फरीदाबाद (म.मो.) घोषित कार्यक्रमों की श्रृंखला में हरियाणा स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड वर्कर यूनियन फरीदाबाद कमेटी के आव्हान पर बिजली निगम फरीदाबाद सर्कल की सभी 18 सब डिवीजनों में कर्मचारियों ने अपनी एकता की मिसाल को कायम करते हुए लामबंद होकर निगम मैनेजमेंट और अधीक्षण अभियन्ता फरीदाबाद के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए अफसरशाही व तानाशाही नही चलेगी की आवाज भरे नारों को बुलन्द कर बिजली दफ्तरों पर आक्रोश भरे लहजे में तीन घंटे जमकर विरोध प्रदर्शन किये।
डिविजन ओल्ड फरीदाबाद के अंर्तगत आने वाली सब डिविजनों में कर्मचारी प्रधान लेखराज चौधरी, सचिव जयभगवान अन्तिल व एनआईटी की सब डिविजनों में प्रधान विनोद शर्मा, सचिव बृजपाल तँवर व ग्रेटर फरीदाबाद की सब डिविजनों में प्रधान सुनील चौहान, सचिव वीर सिंह रावत और बल्लभगढ़ की सब डिविजनों में प्रधान कर्मवीर, सचिव मदन गोपाल की देखरेख में आज के सभी विरोध प्रदर्शन सफल किये गये । यह सभी विरोध मुख्यरूप से सर्कल सचिव सन्तराम लाम्बा और केंद्रीय कमेटी के नेता सतीश छाबड़ी के नेतृत्व में किये गये। कड़े शब्दों में घोर निन्दा करते हुए कर्मचारी नेताओं ने कहा कि इससे बड़ा इस निगम के अधिकारियों का अपने कर्मचारियों के प्रति व्यवहार का रवैया ओर क्या होगा जब हमारे कर्मचारी साथी माजिद जेई को अकारण ही आननफानन में जानबूझ कर निलंबित किया गया। जो हिटलर की भांति तानाशाही को दर्शाता हो।
कर्मचारी के हित और अत्याचार के खिलाफ इस लड़ाई को बल्लभगढ़ में जारी सब डिविजन सब अर्बन सेक्टर-58 पर पिछले 09 मार्च 2022 से धरना देते हुए रोजाना विरोध कर रहे बिजली कर्मचारियों को अब तक 14 दिन बीत गए हैं और अभी तक निगम की ओर से किसी प्रकार की कोई कर्मचारी हित मे जवाबी कार्यवाही तक नही की गयी है । अपने साथी के बहाल होने तक कर्मचारी अपने पथ पर अडिग हैं और बहाली होने तक संघर्षरत रहेंगे। जबकि कर्मचारियों ने निगम को कोई नुकसान पहुंचाये बिना अपने सभी प्रदर्शन शांतिपूर्ण ढंग से किये हैं । जिससे ऐसा प्रतीत होता है । कि निगम के कुछेक अडिय़ल अधिकारी अपने ही कर्मचारियों को योजनाबद्ध तरीके से प्रताडि़त कर उनके धैर्य की परीक्षा लेना चाह रहे हैं । ऐसा करके यह अधिकारी गण शांत माहौल को अशांत कर रहे हैं। चारों डिविजनों की सभी सब डिविजनों के सफल प्रदर्शन के बाद भी अगर निगम के अधिकारी और मैनेजमेंट नही चेतती है तो रोजाना इसी प्रकार के विरोध प्रदर्शन करने को कर्मचारी बाध्य होंगे ।