नगर निगम की वार्डबंदी एक बड़ी राजनीतिक साजिश

नगर निगम की वार्डबंदी एक बड़ी राजनीतिक साजिश
March 27 06:35 2022

मजदूर मोर्चा ब्यूरो
फरीदाबाद (म.मो.) हजारों करोड़ के बजट वाले फरीदाबाद नगर निगम में जो खुली लूट का तांडव बेरोक-टोक चला आ रहा है, उसे लगातार कायम रखने के लिये सत्तारूढ़ दल ने वार्डबंदी की साजिश रची है। इसके तहत वार्डों को इस ढंग से तोड़ा-मरोड़ा गया है कि उनके चहेते लगुए-भगुए पार्षद बनकर आ सकें। ऐसे पार्षदों की मौजूदगी में लुटेरे राजनेता एवं उनके चापलूस बेखौफ होकर शहर को लूट सकें।

आगामी निगम चुनाव के लिए की गयी वार्डबंदी का विरोध अब शहर में खुल कर सामने आ रहा है। इससे निपटने के लिए शहर के सभी प्रमुख सामाजिक संस्थानों ने इसका जिला स्तरीय विरोध करने का निर्णय लिया है। यह विरोध एक सामाजिक मंच के तत्वाधान में किया जायेगा जिसको कि वार्डबंदी विरोध मोर्चा नाम दिया गया है। इस मोर्चे का प्रतिनिधित्व भाटिया सेवक समाज के मोहन सिंह भाटिया, जनसहयोग के प्रधान ओमप्रकाश चुघ, सेव फरीदाबाद के पारस भारद्वाज, एनआईटी आरडब्लूए कन्फेडरशन अध्यक्ष यशपाल जय सिंह, बन्नूवाल संगठन के वेद भाटिया, राजेश भाटिया व शहर के अनेक गणमान्य व्यक्तियों द्वारा किया जा रहा है।

मोर्चे के सदस्यों ने जानकारी देते हुए कहा कि हमारा पहला लक्ष्य सरकार, अधिकारियों और नेताओं का ध्यान इस वार्डबंदी के खिलाफ फैले आक्रोश की तरफ आकर्षित करना है। यदि इस वार्डबंदी को निरस्त करके जनता के हित में कोई संतोषजनक बदलाव नहीं किया जाता तो संवैधानिक दायरे में रहकर जिला व्यापी विरोध होगा। यह विरोध दलगत राजनीति से ऊपर उठ कर किया जाएगा और सभी राजनीतिक पार्टियों के लोग इसमें सामाजिक तौर पर हिस्सा लेंगे। मोर्चा आवश्यकता पडऩे पर कानूनन संघर्ष करने के लिए भी तैयार है। इस मोर्चे द्वारा कल्याण सिंह चौक से बीके चौक तक आगामी 26 मार्च 2022 को एक विशाल विरोध पदयात्रा का आयोजन भी किया जायेगा जिसमे शहर के अनेक गणमान्य व्यक्ति हिस्सा लेंगे। उसके बाद एक विशाल महापंचायत करने का भी प्रस्ताव मोर्चे द्वारा विचाराधीन है।

मोर्चे के कानूनी प्रकोष्ठ के सदस्य अधिवक्ता सनी खंडेलवाल ने इस वार्डवंदी को हरियाणा म्युनिसिपल निगम एक्ट 1994 की अवेहलना बताते हुए कहा कि न तो वार्डबंदी करते समय सम्बंधित अधिकारियों ने क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति का ध्यान रखा, न सीमाओं का और न ही प्रशासनिक सुगमता का। और भी काफी जगह कानून को ताक पर रख कर वार्डबंदी की गयी है जिसकी खिलाफत उनका प्रकोष्ठ न्यायालय में मजबूती से करेगा।

इस विषय में मोर्चे का एक प्रतिनिधि मंडल प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल , उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, और स्थानीय नेताओं से भी मिलकर अपनी समस्या उनके सामने रखेगा।
सत्तापक्ष के नेताओं को चेतावनी देते हुए ग्रीन फील्ड कालोनी आरडब्लूए के पदाधिकारी व मोर्चे के सदस्य राजेश कुमार शर्मा ने कहा कि यदि जनहित में ये वार्डबंदी पर पुन: विचार नहीं किया गया तो हम इन चुनावों का पुरजोर विरोध करेंगे। पर्वतीय कालोनी के राम सिंह यादव ने कहा कि यह वार्ड बंदी केवल सत्तापक्ष ने अपने प्रत्याशियों को ध्यान में रख कर की है और एक आम नागरिक के साथ धोखा किया है।

इससे पहले 15 व 16 मार्च 2022 को सेव फरीदाबाद , भाटिया सेवक समाज व विभिन्न आरडब्लूए ने अपना विरोध जिला उपायुक्त द्वारा गठित कमेटी के समक्ष लिखित में दर्ज कराया व मजबूती से अपना पक्ष रखा। आपत्ति की सुनवाई के लिए बुलाई गयी बैठक में अधिकतर समाजसेवी लोगों और संस्थाओं ने इस वार्डबंदी को घटिया राजनीति से प्रेरित बताया। उनका कहना था कि वार्डों को दो से तीन हिस्सों में बांटे जाने से लोगों को भविष्य में अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा जिससे न केवल जनसुविधाओं का लोगों तक पहुंचना मुहाल होगा बल्कि आपसी भाईचारा भी समाप्त होगा।

इस विरोध में बन्नूवाल वेलफेयर संस्था, 3 डी आरडब्लूए, एनआईटी आरडब्लूए कन्फेडरशन, 3सी आरडब्लूए, बडख़ल गाँव प्रतिनिधिमंडल, जवाहर कॉलोनी आरडब्लूए, ए सी नगर आरडब्लूए , अजरौंदा गाँव , दौलताबाद आरडब्लूए, बल्लबगढ़ , ओल्ड फरीदाबाद , सेक्टर 75-78 वेलफेयर कमेटी नहरपार, शहर की अनेकों गणमान्य संस्थाओं व प्रतिनिधियों ने अपना समर्थन दिया।बैठक मे परविंदर सिंह(जजपा), परमजीत कौर (आप), मुकेश चावला, युधिष्ठिर आहूजा, मोहसिन, राजेन्द्र भामला (पूर्व डिप्टी मेयर),आदित्य शर्मा, शीशपाल भड़ाना,लीलू पहलवान व शहर के अनेक गणमान्य समाजसेवी उपस्थित रहे।

मजे की बात यह है कि वार्डबन्दी की कवायद पर सरकार ने ढाई करोड़ रूपए में एक कम्पनी को क्षेत्र की जनगणना करने एवं वार्डबंदी का ठेका दिया था। इसमें जो सलाहकार बनाया था वह इसी नगर निगम का एक दागी अधिकारी रह चुका है। इसको भी कम से कम 8 से 10 लाख रूपए की आमदनी करा दी गयी है। इसके बावजूद सबसे मजेदार बात यह है कि शहर के लोग जब स्थानीय सांसद एवं मंत्री कृष्णपाल के पास गये तो उन्होंने साफ मना कर दिया इससे मेरा कोई ताल्लुक नहीं है। यही बात विधायक सीमा त्रिखा एवं अन्य विधायकों ने कही। और तो और वार्डबंदी के लिए पार्षदों की बनायी गयी कमेटी के मैम्बरों से जब नागरिकों ने बात की तो वह भी साफ मुकुर गये। उनका कहना था कि हमारे सामने तो कागज आये थे और हमसे दस्तखत करा लिये गये। विदित है कि यह तमाम कमेटी मैम्बर भाजपायी पार्षद है।

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