौके पर भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के प्रदेश महासचिव भूपेंद्र सिंह लाडी ने कहा कि तरावड़ी मंडी में पंखा लगाने की जो समस्या थी उसका समाधान हो गया है। आढ़तियों और किसानों की ओर से एक पंचायत की थी जिसमें इस समस्या को उठाया गया और सर्वसम्मति से इसका समाधान किया गया। उन्होंने कहा कि इसके अलावा जैक वाली ट्राली से जो फसल अपने आप अनलोड हो जाती है उसकी मजदूरी किसान नहीं देगा। अपनी सबसे बडी समस्या को अवगत करवाते हुए किसानों ने बताया कि फसल पूरी तरह से पक चुकी है। मंडी में ढेर लगे हुए हैं।
सरकारी खरीद न होने से किसानों को अपनी फसल कम रेट पर राइस मिलरों को मजबूरी में बेचनी पड रही है। जिससे किसानों का बहुत नुकसान हो रहा है। एक तरफ रेट नहीं मिल रहा। दूसरी तरफ तेला की बिमारी से फसल नष्ट हो रही है। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि जल्द सरकारी रेट पर फसल को खरीदा जाए। हरियाणा सरकार इस समस्या पर गौर करे और जल्द से जल्द खरीद शुरू की जाए ताकि किसान को फसल का उचित मूल्य मिले। यदि सरकार किसानों की समस्याओं की तरफ ध्यान नहीं देती तो किसानों को मजबूर होकर आंदोलन को तेज करना पड़ेगा।
उन्होंने बताया कि पिछले चार दिनों से किसानों ने तरावड़ी मंडी में धरना दिया हुआ था और मंडी के चारो गेटों पर ताला लगाकर अपनी समस्याओं को उठाया। तभी प्रशासन की नींद खुली।
इस अवसर पर लखविंद्र सिंह नौखरिया, रवि सरपंच पखाना, लखविंद्र सिंह सरपंच रमाणा, नछत्तर सिंह विर्क, चरणजीत गालबखेडी, प्रीतम गालबखेडी, मांगा सिंह सौंकडा, गुरविंद्र सिंह विर्क, मेजर सिंह वडैच, रणजीत सिंह, जोधबीर सिंह, निर्मल सिंह, बिल्लू रोड़ पडवाला, सुरेश पंडित, गुरनाम पाल, बाज सिंह नड़ाना सहित काफी संख्या में किसान मौजूद रहे।