फरीदाबाद (म.मो.) आजकल अतिक्रमण हटाओ अभियान चर्चा में है यूं तो इस तरह के अभियान बहुत चलते आयें हैं पर इस बार कुछ बात और सी लगी इसका श्रेय कहीं ना कहीं नगर निगम कमिश्नर यशपाल यादव को ही जाता है और इसको लेकर यादव जी काफी चर्चा में हैं। इसमे कोई भी दो राय नहीं की उन्होंने काम भी ऐसा ही किया है।
लेकिन जिस तरह एक बूँद खट्टे की दूध को दही में परिवर्तित कर देती है ठीक इसी तरह अतिक्रमण के दौरान कुछ ऐसी बाते निकल कर आई जिसमें देखा गया की अतिक्रमण तो हटाए जा रहे हैं पर चेहरे देख कर जब इस बात को ‘मजदूर मोर्चा’ ने यादव जी से पूछा, कि कई जगह पर चेहरा देखकर काम किया जा रहा है। तो निगमायुक्त ने कहा कि आप ऐसी जगह बताईये जहां चेहरा देखकर काम किया जा रहा है।
तो फिर चलिये एनआईटी नम्बर-3 स्थित चिमनीबाई धर्मशाला वाली रोड पर। जिसमें आप देखेंगे की सबसे पहले प्राची अस्पताल, इरोज, केदार अस्पताल, संतोष अस्पताल और अन्य भी हैं जो अतिक्रमण के सही उदहारण हैं । यादव जी की माने तो हो सकता है उनकी नजर में अतिक्रमण हटाने का कार्य सही चल रहा हो पर हकीकत धरातल पर कुछ और ही बयां कर रही है क्या यह जो लोग अपनी अतिक्रमण को हटाने को तैयार नहीं हैं तो यह किसकी शह पर? क्या यादव जी के निचले अधिकारी उनकी मेहनत पर पलीता लगा रहे हैं या फिर उन पर किसी सत्ता से जुड़े नेता का हाथ है? अगर ऐसा नहीं होता तो जहां पर लोग अपने द्वारा अवैध अतिक्रमण को खुद ही हटा रहे हैं वही ये लोग ज्यों के त्यों ही अड़े हुए हैं ।