फरीदाबाद (म.मो.) जनता से वसूले गये टैक्स को बर्बाद करने व लूट खाने में नगर निगम तो था सो था अब स्मार्ट सिटी कम्पनी लिमिटेड भी आ धमकी है। इसके द्वारा शहर की सडक़ों पर 1000 कैमरे लगाने का कार्यक्रम घोषित किया गया है। जाहिर है कि इस मद में करोड़ों रुपये के वारे-न्यारे हो जायेंगे, कैमरे जैसे चलेंगे और जितने दिन चलेंगे, सभी जानते हैं। बहुत दिन नहीं हुए जब लाखों रुपये बर्बाद करके उस बाईपास पर रेड लाईट व कैमरे लगाये गये थे जिसके नवनिर्माण का कार्यक्रम घोषित हो चुका था जो अब प्रगति में है। जाहिर है कि हाल में लगी रेड लाइटें व कैमरे आदि बेकार हो जायेंगे। हो सकता है कि बेकार होने का अनुमान पहले से ही लगाकर बेकार कैमरे ही वहां लगाये गये हों।
प्रचारित किया जा रहा है कि इन कैमरों से अधिकारीगण अपने वातानुकूलित दफ्तरों में बैठे-बैठे ही शहर में हो रहे अवैध कब्जों व निमार्णों को देख कर नियंत्रित कर सकेंगे। इससे बड़ा कोई मजाक हो नहीं सकता। क्या अब तक हो रहे अवैध कब्जे व निर्माण इन अफ्सरों को दिखाई नहीं दे रहे? क्या इनको बचाये रखने एवं तोड़-फोड़ का भय दिखाकर मोटी वसूलियां नहीं की जा रही? हां, कैमरों के द्वारा, यदि वे चालू रह पाये तो, दफ्तर में बैठे-बैठे ही अधिकारीगण अपने शिकारों को देख कर पकड़ लेंगे; इसके लिये उन्हें अपने छोटे कर्मचारियों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। फ़िलहाल ऐसे कोई कैमरे नहीं बन पाये हैं जो स्वत: अवैध निर्माणों व कब्जों को ध्वस्त कर सकें।
यदि ये कैमरे नहीं चल पाये, जिसकी पूरी सम्भावना है, तो उनकी मरम्मत आदि के लिये अलग से टेंडर निकाले जायेंगे। कहने की जरूरत नहीं कि हर टेंडर अधिकारियों को काफी कुछ देकर ही जाता है।