फरीदाबाद (म.मो.) बीते सप्ताह ही समाचार प्रकाशित किया गया था कि निगम के नाकारापन को देखते हुए जि़ले के उपायुक्त जितेन्द्र यादव ने जलभराव से निपटने का बीड़ा उठाया था। बेशक उन्होंने आगे बढक़र नाकारा निगम के काम को अपने हाथ में लेने का प्रयास किया लेकिन इसके पूरा हो पाने की न तो उस वक्त कोई सम्भावना थी न ही आज। ‘मज़दूर मोर्चा’ ने पूरे जल भराव को छोड़ कर केवल तीन रेलवे अंडरपास को चालू रख पाने का चैलेंज उपायुक्त महोदय के सामने रखा था। इनमें से एक अंडरपास जो ओल्ड $फरीदाबाद चौक को एनआईटी से जोड़ता है, मंगलवार को चार घंटे तक पानी में डूबा रहा जिससे यातायात ठप्प हो गया।
इसी तरह राष्ट्रीय राजमार्ग पर जेसीबी कम्पनी के सामने, बाटा मोड़ व अजरोंदा मोड़ पर जलभराव से यातायात बाधित हो गया था। शुक्र यह रहा कि वर्षा थोड़ी देर ही हुई जिससे पानी जल्दी निकल गया और यातायात बहुत देर तक प्रभावित न हो सका। हां, यदि यही बारिश दो-चार घंटे और चल गई होती तो प्रशासन को अपने इंतजामों का असली अंजाम देखने को जरूर मिल जाता। प्रशासनिक आदेश में इंगित 30 मैजिस्ट्रेट व सैंकड़ों पुलिस वाले सडक़ों पर खड़े पानी को खदेडऩे में सक्षम नहीं हो सकते और हुए भी नहीं।
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण जरूर इस दिशा में कुछ करता नज़र आया। लेकिन देर से शुरू किये गये उनके प्रयास अभी कोई खास परिणाम नहीं दिखा पाये हैं। जो रेन हार्वेस्टर वह आज लगाने जा रहा है, यदि यही प्रयास दो माह पूर्व किया गया होता तो अच्छे परिणाम सामने आये होते।
यह तो मामला केवल उस राजमार्ग का है जिसे आवागमन के लिये सबसे महत्वपूर्ण समझा जाता है। पूरे शहर भर की गलियों-मुहल्लों में जल भराव एवं कीचड़ ने लोगों का जीवन दूभर कर दिया था। उस ओर देखने की तो प्रशासन को फुर्सत ही नहीं मिली। हर बार की तरह बरसाती पानी के साथ-साथ उफनते सीवरों ने शहरवासियों की मुसीबत को और भी बढ़ा दिया था। इसी के मद्दे नज़र ‘मोर्चा’ ने लिखा था कि बरसात आने से पहले प्रशासन कम से कम अपने सीवरों को तो ठीक ढंग से चला ले। परन्तु प्रशासन के वश का यह काम भी नहीं है।
जलभराव की स्थिति में सडक़ों पर फसे वाहनों को निकालने तथा सडक़ों पर हो गये गड्ढों को भरने का काम पुलिस का नहीं हो सकता। यह काम पुलिस के सिर पर लाद कर उन हरामखोरों को प्रोत्साहित किया जा रहा है जिनकी हरामखोरियों के चलते सडक़ों पर गड्ढे व जलभराव होता है। ऐसी स्थिति में पुलिस की जगह नगर निगम, स्मार्ट सिटी, एफएमडीए व ‘हूडा’ के तमाम जिम्मेवार अधिकारियों को, बरसात के दौरान सडक़ों पर तैनात कर दिया जाना चाहिये।