बीके अस्पताल के ठेका कर्मचारियों की हड़ताल

बीके अस्पताल के ठेका कर्मचारियों की हड़ताल
April 11 18:26 2022

कौशल रोजगार निगम के बहाने सैकड़ों का रोजगार छिना

फरीदाबाद (म.मो.) हरियाणा कौशल रोजगार निगम को भंग करने के विरोध में बीके अस्पताल ठेका प्रथा कर्मचारी यूनियन संबंधित सर्व कर्मचारी संघ से जुड़े अस्पताल के ठेका कर्मचारियों ने दिनांक 7 अप्रैल को सांकेतिक हड़ताल कर दी। उनकी मांग न मानी गई तो पूर्ण हड़ताल की चेतावनी दी। इसकी अध्यक्षता बीके कर्मचारी यूनियन के प्रधान सोनू सोया ने की तथा मंच का संचालन एमपीएचडब्ल्यू के जि़ला प्रधान जितेन्द्र मोर ने किया।

अस्पताल के सभी कर्मचारियों ने सुबह से ही हरियाणा कौशल रोजगार निगम के खिलाफ काम छोड़ हड़ताल की और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाज़ी की। इस प्रदर्शन में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा की पूर्व रा’य उपाध्यक्ष व स्वास्थ्य विभाग यूनियन की पूर्व रा’य प्रधान आशा शर्मा, मीना देवी, सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के जि़ला प्रधान अशोक कुमार व ब्लॉक प्रधान करतार सिंह विशेष रूप से उपस्थित रहे।

कर्मचारी हड़ताल को उस वक्त और अत्याधिक बल मिला जब नगरपालिका कर्मचारी संघ हरियाणा रा’य के डिप्टी जनरल सेक्रेटरी सुनील कुमार चंडालिया, जि़ला प्रधान अशोक कुमार व सफाई कर्मचारी यूनियन के प्रधान गुरचरण खांड्या के नेतृत्व में नगर निगम सफाई कर्मचारी यूनियन के समस्त पदाधिकारी आन्दोलन को समर्थन देने पहुंचे। इन्होंने कहा कि सरकार कौशल रोजगार निगम बना कर कर्मचारियों के रोजगार को खत्म करना चाहती है व श्रम कानूनों की धज्जियां उड़ा कर के अपने व्यक्तिगत कानून लाकर के कर्मचारियों के ऊपर जबरन थोपने का काम कर रही है।

कर्मचारी नेताओं ने कहा कि जो सरकार कर्मचारी हित व जन हित में काम करने की बात कर रही थी, आज वही सरकार कर्मचारी विरोधी साबित हो रही है। सरकार की इस नीति के खिलाफ आज पूरे हरियाणा प्रदेश का कर्मचारी आन्दोलन की राह पर है, संघ नेताओं ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने तुरन्त प्रभाव से हरियाणा कौशल रोजगार निगम को बंद नहीं किया तो हरियाणा प्रदेश का सभी विभागों के कर्मचारी हड़ताल पर चले जाएंगे।

कर्मचारियों को सम्बोधित करते हुए बीके अस्पताल ठेका कर्मचारी यूनियन के प्रधान सोनू सोया व सचिव किरण देवी ने बताया कि हरियाणा कौशल रोजगार निगम का जो पोर्टल तैयार किया गया है उसमें कर्मचारियों की पोस्ट सो नहीं कर रही है। उन्होंने बताया कि जो कर्मचारी आज वेतन ले रहें हैं पोर्टल पर वह वेतन बहुत कम दिखाया जा रहा है। इसलिये हरियाणा कौशल रोजगार निगम को भंग किया जाए। उन्होंने बताया कि आज बीके अस्पताल में ठेकेदारी में कार्यरत कर्मचारियों को अलग-अलग वेतन दिया जा रहा है जो कि अन्याय पूर्ण है।
कर्मचारी नेताओं ने कहा कि बीके अस्पताल में कार्यरत ठेका प्रथा के कर्मचारियों का वेतन एक समान करते हुए 24 हजार रुपए दिया जाए। इन्होंने कहा कि अगर तुरन्त प्रभाव से हरियाणा कौशल रोजगार निगम को भंग नहीं किया गया तथा बीके अस्पताल में कार्यरत ठेका प्रथा के कर्मचारियों की मांगों का समाधान नहीं किया गया तो वह अनिश्चितकालीन हड़ताल में तब्दील हो जाएगी। जिसकी जिम्मेदारी सामान्य अस्पताल प्रशासन की होगी।

मज़दूर मोर्चा की चेतावनी
संघर्षरत हड़ताली कर्मचारी उनकी नेता बनी घूम रही किरण सिंह से सावधान रहें। यह वही किरण है जो ठेकेदारी कर्मचारियों का शोषण करने में खुद शामिल रही है। किसी जमाने में खुद ठेकेदारी कर्मचारी बनकर इस अस्पताल में आई थी लेकिन आज वह अधिकारियों से मिल कर ठेकेदार की भूमिका निभा रही है और बड़े पैमाने पर वेतन संबंधी घोटालों में लिप्त है। इसकी विस्तृत रिपोर्ट ‘मज़दूर मोर्चा’ के 13-19 जून 2021 के अंक में प्रकाशित है। जिसके कुछ अंश प्रस्तुत हैं :

“रणजीत सिंह नामक एक व्यक्ति को यहां वार्ड ब्वाय दिखा रखा है जो कानपुर में रहता है और अपना काम धंधा कर रहा है जिसके पुख्ता सबूत मौजूद हैं। अक्तूबर 2020 से उसके खाते में वेतन जा रहा है। रणजीत सिंह की पत्नी किरण वह महान हस्ती है जो अस्पताल के अधिकारियों को खुश रखती है तथा इस सारे गोरख धंधे का संचालन करती है। किरण कभी खुद यहां बतौर चपरासी आदि के तौर पर ठेकेदारी में आई थी। जब गुलशन अरोड़ा यहां बतौर सीएमओ आये तो वे उस पर इतने मेहरबान हो गये कि इस मकाम तक पहुंचा गये। ठाकुर रघुविंदर सिंह जो किरण का भतीजा है, कानपुर में रहता है, बतौर स्वीपर उसकी यहां हाजिरी लग रही है नवम्बर 2020 से, पूरा वेतन खाते में जा रहा है। यहां एक और पेंच यह भी है कि अब रघुविंदर की जगह रविंदर का नाम चढा दिया गया है। ठाकुर साहब स्वीपर का काम कैसे करते होंगे सोचने की जरूरत नहीं क्योंकि काम तो करना ही नहीं हाजरी लगानी हैऔर पैसा मिलना है।

ललित और सूबे सिंह नागर सिक्यूरिटी गार्ड हैं जो कभी ड्यूटी पर नहीं देखे गये और वेतन नियमित रूप से लेते आ रहे हैं। कोमल को कभी स्वीपर तो कभी वार्ड ब्वाय, रूबी पांडे को स्वीपर व वार्ड ब्वाय के खाते में लिखा जाता है और इसी तरह अनीता जिसे वार्ड ब्वाय दिखाया गया है ये कभी ड्यूटी पर नहीं आतीं लेकिन हाजरी पूरी होती हैं।

किरण का घरेलू नौकर व परिजन भी पाते हैं वेतन जो किरण कभी खुद ही ठेकेदारी में यहां मामूली नौकरी करती थी अब घरेलू काम के लिये उसने शिवम को नौकर रखा है। इसके एवज में किरण ने उसका व उसकी पत्नी का नाम भी 230 कर्मचारियों की लिस्ट में चढा रखा है। किरण की दो बहनें-ललिता व रानी तथा जीजा राजीव का नाम इन्ही कर्मचारियों की लिस्ट में है जो लगातार पूरा वेतन सरकारी खजाने से पा रहे हैं। इन लोगों की एक बात तो है कि ये अस्पताल में भले ही तिनका न तोड़ें परन्तु कभी-कभार प्रकट जरूर होते रहते हैं, यानी उनकी श्रेणी में नहीं आते जो कानपुर रहते हैं या किसी संस्थान के छात्र हैं। “

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Mazdoor Morcha
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