फरीदाबाद (म.मो.) सत्ता चाहे किसी की रही हो, हरियाणा फार्मेसी काउसिंल के चेयरमैन धनेश की लूट कमाई का जुगाड़ हमेशा बना रहा है। वह राजनेताओं के साथ-साथ अफसरों के साथ भी हिस्सा-पत्ती करने में विशेष महारत रखते आये हैं। इस लूट कमाई के बदौलत वे दो बार खुद व एक बार अपनी माताजी को नगर निगम पार्षद बनाने में कामयाब रहे हैं।
खट्टर सरकार आने के बाद तो उनकी कतई पौ-बारह हो गई। प्रशासनिक कामों की दलाली खाने के अलावा खट्टर ने भूमि विकस बैंक का चेयरमैन भी बना दिया था। लेकिन इस पद पर कोई बहुत ज्यादा माल-मलाई नहीं थी। इसलिये खट्टर के आशीर्वाद से धनेश को फार्मेसी काऊंसिल का चेयरमैन बना दिया गया। यहां तो लूट कमाई की बल्ले-बल्ले हो गई। जो भी कोई फार्मेसिस्ट का डिप्लोमा पास कर लेता है उसको इस काऊंसिल से लाइसेंस लेना अनिवार्य होता है। किसी अन्य प्रदेश के लाइसेंसधारी फार्मेसिस्ट के लिए हरियाणा में काम करना हो तो अधलखा से लाइसेंस लेना, हरियाणा सरकार ने अनिवार्य कर रखा है।
इतना ही नहीं इन लाइसेंसधारियों को हर पांच साल के बाद अपना लाइसेंस को इसी काऊंसिल से रिन्यू कराना अनावश्यक रूप से अनिवार्य बना रखा है। इसके चलते अधलखा की इस ‘दुकान’ पर इतनी लम्बी-लम्बी लाइनें लग गईं कि लोगों का वर्षों तक नम्बर ही नहीं आता और जब तक ये लाइसेंस न मिले तो इसकी पढ़ाई-लिखाई सब बेकार। जाहिर है कि ऐसे में कोई भी फार्मेसिस्ट जल्दी से जल्दी लाइसेंस प्राप्त करके काम पर लगने के लिये रिश्वत देने के लिये मजबूर होगा। लोगों की इसी मजबूरी का लाभ उठाकर धनेश ने लाइसेंस जारी करने के रेट 30 हजार से 80 हजार तक रखे हुए थे।
विदित है कि लाइसेंस जारी करने का काम चेयरमेन का न होकर रजिस्ट्रार का होता है। लेकिन धनेश खट्टर से अपने सम्बन्धों के बल पर रजिस्ट्रार एवं अन्य स्टाफ पर इस कदर हावी रहता था कि इनसे पूछे बगैर काऊंसिल के दफ्तर में पत्ता तक नहीं हिल सकता था।
अर्थ बड़ा स्पष्ट है कि धनेश जो लूट कमाई कर रहा था वह खट्टर की छत्र-छाया में ही सम्भव थी। इसी छत्र-छाया की बदौलत धनेश के विरुद्ध आने वाली तमाम शिकायतों को दरकिनार कर दिया जाता था। पिछले दिनों ऐसी ही एक शिकायत की जांच के नाम पर एक आईएएस अधिकारी से लीपा-पोती कराके ठंडे बस्ते में रख दिया गया था। इसका उल्लेख ‘मज़दूर मोर्चां’ के 12-18 जून के अंक में प्रकाशित किया गया था। लेकिन इस बार कुछ पीडि़त लोगों ने सीधे विजिलेंस में शिकायत दर्ज कराके भिवानी में धनेश के दो एजेंटों को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार करा दिया। इस पर थाना विजिलेंस हिसार ने धनेश व उसके एजेंटों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक धाराओं के तहत मुकदमा नम्बर 14 दर्ज कर लिया। गिरफ्तारी से बचने के लिये धनेश फिलहाल फरार है। पुलिस तलाश में छापेमारी कर रही है।