मेट्रो अस्पताल और सिटी प्रेस क्लब फरीदाबाद में हुआ टाईअप, पत्रकारों को मिले फैमिली हैल्थ कार्ड

मेट्रो अस्पताल और सिटी प्रेस क्लब फरीदाबाद में हुआ टाईअप, पत्रकारों को मिले फैमिली हैल्थ कार्ड
March 07 14:54 2022

फरीदाबाद। विश्व-विख्यात कहलाने वाले मेट्रो अस्पताल एवं सिटी प्रेस क्लब के संयुक्त तत्वावधान में फैमिली हैल्थ कार्ड वितरण समारोह का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर अस्पताल की ओर से सिटी प्रेस क्लब फरीदाबाद के सभी सदस्यों को हेल्थ कार्ड वितरित किए गए। इस भव्य समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर थे, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता मेट्रो अस्पताल के चेयरमैन पदमश्री डॉ. पुरुषोत्तम लाल ने की।

इस अवसर पर अस्पताल के सीईओ रिटायर्ड मेजर जरनल वी के दत्ता, डायरेक्टर डा. नीरज जैन, सिटी प्रेस क्लब के अध्यक्ष बिजेंद्र बंसल, एडवोकेट अश्वनी त्रिखा , अस्पताल की मीडिया प्रमुख सना तारीक,मेट्रो कैंसर अस्पताल के निदेशक डा. सुमंत गुप्ता एवं अस्पताल के जीएम डा. विशाल शर्मा सहित क्लब के सभी पदाधिकारी और पत्रकार सदस्य काफी संख्या में उपस्थित थे। इस अवसर पर गुर्जर एवं डा. लाल ने सिटी प्रेस क्लब के सभी सदस्योंं को हेल्थ कार्ड वितरित किए।

केंद्रीय मंत्री ने की मीडिया की तारीफ
समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने कहा कि फरीदाबाद में उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने का श्रेय मेट्रो अस्पताल के चेयरमैन डॉ. पुरुषोत्तम लाल को जाता है। उन्होंने फरीदाबाद में मेट्रो अस्पताल की नींव रखकर इस क्षेत्र को बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की हैं। गुर्जर ने अस्पताल के निदेशक एवं हार्ट सर्जन डा. नीरज जैन एवं डा. सुमंत गुप्ता की भी जमकर प्रशंसा की। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार के शासनकाल एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में स्वास्थ्य सेवाओं का तेजी से विस्तार हुआ है। आज सरकारी अस्पतालों में भी उच्च स्तरीय सेवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। वहीं निजी क्षेत्र में भी अस्पताल बेहतरीन कार्य कर रहे हैं। कोरोना काल में निजी क्षेत्र के अस्पतालों ने इस महामारी से लोगों को बचाने में सक्रिय भूमिका निभाई है।

पत्रकारों को हैल्थ कार्ड
गुर्जर ने कहा कि मेट्रो अस्पताल ने यह सराहनीय कार्य किया है। लोकतंत्र में मीडिया की भूमिका चौथे स्तंम्भ के रूप में है। पत्रकार साथी अपने कार्य को बिना दिन रात का समय देखे बेहतर तरीके से करते हैं। इसलिए वह मेट्रो अस्पताल को बधाई देते हैं कि उन्होंने सिटी प्रेस क्लब के सदस्यों को अपने परिवार में शामिल किया है।

डा. पुरुषोत्तम लाल ने किया स्वागत
इस अवसर पर मेट्रो अस्पताल के चेयरमैन डा. पुरूषोत्तम लाल ने कहा कि उनके समक्ष जब पत्रकार साथियों को फैमिली हैल्थ कार्ड देने का प्रस्ताव आया तो उन्होंने सहर्ष उसे स्वीकृति प्रदान कर दी। उनके मुताबिक यह कार्य बेहद स्वागत योग्य है। कोरोना महामारी के दौरान देश में जब सभी लोग अपने घरों में कैद होकर रह गए थे, तब केवल स्वास्थ्य सेवा से जुड़े लोग एवं पत्रकारों ने अपनी डयूटी का ईमानदारी एवं पूरी निष्ठा से निर्वाहन किया। मीडिया ने अपने साहस के बल पर पूरे देश और दुनिया को महामारी की पल पल की रिर्पोटिंग दी और उन्हें जागरूक करने का काम किया। इस दौरान बहुत से मीडिया कर्मियों ने अपनी जान भी गंवाई है। मेट्रो अस्पताल का भी दायित्व है कि वह मीडिया के साथियों के लिए कुछ करे।

स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ ले सके
यही वजह है कि सिटी प्रेस क्लब के सभी सदस्यों के परिवारों को उचित इलाज उपलब्ध करवाने के लिए ही यह कार्ड बनाकर दिए गए हैं, ताकि वे मेट्रो अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ ले सकें। इस अवसर पर क्लब के प्रधान बिजेंद्र बंसल ने केंद्रीय मंत्री गुर्जर, मेट्रो अस्पताल एवं कार्यक्रम में आए हुए सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। क्लब के कार्यकारी प्रधान नवीन धमीजा, सरंक्षक उत्तमराज, सरंक्षक महेंद्र चौधरी, महासचिव संजय कपूर, वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेश शर्मा, उपाध्यक्ष सुशील भाटिया, कोषाध्यक्ष प्रितपाल माटा, उपाध्यक्ष डी राजपूत, संगठन महासचिव दीपक गौतम सहित सभी सदस्यों ने मेट्रो अस्पताल का धन्यवाद किया। कार्यक्रम के अंत में मेट्रो अस्पताल की मीडिया प्रभारी सना तारीक ने आए हुए सभी अतिथियों का धन्यवाद किया।

पत्रकारों ने झुनझुना लेने से किया इंकार
प्रेस क्लब के एक पदाधिकारी नवीन धमीजा ने बताया कि मेट्रो अस्पताल वालों ने वायदा तो किया था 50 प्रतिशत छूट देने का, वह भी ओपीडी में। लेकिन जब फैमिली कार्ड उन्हें दिये जाने लगे तो उसमें 50 प्रतिशत की जगह 25 प्रतिशत ही लिखा था। इसे देखते हुए पत्रकारों ने अस्पताल की पेशकश को ठुकरा दिया। देखा जाये तो ओपीडी में 50 या 25 प्रतिशत की छूट कोई मायने नहीं रखती है। हां, अस्पताल में भर्ती होने, ऑपरेशन कराने या विभिन्न प्रकार की जांच कराने में कोई छूट दी जाये तो कोई बात बनती है।

ओपीडी में बैठे डॉक्टरों से सलाह लेने का जहां तक सवाल है, यह काम तो बीके में बैठे कई विशेषज्ञ डॉक्टर भी अच्छा कर सकते हैं। ईएसआई मेडिकल कॉलेज में, जहां मेट्रो से कहीं अधिक विद्वान विशेषज्ञ मौजूद है, ओपीडी की सेवा तो वे भी आसानी से दे ही सकते हैं।

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Mazdoor Morcha
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