इंडस्ट्रियों में पी.एन.जी लगवाने के लिए गंभीर नहीं उद्यमी, चिमनियों से निकल रहा धुंआ, आबोहवा में घोल रहा जहर

इंडस्ट्रियों में पी.एन.जी लगवाने के लिए गंभीर नहीं उद्यमी, चिमनियों से निकल रहा धुंआ, आबोहवा में घोल रहा जहर
March 14 14:18 2022

करनाल।
प्रदेश सरकार द्वारा वातावरण को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए अनेकों कदम उठाए जा रहे है। पुराने वाहनों पर पाबंदी के अलावा प्रदेश सरकार की और से वातावरण की स्वच्छता के लिए पौधारोपण किया जा रहा है। किसानों को फसलों अवशेषों को न जलाने के लिए जागरूक किया जा रहा है। इसी क्रम में औद्योगिक क्षेत्रों में भी प्रदूषण का स्तर कम करने के लिए पी.एन.जी (पाइप्ड नेचुरल गैस) लगाने के आदेश सरकार द्वारा दिए गए है। उद्योगों को जैविक ईंधन पर लाने के लिए सी.एम सिटी में नवंबर-2020 में पी.एन.जी गैस की इंडस्ट्री को सप्लाई चालू की गयी थी हैरानी की बात है कि 14 माह बीतने के बाद अभी तक केवल 45 उद्यमियों ने ही अपने इंडस्ट्री में पी.एन.जी लगवाई है। एक तरफ जहां प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से वातावरण स्वच्छता के लिए सख्त है और दूसरी तरफ उद्यमी पी.एन.जी. न लगावा कर सरकार के आदेशों की अवहेलना कर रहे है। वहीं विभाग के अधिकारी अपनी कमजोर कार्यप्रणाली के चलते केवल नोटिस देने तक ही सीमित रह गए है। हरियाणा स्टेट इंड्रस्टियल डेवेलपमेंट कार्पोरेशन की ओर से उद्यमियों के पास नोटिस जाने के बाद पी.एन.जी. लगवाने के लिए गंभीर नहीं है उसके बाद भी अपनी इंडस्ट्रियों में पेट्रोल व डीजल जलाकर शहर की आबोहवा में जहर घोलने का काम कर रहे है और लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे है।

प्रदूषण से घर के बाहर का फर्श भी हो जाता है काला
सैक्टर-16 निवासी राहुल ने बताया कि रोजाना घर के आंगन की सुबह-शाम साफ-सफाई की जाती है। सुबह जब उठते हैं तो बरामदे में बारीक धूल जमी होती है, जोकि झाड़ू मारने पर आंखों व नाक में जाती है। सप्ताह में एक-दो बार जरूर इस समस्या का सामना करना पड़ता है। उनका आरोप है कि रात के समय विभाग की नजर से बच कर फैक्ट्रियों की चिमनियों से वातावरण में गंदगी निकाली जाती है।

कंकरीट के जंगलों की बलि चढ़े हजारों पेड़
शहरों के चारों तरफ सडक़ों का जाल बिछाने के लिए हजारों की संख्या में पेड़ों की बलि दी जा चुकी है। पेड़ कटाई में राज्य वृक्ष पीपल को भी काटने से बचाने के लिए जिम्मेदारों की तरफ से योजना नहीं बनाई जाती है। इसमें एक उदाहरण कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कालेज अस्पताल फेस-2 के निर्माण के लिए पीपल के वर्षों पुराने पेड़ की बलि चढ़ाना भी है। पर्यावरण प्रेमी एस.डी अरोड़ा ने बताया कि किसी भी शहर की इंडस्ट्री उसकी रीढ़ होती है और प्रशासनिक अधिकारियों के हाथों में वातावरण की स्वच्छता की जिम्मेदारी। दोनों ही वर्गों में प्रदूषण को कम करने के लिए किए गए प्रयास काफी कम है। सडक़ों व बिल्डिंगों के निर्माण के लिए राज्य वृक्ष को काटने की विभाग परमिशन ले और दे रहे हैं। इंडस्ट्रियल क्षेत्र में साफ-सफाई से वहां के वातावरण का बखूबी अंदाजा लगाया जा सकता है।

दो बार नोटिस देने के बाद 14 महीने में मात्र 45 इंडस्ट्री ने अपनाई पी.एन.जी
एच.एस.आइ.आइ.ङी.सी. विभाग से मिली जानकारी के अनुसार एन.सी.आर क्षेत्र में आने वाले उद्यमों को पी.एन.जी और सी.एन.जी पर आने के लिए 30 सितंबर 2022 तक का समय दिया गया है। सैक्टर-3 इंडस्ट्रियल एरिया में करीब 458 इंडस्ट्री है विभाग द्वारा जिन इंडस्ट्रियों में इंधन के रूप में पेट्रोल, डीजल या कोयले का प्रयोग किया जाता है उन इंडस्ट्रियों में पी.एन.जी लगवाने के निर्देश दिए गए है। विभाग द्वारा पी.एन.जी लगवाने के लिए पिछले 14 माह में संबधित इंडस्ट्रियों को 2 बार नोटिस जारी किया चुका है। अब तक करीब 45 फैक्ट्रियों में ही पी.एन.जी कनेक्शन लग पाए है।

इंडस्ट्रियल ऐरिया में पी.एन.जी पाईप लाईन बिछाने का काम हो चुका पूरा: अंकुश
शहर में पी.एन.जी पाइप लाइन बिछाने वाली कंपनी इंद्रप्रस्थ गैस के क्षेत्रीय अधिकारी अंकुश जैन ने बताया कि जिला के औद्योगिक क्षेत्र में पी.एन.जी पाइप लाइन बिछाने का काम पूरा हो चुका है। लगभग 458 में से अब तक केवल 45 फैक्ट्रियों ने पी.एन.जी कनेक्शन लिए हैं। उनका कहना है कि जल्द ही अल्लीपुरा खालसा, मुगलमाजरा में भी पी.एन.जी चालू कर दी जाएगी।

हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड करनाल के क्षेत्रीय निदेशक शैलेंद्र अरोड़ा ने बताया कि औद्या्ेगिक क्षेत्रों में प्रदूषण को कम करने के लिए एच.एस.आइ.आइ.डी.सी के अधिकारियों से कई बार चर्चा हो चुकी है। प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए उद्यमियों को नोटिस भी दिए गए हैं लेकिन उसे नजरअंदाज किया जा रहा है। इंडस्ट्री संचालकों के पास 30 सिंतबर तक का समय है। इस दौरान आदेशों की पालना के लिए जागरूक किया जा रहा है।

एच.एस.आइ.आइ.डी.सी के एडिशनल जी.एम. विनीत भाटिया ने बताया कि उनके द्वारा जिन इंडस्ट्रियों में इंधन का प्रयोग किया जाता है। उन इंडस्ट्रियों के संचालाकोंं को पी.एन.जी लगवाने के लिए दो बार नोटिस जारी किया जा चुका है।

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Mazdoor Morcha
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