फरीदाबाद (म.मो.) शहर की गरीब जनता को सरकार द्वारा सस्ते राशन के अलावा मुफ्त राशन भी बड़े पैमाने पर बांटा जा रहा है। यह काम राज्य सरकार के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा सैंकड़ो राशन डिपुओं के माध्यम से किया जाता है। चहुं ओर व्याप्त भ्रष्टाचार के इस दौर में सरकार द्वारा जनता को दी जाने वाली कोई चीज़, खास तौर पर मुफ्त दी जाने वाली कोई वस्तु उस तक पहुंच जाए, यकीन नहीं होता। इसकी तस्दीक करने के लिये ‘मज़दूर मोर्चा’ ने चार नम्बर स्थित आदर्श कॉलोनी के एक रम्भा नामक डिपो 108800100185 की जांच-पड़ताल करने पर पाया कि डिपो मालिक आधे से अधिक राशन खुले बाजार में बेचकर खुद ही डकार जाता है।
गहराई से पूछ-पड़ताल करने के लिये इस संवाददाता ने इलाके के छत्तीस कार्डधारकों से बात-चीत करके पाया कि डिपो से 361 परिवार राशन लेते हैं। राशन के नाम पर गेहूं, चीनी, नमक (सरसों का तेल बंद हो चुका है) मिलता है। पांच किलो गेहूं प्रति व्यक्ति के हिसाब से दो रुपये किलो के भाव, दिया जाता है। एक किलो चीनी प्रति परिवार 15 रुपये की दर से तथा एक किलो नमक पांच रुपये के भाव से दिया जाता है। गेहूं तो सभी को बराबर मिलता है लेकिन चीनी व नमक केवल बीपीएल वालों के लिये होता है। इसके अलावा इतना ही गेहूं पूरी तरह मुफ्त सभी कार्डधारकों को दिये जाने का प्रावधान है।
खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा इसी हिसाब से पूरा गेहूं डिपो धारक को दे दिया जाता है लेकिन रम्भा डिपो इसके वितरण में भारी घोटाला खुलेआम करता है। कार्डधारकों को दिये जाने वाले दोनों प्रकार के गेहूं में वह पांच किलो से लेकर दस किलो तक का गोल-माल करता है। स्पष्ट शब्दो में कहा जाय तो वह किसी भी कार्डधारक को दिये जाने वाले गेहूं की एंट्री तो अपने रजिस्टर में मान लो 50 किलो की करता है लेकिन देता 40 किलो ही है। इसके अलावा डिपो खुलने का न तो कोई निश्चित दिन है, और न कोई समय है। जिस दिन और जिस टाइम चाहे वह डिपो को खोलता है। इसके चलते दर्जनों कार्डधारक अपने राशन से वंचित रह जाते हैं। एनआईटी क्षेत्र की एएफएसओ अंजु बाला को उनके नम्बर 9818464415 पर फोन करके सरकारी पक्ष जानने का बार-बार प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।