फरीदाबाद (म.मो.) सोमवार 20 सितम्बर को स्थानीय एसडीएम परमजीत चहल ने अपना रिलीविंग टाइप तो करवा दिया था परन्तु उसे अपने दफ्तर से बाहर नहीं जाने दिया, क्योंकि उन्हें अपनी जुगाड़बाज़ी की कला पर पूरा भरोसा था। इसी जुगाड़बाज़ी के द्वारा इन्होंने अपना तबादला आदेश रद्द करवा कर शुक्रवार को पुन: चार्ज सम्भाल लिया।
करीब एक वर्ष पूर्व वे एसडीएम हिसार के पद पर तैनात थे। लेकिन वहां फरीदाबाद जितनी कमाई नहीं थी। इसलिये उन्होंने यहां के कुछ लोगों को पटा कर स्थानीय विधायक नरेन्द्र गुप्ता तक अपनी पहुंच बनाई जिसके द्वारा वे फरीदाबाद में ‘हूडा’ के सम्पदा अधिकारी हो गये। यहां कुछ माह अच्छी-खासी लूट कमाई करते समय उनको महसूस हुआ कि एसडीएम की कमाई कहीं ज्यादा हो रही है। इसलिये चहल ने मुख्यमंत्री खट्टर के राजनीतिक ‘सलाहकार’ अजय गौड़ की भेंट पूजा करके एसडीएम पद हथिया लिया।
यह पद तो हथिया लिया लेकिन यहां के तमाम राजनेताओं को चहल संतुष्ट न कर पाये, बेशक वे परिवहनमंत्री मूलचंद से लेकर केन्द्रीयमंत्री कृष्णपाल तक खूब चक्कर लगाते रहे। इन नेताओं की नाराजगी को लेकर बीते सप्ताह उनका तबादला स्थानीय स्वशासन विभाग पलवल में हो गया।
जाहिर है कि एसडीएम फरीदाबाद के मुकाबले वहां भूखों मरने जैसी स्थिति हो जाती। लिहाज़ा चहल ने अपने सारे घोड़े दौड़ा दिये, लेकिन जब कहीं बात न बनी तो उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की शरण में जाकर दंडवत हो गए, भेंट पूजा तो होती ही है। यह जुगाड़ काम आया और उन्होंने फिर से एसडीएम की कुर्सी हथिया ली। जाहिर है कि अब यहां बैठकर चौके-छक्के लगाकर खट्टर के भ्रष्टाचार मुक्त जुमले को सार्थक कर देंगे।