‘मंदिर का मतलब होता है मानसिक गुलामी का रास्ता। स्कूल का मतलब होता है जीवन में प्रकाश का रास्ता। मंदिर की घंटी का मतलब है धर्म, अंधविश्वास, पाखंड और मूर्खता की ओर बढऩा और स्कूल की घंटी का मतलब तर्कपूर्ण ज्ञान और वैज्ञानिकता की ओर बढऩा। आप तय करें, आप किधर जाएँगे! ज्योतिबा फुले।
फिल्म-निर्देशक अविनाश दास ने ज्योतिबा फुले का यह मशहूर कथन 13 फरवरी, 2020 को ट्वीट किया था, जिसके कारण #Arest Avinash Das हैशटैग चला कर कुछ लोगों ने उनकी गिरफ़्तारी की माँग की। अविनाश दास ने बयान दिया वे ज्योतिबा को तो गिरफ़्तार नहीं कर सकते, तो उनके विचारों का प्रचार करने वालों को ही जेल में डाल दो। यह शर्मनाक है!’