उफनते सीवरों से तंग दो नम्बर वासियों ने लगाया सडक़ जाम

उफनते सीवरों से तंग दो नम्बर वासियों ने लगाया सडक़ जाम
July 26 03:15 2022

फरीदाबाद (म.मो.)अपनी सीवर समस्या को लेकर एनएच-2 वासियों का सब्र का पैमाना इस हफ्ते टूट पड़ा। बार-बार अधिकारियों से अनुनय विनय तथा राजनेताओं के चक्कर काटने के बावजूद भी जब उनकी समस्या का समाधान नहीं हो पाया तो, ‘तंग आमद बजंग आमद’ की कहावत को चरितार्थ करते हुए स्थानीय निवासियों ने मंगलवार को तो पचकुईया रोड को जाम किया। जनता के भारी आक्रोश को देखते हुए तुरत-फुरत नगर निगम के अधिकारी तीन-तीन मशीनें लेकर पहुंच गये। इन अधिकारियों ने सफाई देते हुए कहा कि स्थानीय निवासियों को पता नहीं था कि पहले से ही एक मशीन इस काम पर लगी हुई थी। सवाल यह पैदा होता है कि मशीन लगी थी तो कर क्या रही थी और इस मशीन लगने की नौबत बार-बार क्यों आती है। जैसे-तैसे कामचलाऊ सीवर चालू करके निगम वाले चले गये।

अगले ही दिन एक-दो नम्बर चौक से दो नम्बर को आने वाली मुख्य सडक़ को स्थानीय निवासियों ने कई घंटों तक जाम रखा। निगम अधिकारियों ने समझा था कि पचकुईया रोड की सीवर चालू हो गई है तो बस काम निपट गया लेकिन वास्तव में काम निपटा नहीं था। मुख्य सडक़ के मेन सीवर लाईन ज्यों की त्यों जाम पड़ी रही। सडक़ों पर जाम लगाना बेशक कोई अच्छी बात नहीं है और न ही इसको लगाने वालों को इसमें कोई आनन्द आता है, लेकिन यह लोगों की मजबूरी है जब तक इस तरह के कदम न उठाये जाये कोई अधिकारी कुछ भी सुनने करने को तैयार नहीं होता। कई घंटों के जाम के बाद आखिर दु:खी जनता की सुनवाई हुई और सीवर सफाई का काम शुरू किया गया। लेकिन देखने वाली बात यही है कि यह सफाई कितने दिन कायम रह पायेगी।

दरअसल सीवर समस्या का मूल कारण पहला तो यह है कि जहां कही भी मेनहोल खुला होता है उसमें ऐसा कचरा भर जाता है कि जो लाईन को जाम कर देता है। दूसरा कारण यह है कि सीवेज का ठीक से डिस्पोजल नहीं हो पाता। यानी कि सीवेज को मोटर पम्पों द्वारा खींचकर निकालने की जो व्यवस्था है उसमें अनेकों खामियां है।

तीसरा बड़ा कारण नगर निगम के भ्रष्ट अधिकारियों व राजनेताओं के घालमेल से दिन प्रतिदिन बढ़ते अवैध कब्जे व निर्माण है। सीवेज व्यवस्था पर इतना अधिक लोड पड़ रहा है जिसके लिए उसको बनाया नहीं गया था। जाहिर है जब तक इन मूल समस्याओं का समाधान नहीं होगा सीवेज जाम की स्थिति ज्यों की त्यों ही बनी रहा करेगी, हां अब जो नई व्यवस्था सामने लाई जा रही है, जिसके अनुसार सीवेज का ‘शोधित’ जल पार्को आदि में लगाया जायेगा उससे शायद इस समस्या का कुछ समाधान हो पाये। लेकिन दूसरी समस्या यह सामने आयेगी कि इनके शोधन प्लांट तो कभी चलने नहीं और सीवेज का सड़ा पानी पार्को आदि में सडऩे लगेगा।

  Article "tagged" as:
  Categories:
view more articles

About Article Author

Mazdoor Morcha
Mazdoor Morcha

View More Articles