शेर सिंह मजदूर समाचार, अगस्त 2011 अंक जे एन एस मजदूर प्लॉट 4, सैक्टर-3 आई.एम.टी. मानेसर स्थित फैक्ट्री के मजदूरों में अधिकतर महिला हैं …” मजदूर समाचार, अक्टूबर 2011 अंक जय उशिन मजदूर “प्लोट 4, सैक्टर-3, आई एम टी मानेसर स्थित फैक्ट्री में …” – मजदूर समाचार, मार्च 2014 अंक)
जे एन एस इन्स्ट्रुमेन्ट्स – जय उशिन मजदूर “प्लॉट 4, सैक्टर-3, आई.एम.टी. मानेसर स्थित फैक्ट्रियों में दिल्ली के चारों तरफ, गुडग़ाँव के चारों तरफ, झज्जर, रेवाड़ी, पटौदी से बसों में महिला मजदूर आती हैं। मानेसर, कासन, खोह, नाहरपुर से पैदल भी महिला मजदूर आती हैं। अन्य दिनों की भाँति सोमवार, 10 फरवरी को सुबह पौने नौ के करीब बसों से तथा पैदल पहुँची दो हजार से ज्यादा महिला मजदूर एकत्र हुई। दोनों फैक्ट्रियों में प्रवेश एक ही गेट से होता है और दोनों में ड्युटी 9 बजे से है। परन्तु 10 फरवरी को 9 बजे कोई महिला मजदूर अन्दर नहीं गई। डेढ-दो घण्टे गेट के बाहर महिला मजदूर खड़ी रही और हरियाणा के मुख्य मन्त्री द्वारा 1 जनवरी से 8100 रुपये न्यूनतम वेतन की घोषणा की बात उठाई। पुलिस। “बसों में महिला मजदूरों के साथ सीनियर स्टाफ भी गुप्तचर की तरह रहता है ताकि लड़कियाँ बातचीत नहीं करें। लेकिन कम्पनियों को भनक तक नहीं लगी और दो हजार से ज्यादा महिला मजदूरों ने 10 फरवरी को मिल कर कदम उठाया।
“जे.एन.एस. इन्स्ट्रुमेन्ट्स निप्पोन सेईकी, जापान और यहाँ जे पी मिण्डा समूह का संयुक्त उद्यम है। जे.एन.एस. में होण्डा, बजाज, हीरो, सुजुकी, यामाहा दुपहियों और मारुति सुजुकी तथा होण्डा कारों के ऑटो मीटर बनते हैं। जय उशिन संयुक्त उपक्रम है उशिन लिमिटेड, जापान और जे पी मिण्डा समूह का तथा इसमें वाहनों की चाबियाँ एवं दूर से बन्द किये जाते ताले बनते हैं। जे.एन.एस. का वार्षिक उत्पादन 500 करोड़ रुपये का है और जय उशिन का करीब 600 करोड़ रुपये का।
“इन फैक्ट्रियों में काम करते पुरुष मजदूरों की 12-12 घण्टे की दो शिफ्ट हैं। शिफ्ट 15 दिन में बदलती है तब एक शिफ्ट के मजदूरों को 16 घण्टे काम करना पड़ता है। फैक्ट्रियाँ 24 घण्टे, महीने के तीसों दिन चलती हैं — जनवरी में मात्र 26 तारीख की छुट्टी। ओवर टाइम के पैसे सिंगल रेट से भी कम, लडक़ों को 22 रुपये प्रति घण्टा और लड़कियों को 23 रुपये प्रति घण्टा।
“कम्पनी द्वारा स्वयं भर्ती किये पाँच-छह सौ लोग वर्दी में, इनकी तनखा बैंक खाते में, यह काम करवाते हैं और रौब झाड़ते हैं। महिला और पुरुष मजदूरों को 8-10-12 ठेकेदारों के जरिये रखा है। मजदूरों को तनखा बारे 9 तारीख को बताया जाता है पर दी 20 तारीख तक जाती है।
“नौकरी छोडऩे पर पैसों के लिये चक्कर कटवाते हैं — बकाया पैसों के लिये महिला मजदूर गेट पर गालियाँ सुनाती हैं, चप्पल से पिटाई भी करती हैं।”
मजदूर समाचार, मई 2014 अंक प्लॉट 4, सैक्टर-3, आई.एम.टी. मानेसर स्थित जे.एन.एस. इन्स्ट्रुमेन्ट्स और जय उशिन फैक्ट्रियों में 10 फरवरी को सुबह 9 बजे की शिफ्ट में दो हजार से ज्यादा महिला मजदूर डेढ-दो घण्टे गेट के अन्दर नहीं गई थी। गेट पर एकत्र महिला मजदूर हरियाणा मुख्य मन्त्री की 1 जनवरी से 8100 रुपये न्यूनतम वेतन की घोषणा पर अमल की बात कर रही थी। आश्वासन दे कर कम्पनी अधिकारी तब अन्दर ले गये थे।
महिला मजदूरों ने 12 मार्च को फिर कदम उठाया और 13 मार्च को पुरुष मजदूर भी उनके साथ हो लिये। के.डब्लू.एस. लाइन जिस पर हीरो दुपहियों के पैशन प्रो मॉडल के मीटर बनते हैं वह 12 मार्च को 2 घण्टे ही चली और 13 मार्च को पूरे समय बन्द रही। मजदूरों के कदम का असर प्रैस शॉप, प्रिन्टिंग, मुवमेन्ट लाइन, ऑटो लाइन पर पड़ा। मजदूरों के कदम को विफल करने के लिये 13 मार्च को सुबह 6 वाली बसों को कम्पनी सीधे अन्दर ले गई, इस प्रकार कुछ महिला मजदूरों को जबरन फैक्ट्रियों के अन्दर ले गई। तब 9 बजे वाली बसों की महिला मजदूर बसों को आई.एम.टी. चौक पर ही रुकवा कर बसों से उतर कर पैदल फैक्ट्रियों की तरफ चली। पुरुष मजदूर पैदल पहुँचते हैं और 13 मार्च को सुबह 6 वाली शिफ्ट में वे फैक्ट्रियों के अन्दर गये ही नहीं।
कम्पनी 13 को साँय को बोली कि तनखा में एक हजार रुपये बढ़ा देंगे और अब से ओवर टाइम के पैसे सिंगल रेट की बजाय दुगुनी दर से देंगे — काम पर चलो। इस सम्बन्ध में 28 अप्रैल को जे.एन.एस. मजदूरों ने बताया कि कदम उठाने से तनखा में 1000 रुपये बढ़ा दिये हैं और ओवर टाइम का भुगतान डबल रेट से शुरू कर दिया है — पर हाँ, पहले 12 घण्टे ड्युटी में जहाँ कम्पनी 4 घण्टे को ओवर टाइम कहती थी, अब 12 घण्टे की ड्युटी में साढे तीन घण्टे को ओवर टाइम मानती है।