फरीदाबाद (म.मो.) क्या अजीब संयोग है शहर की सीवर लाइन चलने की बजाय जाम रहती हैं और गंदा पानी सडक़ों पर बहता है। दूसरी ओर शुद्ध पेयजल लाने वाली पाइप लाईन टिकती नहीं हैं; साल में दो-चार बार तो ये लाइन कहीं न कहीं क्षतिग्रस्त होती रहती हैं और पानी सडक़ों पर बह जाता है। यानी कि एक कीचड़ गंदे पानी का तो दूसरा कीचड़ शुद्ध पानी का झेलना नगरवासियों की नियति बन चुकी है।
इसी सप्ताह रैनीवैल से आने वाली पेयजल पाइप लाइन नम्बर पांच जिसकी अभी कुछ दिन पहले ही मरम्मत की गई थी, बीते सोमवार को फिर से फट गई। इसके चलते जहां एक ओर शहर के कई हिस्सों में पेयजल का संकट खड़ा हो गया और वहीं दूसरी तरफ ददसिया गांव के खेतों में पानी भर गया। पेयजल संकट का लाभ उठाते हुए धंधेबाज टैंकर चालकों ने पानी के दाम बढ़ा दिये। सामन्यत: जो टैंकर 700 रुपये का मिलता था वह 1000 रुपये का हो गया।
सीवर लाइनों के जाम रहने तथा पेयजल पाइप लाइनों के फटने के पीछे एक मात्र कारण भ्रष्टाचार व सिफारिश के आधार पर भर्ती किये गये नालायक व अनपढ़ इंजीनियर हैं।